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Brahma Kumaris Avyakt Murli Manthan 22-01-86 Dated 14-06-2020

Brahma Kumaris Avyakt Murli Manthan 22-01-86 Dated 14-06-2020

बापदादा की आशा - सम्पूर्ण और सम्पन्न बनो

Aaj Baba Murli Me Bata rahe hai ki mithe bacche murliyan toh bahut sun li abb usse apne ander dharana karke sampuran aur sampann banna hain. Apne ander parivartan karna hain. Kewal sunne se nahi hoga na. Agar sampuran aur sampann banna chahte hai toh hame baba ke srimat ko apne life me dharan karna hoga aur dharan karke waisa swarup banna hai aur dusro ko banana hain.

Baap dada sacche bedeg aur amulya hiro ka haar banana chahte hain. ek Ek Hire ki chamak hadd tak nahi behad tak jaye. Toh bacche check kare ki jo mala baap-dada banana chahte hain usme ham kaun se hire hain aur koi daag toh nahi hai na. Baap Dada waise hiro ko chunege jisme koi daag nahi ho. Uski chamak bhi bahut tej honi chahiye taki uski chamak dur behad tak jaye.

Aaj baba behad ke sewa ke bare me bata rahe hain ki hadd ki sewa bahut ki aab behad ke sewadhari banna hain. Behad ki drishti rakhege tab jakar srishti parivartan ho.

आपकी वृत्ति से देश-विदेश के वायुमण्डल में यह एक ही आवाज गूँजे कि बेहद के मालिक विश्व के मालिक, बेहद के राज्य अधिकारी, बेहद के सच्चे सेवाधारी हमारे देव आत्मायें आ गये। अभी यह बेहद का एक अवाज देश-विदेश में गूंजे। तब सम्पूर्णता और समाप्ति समीप अनुभव होगी। समझा - अच्छा।

Aaj baba ne bahut hi bada gahra raj samjhaya ki apne vriti se shrishti parivartan karna hai. Hamare vriti se aisa vibration nikle ki desh vishesh ki sabhi aatmaye yeh bol uthe ki koi dev aatmaye aa gaye hain. Jab aisi behad ki aawaz ek sath sabhi aatmaon se nikle tab sampuranta aur smapti najdik anubhaw hoga.



देश-विदेश के सभी बच्चों प्रति बापदादा ने सन्देश के रूप में यादप्यार दी

अच्छा - सभी अपने-अपने नाम और विशेषता से बांहो की माला सहित यादप्यार स्वीकार करना।

Aaj baba sabhi desh-videsh ke baccho ko vishes yaad-pyar de rahe hain. Aur itna pyar se sabko apne naam aur visheshta sahit baho ki mala ham aatmao ko gale me dal rahe hai. Wah Baba wah, thank you baba. Mithe baba. 

Baba ne kha ki samay prati samay jo bhi ishare baba se hame milte hain usse practical me lana hain. Aur Hamesha udti kala ki resh karo.

याद में, सेवा में, दिव्य गुण मूर्त बनने में और साथ-साथ ज्ञान स्वरूप बन ज्ञान चर्चा करने में, चार ही सब्जेक्ट में उड़ती कला की रेस में नम्बर विशेष लेने का यह वर्ष का चांस है। 

सिल्वर जुबली में आई हुई टीचर्स बहनों के प्रति अव्यक्त महावाक्य

स्व परिवर्तन और बेहद का परिवर्तन

 किसी भी प्रकार के हद के बन्धन में बंधे हुए तो नहीं हैं ना! बन्धन मुक्त ही बेहद की सेवा में सफल होंगे।

तो दृढ़ संकल्प लेना भी कामन हो गया है। कहने में दृढ़ संकल्प आता है लेकिन होता है संकल्प। अगर दृढ़ होता तो दुबारा नहीं लेना पड़ता।

अभी नया क्या करेंगे?


इसके लिए विशेष अटेन्शन - हर कर्म करने के पहले यह लक्ष्य रखो कि मुझे स्वयं को सम्पन्न बनाए सैम्पुल बनाना है।

जब एक इतना छोटा-सा एटम बाम्ब भी कमाल कर दिखाता है तो यह इतने आत्मिक बाम्बस क्या नहीं कर सकते हैं।

संस्कार मिलाने से संगठन मजबूत बन ही जाता है।

सेवा वर्तमान और भविष्य दोनों को ही श्रेष्ठ बनाती है। सेवा का बल कम नहीं है। याद और सेवा दोनों का बैलन्स चाहिए।

वरदान:-

कर्मो की गति को जान गति-सद्गति का फैंसला करने वाले मास्टर दु:ख हर्ता सुख कर्ता भव

अभी तक अपने जीवन की कहानी देखने और सुनाने में बिजी नहीं रहो। बल्कि हर एक के कर्म की गति को जान गति सद्गति देने के फैंसले करो। मास्टर दु:ख हर्ता सुख कर्ता का पार्ट बजाओ। अपनी रचना के दु:ख अशान्ति की समस्या को समाप्त करो, उन्हें महादान और वरदान दो। खुद फैसल्टीज़ (सुविधायें) न लो, अब तो दाता बनकर दो। यदि सैलवेशन के आधार पर स्वयं की उन्नति वा सेवा में अल्पकाल के लिए सफलता प्राप्त हो भी जाये तो भी आज महान होंगे कल महानता की प्यासी आत्मा बन जायेंगे।

स्लोगन:-

अनुभूति न होना-युद्ध की स्टेज है, योगी बनो योद्धे नहीं।

Om Shanti
Thank You Baba
Mithe Baba, Pyare Baba, Mera Baba

Is there a way one can have control on his thinking?

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About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.