Brahma Kumaris Mamma Murli Manthan 24-06-2020
गीत:-
जाने न नज़र, पहचाने जिगर...
"आप आत्मायें जब स्वच्छ बनो तब यह संसार सुखदाई बनें, दु:खों का कारण - 5 विकारों के वशीभूत होकर किये गये कर्म'' (मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य)
दूसरी मुरली:- 1957
गीत:- मेरा छोटा-सा देखो ये संसार है...।
बाबा शब्द की स्मृति से कारण को निवारण में परिवर्तन करने वाले सदा अचल अडोल भव
कोई भी परिस्थिति जो भल हलचल वाली हो लेकिन बाबा कहा और अचल बनें। जब परिस्थितियों के चिंतन में चले जाते हो तो मुश्किल का अनुभव होता है। अगर कारण के बजाए निवारण में चले जाओ तो कारण ही निवारण बन जाए क्योंकि मास्टर सर्वशक्तिमान् ब्राह्मणों के आगे परिस्थितियां चींटी समान भी नहीं। सिर्फ क्या हुआ, क्यों हुआ यह सोचने के बजाए, जो हुआ उसमें कल्याण भरा हुआ है, सेवा समाई हुई है.. भल रूप सरकमस्टांश का हो लेकिन समाई सेवा है-इस रूप से देखेंगे तो सदा अचल अडोल रहेंगे।
स्लोगन:-
एक बाप के प्रभाव में रहने वाले किसी भी आत्मा के प्रभाव में आ नहीं सकते।
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