Amazon

Brahma Kumaris Murli Manthan 29 May 2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 29 May 2020

"मीठे बच्चे - तुम्हें नशा रहना चाहिए कि जिस शिव की सभी पूजा करते हैं, वह अभी हमारा बाप बना है, हम उनके सम्मुख बैठे हैं”

Sada Suhagan ka arth

shiv mandir me jakar, nandi ke kan me kahna gupt rup se

प्रश्नः-

मनुष्य भगवान से क्षमा क्यों मांगते हैं? क्या उन्हें क्षमा मिलती है?

उत्तर:-

मनुष्य समझते हैं हमने जो पाप कर्म किये हैं उसकी सज़ा भगवान धर्मराज से दिलायेंगे, इसलिए क्षमा मांगते हैं। लेकिन उन्हें अपने कर्मों की सज़ा कर्मभोग के रूप में भोगनी ही पड़ती, भगवान उन्हें कोई दवाई नहीं देता। गर्भजेल में भी सज़ायें भोगनी है, साक्षात्कार होता है कि तुमने यह-यह किया है। ईश्वरीय डायरेक्शन पर नहीं चले हो इसलिए यह सज़ा है।

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) अपनी उन्नति करने के लिए बाप की सर्विस में तत्पर रहना है। सिर्फ खाना, पीना, सोना, यह पद गँवाना है।

2) बाप का और पढ़ाई का रिगार्ड रखना है। देही-अभिमानी बनने का पूरा-पूरा पुरुषार्थ करना है। बाप की शिक्षाओं को धारण कर सपूत बच्चा बनना है।

वरदान:-

स्वयं को विश्व सेवा प्रति अर्पित कर माया को दासी बनाने वाले सहज सम्पन्न भव

अब अपना समय, सर्व प्राप्तियां, ज्ञान, गुण और शक्तियां विश्व की सेवा अर्थ समर्पित करो। जो संकल्प उठता है चेक करो कि विश्व सेवा प्रति है। ऐसे सेवा प्रति अर्पण होने से स्वयं सहज सम्पन्न हो जायेंगे। सेवा की लगन में छोटे बड़े पेपर्स या परीक्षायें स्वत: समर्पण हो जायेंगी। फिर माया से घबरायेंगे नहीं, सदा विजयी बनने की खुशी में नाचते रहेंगे। माया को अपनी दासी अनुभव करेंगे। स्वयं सेवा में सरेन्डर होंगे तो माया स्वत: सरेन्डर हो जायेगी।

स्लोगन:-

अन्तर्मुखता से मुख को बन्द कर दो तो क्रोध समाप्त हो जायेगा।

No comments:

Post a Comment

About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.