Brahma Kumaris Murli Manthan 01 July 2020
"मीठे बच्चे - बड़े-बड़े स्थानों पर बड़े-बड़े दुकान (सेन्टर) खोलो, सर्विस को बढ़ाने के लिए प्लैन बनाओ, मीटिंग करो, विचार चलाओ''
Aaj baba bole mithe bache, bade bade places main bada bada centre kholo, toh bahut sewa hoga. Bade log aayege toh jaldi baat failegi. Isliye isspar manthan karo, meeting karo.
प्रश्नः-
स्थूल वन्डर्स तो सब जानते हैं लेकिन सबसे बड़ा वन्डर कौन-सा है, जिसे तुम बच्चे ही जानते हो?
उत्तर:-
सबसे बड़ा वन्डर तो यह है जो सर्व का सद्गति दाता बाप स्वयं आकर पढ़ाते हैं। यह वन्डरफुल बात बताने के लिए तुम्हें अपने-अपने दुकानों का भभका करना पड़ता है क्योंकि मनुष्य भभका (शो) देखकर ही आते हैं। तो सबसे अच्छा और बड़ा दुकान कैपीटल में होना चाहिए, ताकि सब आकर समझें।
Phir baba bole, aaj ham sthool wonders toh jante hai, lekin yaha sabse bada wonder hai jo sarwa ka sadgati data hain wo khud hame paramdham chhodkar ham aatmao ko padhane aate hain. Swayang bhagwan hame padhane aate hain. Jab koi bahut bada guest teacher aate hain padhane dusre university me toh kitna naam hota hain. Aur students kitna attention dete hain. Yaha Brahma kumaris spiritual university me khud baap jo sabka teacher, guru, baap, sadgati data hai wo khud paramdham chhodkar yaha hame padhane aate hain. Toh kitna nasha rahna chahiye. Kitna attention dekar padhna chahiye. Baba kahte hain, murli - iss abinashi gyan ka ek ek words ratan hain, lakho-caroro ka hain. Iss abhinashi gyan murli ka bahut mahatwa hain.
गीत:-
मरना तेरी गली में.........
प्रश्न:-शिव भगवानुवाच। रूद्र भगवानुवाच भी कहा जा सकता है, क्यों?
उत्तर:-क्योंकि शिव माला नहीं गाई जाती है। जो मनुष्य भक्ति मार्ग में बहुत फेरते हैं उसका नाम रखा हुआ है रूद्र माला। बात एक ही है परन्तु राइट-वे में शिवबाबा पढ़ाते हैं। वह नाम ही होना चाहिए, परन्तु रूद्र माला नाम चला आता है। तो वह भी समझाना होता है। शिव और रूद्र में कोई फ़र्क नहीं है।
Aaj baba bole, aachi riti purushart karke mala ke dane me pirona hai. Mala toh 108 ki hoti hain. 108 ratan hi aa payege. Sab toh aa nahi sakege. Isliye baba bole, achi riti purushart karo, toh mala ke dane me aa jayege. Phir baba yeh bhi bole ki aise nahi ki sirf 108 ya 16108 ki mala hain, jitna bhi manushaya hain sabki mala hain. purushart aache se karni hain.
Baba aaj sewa ki bahut yuktiyan batate hain, ki tumeh kaise vichar sagar manthan karna hai ki sewa ko kaise badhaye. Bade bade jagah centre khole, aur bade bade logo ko invite kare. Aur center ke bahan kya kya creative things likhe ki log padhkar centre me aaye aur gyan prapt kare. Aur wonder khaye ki yaha kya hota hain.
विश्व में शान्ति कैसे हो सकती है आकर समझो,
21 जन्मों के लिए निरोगी कैसे बन सकते हो, आकर समझो।
21 जन्मों के लिए निरोगी, सतयुगी डबल सिरताज आकर बनो।
काल, अमर। ऐसी-ऐसी लिखत देखकर आयेंगे और समझने की कोशिश करेंगे।
अमरलोक का मालिक तुम कैसे बन सकते हो आकर समझो, बहुत टॉपिक्स निकल सकती हैं।
प्रश्न:-वह विनाशी धन तो कोई काम नहीं आयेगा। हमको तो क्या करना है?
उत्तर:-अपनी अविनाशी कमाई करनी है, इसमें बहुतों का कल्याण होगा। जैसे इस ब्रह्मा ने भी किया। फिर कोई भूख थोड़ेही मरते हैं। तुम भी खाते हो, यह भी खाते हैं। यहाँ जो खान-पान मिलता है वह और कहीं नहीं मिलता। यह सब कुछ बच्चों का ही है ना।
Baba kahte hain तुमसे कखपन पाई पैसे लेकर एक्सचेंज में क्या देता हूँ! इसलिए गाया जाता है रहमदिल। कौड़ी से हीरे जैसा बनाने वाला, मनुष्य को देवता बनाने वाला।
प्रश्न:-बाबा कितनी अच्छी-अच्छी प्वाइंट्स समझाते हैं, बच्चों को भूल जाती हैं, तब बाबा क्या कहते हैं?
