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Brahma Kumaris Murli Manthan 25-06-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 25-06-2020

"मीठे बच्चे - बेहद के सुखों के लिए तुम्हें बेहद की नॉलेज मिलती है, तुम फिर से राजयोग की शिक्षा से राजाई ले रहे हो''

प्रश्नः-

तुम्हारा ईश्वरीय कुटुम्ब किस बात में बिल्कुल ही निराला है?

उत्तर:-

इस ईश्वरीय कुटुम्ब में कोई एक रोज़ का बच्चा है, कोई 8 रोज़ का लेकिन सब पढ़ रहे हैं। बाप ही टीचर बनकर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह है निराली बात। आत्मा पढ़ती है। आत्मा कहती है बाबा, बाबा फिर बच्चों को 84 जन्मों की कहानी सुनाते हैं।

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) किसी भी बात में संशय बुद्धि नहीं बनना है, माया के तूफानों को महावीर बन पार करना है, ऐसा योग में रहो जो माया का तूफान हिला न सके।

2) अक्लमंद बन अपनी जीवन ईश्वरीय सेवा में लगानी है। सच्चा-सच्चा रूहानी सोशल वर्कर बनना है। रूहानी पढ़ाई पढ़नी और पढ़ानी है।

वरदान:-

संकल्प रूपी बीज को कल्याण की शुभ भावना से भरपूर रखने वाले विश्व कल्याणकारी भव

जैसे सारे वृक्ष का सार बीज में होता है ऐसे संकल्प रूपी बीज हर आत्मा के प्रति, प्रकृति के प्रति शुभ भावना वाला हो। सर्व को बाप समान बनाने की भावना, निर्बल को बलवान बनाने की, दु:खी अशान्त आत्मा को सदा सुखी शान्त बनाने की भावना का रस वा सार हर संकल्प में भरा हुआ हो, कोई भी संकल्प रूपी बीज इस सार से खाली अर्थात् व्यर्थ न हो, कल्याण की भावना से समर्थ हो तब कहेंगे बाप समान विश्व कल्याणकारी आत्मा।

स्लोगन:-

माया के झ्मेलों से घबराने के बजाए परमात्म मेले की मौज मनाते रहो।

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About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.