Brahma Kumaris Murli Manthan 10 June 2020
"मीठे बच्चे - अपना कल्याण करना है तो हर प्रकार की परहेज रखो, फूल बनने के लिए पवित्र के हाथ का शुद्ध भोजन खाओ''प्रश्नः-
तुम बच्चे अभी यहाँ ही कौन-सी प्रैक्टिस करते हो, जो 21 जन्म तक रहेगी?
उत्तर:-
सदा तन-मन से तन्दुरूस्त रहने की प्रैक्टिस तुम यहाँ से ही करते हो। तुम्हें दधीचि ऋषि मिसल यज्ञ सेवा में हड्डियां भी देनी हैं लेकिन हठयोग की बात नहीं है। अपना शरीर कमजोर नहीं करना है। तुम योग से 21 जन्मों के लिए तन्दुरूस्त बनते हो, उसकी प्रैक्टिस यहाँ से करते हो।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अन्तर्मुखी बन अपने आप से बातें करनी हैं - जबकि हम देवता बनते हैं तो हमारी चलन कैसी है! कोई अशुद्ध खान-पान तो नहीं है!
2) अपना भविष्य 21 जन्मों के लिए ऊंचा बनाना है तो सुदामें मिसल जो कुछ है भोलानाथ बाप के हवाले कर दो। पढ़ाई के लिए कोई भी बहाना न दो।
वरदान:-
सत्यता, स्वच्छता और निर्भयता के आधार से प्रत्यक्षता करने वाले रमता योगी भव
स्लोगन:-
बेहद की दृष्टि, वृत्ति ही युनिटी का आधार है, इसलिए हद में नहीं आओ।
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