उत्तर:-प्वाइंट्स लिखो। टॉपिक्स लिखते रहो। डॉक्टर लोग भी किताब पढ़ते हैं। तुम हो मास्टर रूहानी सर्जन। तुमको सिखलाते हैं आत्मा को इन्जेक्शन कैसे लगाना है। यह है ज्ञान का इन्जेक्शन। इसमें सुई आदि तो कुछ नहीं है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) एम ऑब्जेक्ट को सामने रख फ़खुर में रहना है, मास्टर रूहानी सर्जन बन सबको ज्ञान इन्जेक्शन लगाना है। सर्विस के साथ-साथ याद का भी चार्ट रखना है तो खुशी रहेगी।
2) बातचीत करने के मैनर्स अच्छे रखने हैं, ‘आप' कह बात करनी है। हर कार्य फ्राकदिल बनकर करना है।
वरदान:-
स्व कल्याण के प्रत्यक्ष प्रमाण द्वारा विश्व कल्याण की सेवा में सदा सफलतामूर्त भव
जैसे आजकल शारीरिक रोग हार्टफेल का ज्यादा है वैसे आध्यात्मिक उन्नति में दिलशिकस्त का रोग ज्यादा है। ऐसी दिलशिकस्त आत्माओं में प्रैक्टिकल परिवर्तन देखने से ही हिम्मत वा शक्ति आ सकती है। सुना बहुत है अब देखना चाहते हैं। प्रमाण द्वारा परिवर्तन चाहते हैं। तो विश्व कल्याण के लिए स्व कल्याण पहले सैम्पल रूप में दिखाओ। विश्व कल्याण की सेवा में सफलतामूर्त बनने का साधन ही है प्रत्यक्ष पमाण, इससे ही बाप की प्रत्यक्षता होगी। जो बोलते हो वह आपके स्वरूप से प्रैक्टिकल दिखाई दे तब मानेंगे।
स्लोगन:-
दूसरे के विचारों को अपने विचारों से मिलाना - यही है रिगार्ड देना।
"मीठे बच्चे - बड़े-बड़े स्थानों पर बड़े-बड़े दुकान (सेन्टर) खोलो, सर्विस को बढ़ाने के लिए प्लैन बनाओ, मीटिंग करो, विचार चलाओ''
Aaj baba bole mithe bache, bade bade places main bada bada centre kholo, toh bahut sewa hoga. Bade log aayege toh jaldi baat failegi. Isliye isspar manthan karo, meeting karo.
प्रश्नः-
स्थूल वन्डर्स तो सब जानते हैं लेकिन सबसे बड़ा वन्डर कौन-सा है, जिसे तुम बच्चे ही जानते हो?
उत्तर:-
सबसे बड़ा वन्डर तो यह है जो सर्व का सद्गति दाता बाप स्वयं आकर पढ़ाते हैं। यह वन्डरफुल बात बताने के लिए तुम्हें अपने-अपने दुकानों का भभका करना पड़ता है क्योंकि मनुष्य भभका (शो) देखकर ही आते हैं। तो सबसे अच्छा और बड़ा दुकान कैपीटल में होना चाहिए, ताकि सब आकर समझें।
Phir baba bole, aaj ham sthool wonders toh jante hai, lekin yaha sabse bada wonder hai jo sarwa ka sadgati data hain wo khud hame paramdham chhodkar ham aatmao ko padhane aate hain. Swayang bhagwan hame padhane aate hain. Jab koi bahut bada guest teacher aate hain padhane dusre university me toh kitna naam hota hain. Aur students kitna attention dete hain. Yaha Brahma kumaris spiritual university me khud baap jo sabka teacher, guru, baap, sadgati data hai wo khud paramdham chhodkar yaha hame padhane aate hain. Toh kitna nasha rahna chahiye. Kitna attention dekar padhna chahiye. Baba kahte hain, murli - iss abinashi gyan ka ek ek words ratan hain, lakho-caroro ka hain. Iss abhinashi gyan murli ka bahut mahatwa hain.
गीत:-
मरना तेरी गली में.........
प्रश्न:-शिव भगवानुवाच। रूद्र भगवानुवाच भी कहा जा सकता है, क्यों?
उत्तर:-क्योंकि शिव माला नहीं गाई जाती है। जो मनुष्य भक्ति मार्ग में बहुत फेरते हैं उसका नाम रखा हुआ है रूद्र माला। बात एक ही है परन्तु राइट-वे में शिवबाबा पढ़ाते हैं। वह नाम ही होना चाहिए, परन्तु रूद्र माला नाम चला आता है। तो वह भी समझाना होता है। शिव और रूद्र में कोई फ़र्क नहीं है।
Aaj baba bole, aachi riti purushart karke mala ke dane me pirona hai. Mala toh 108 ki hoti hain. 108 ratan hi aa payege. Sab toh aa nahi sakege. Isliye baba bole, achi riti purushart karo, toh mala ke dane me aa jayege. Phir baba yeh bhi bole ki aise nahi ki sirf 108 ya 16108 ki mala hain, jitna bhi manushaya hain sabki mala hain. purushart aache se karni hain.
Baba aaj sewa ki bahut yuktiyan batate hain, ki tumeh kaise vichar sagar manthan karna hai ki sewa ko kaise badhaye. Bade bade jagah centre khole, aur bade bade logo ko invite kare. Aur center ke bahan kya kya creative things likhe ki log padhkar centre me aaye aur gyan prapt kare. Aur wonder khaye ki yaha kya hota hain.
विश्व में शान्ति कैसे हो सकती है आकर समझो,
21 जन्मों के लिए निरोगी कैसे बन सकते हो, आकर समझो।
21 जन्मों के लिए निरोगी, सतयुगी डबल सिरताज आकर बनो।
काल, अमर। ऐसी-ऐसी लिखत देखकर आयेंगे और समझने की कोशिश करेंगे।
अमरलोक का मालिक तुम कैसे बन सकते हो आकर समझो, बहुत टॉपिक्स निकल सकती हैं।
प्रश्न:-वह विनाशी धन तो कोई काम नहीं आयेगा। हमको तो क्या करना है?
उत्तर:-अपनी अविनाशी कमाई करनी है, इसमें बहुतों का कल्याण होगा। जैसे इस ब्रह्मा ने भी किया। फिर कोई भूख थोड़ेही मरते हैं। तुम भी खाते हो, यह भी खाते हैं। यहाँ जो खान-पान मिलता है वह और कहीं नहीं मिलता। यह सब कुछ बच्चों का ही है ना।
Baba kahte hain तुमसे कखपन पाई पैसे लेकर एक्सचेंज में क्या देता हूँ! इसलिए गाया जाता है रहमदिल। कौड़ी से हीरे जैसा बनाने वाला, मनुष्य को देवता बनाने वाला।
प्रश्न:-बाबा कितनी अच्छी-अच्छी प्वाइंट्स समझाते हैं, बच्चों को भूल जाती हैं, तब बाबा क्या कहते हैं?
उत्तर:-प्वाइंट्स लिखो। टॉपिक्स लिखते रहो। डॉक्टर लोग भी किताब पढ़ते हैं। तुम हो मास्टर रूहानी सर्जन। तुमको सिखलाते हैं आत्मा को इन्जेक्शन कैसे लगाना है। यह है ज्ञान का इन्जेक्शन। इसमें सुई आदि तो कुछ नहीं है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) एम ऑब्जेक्ट को सामने रख फ़खुर में रहना है, मास्टर रूहानी सर्जन बन सबको ज्ञान इन्जेक्शन लगाना है। सर्विस के साथ-साथ याद का भी चार्ट रखना है तो खुशी रहेगी।
2) बातचीत करने के मैनर्स अच्छे रखने हैं, ‘आप' कह बात करनी है। हर कार्य फ्राकदिल बनकर करना है।
वरदान:-
स्व कल्याण के प्रत्यक्ष प्रमाण द्वारा विश्व कल्याण की सेवा में सदा सफलतामूर्त भव
जैसे आजकल शारीरिक रोग हार्टफेल का ज्यादा है वैसे आध्यात्मिक उन्नति में दिलशिकस्त का रोग ज्यादा है। ऐसी दिलशिकस्त आत्माओं में प्रैक्टिकल परिवर्तन देखने से ही हिम्मत वा शक्ति आ सकती है। सुना बहुत है अब देखना चाहते हैं। प्रमाण द्वारा परिवर्तन चाहते हैं। तो विश्व कल्याण के लिए स्व कल्याण पहले सैम्पल रूप में दिखाओ। विश्व कल्याण की सेवा में सफलतामूर्त बनने का साधन ही है प्रत्यक्ष पमाण, इससे ही बाप की प्रत्यक्षता होगी। जो बोलते हो वह आपके स्वरूप से प्रैक्टिकल दिखाई दे तब मानेंगे।
स्लोगन:-
दूसरे के विचारों को अपने विचारों से मिलाना - यही है रिगार्ड देना।