Brahma Kumaris Murli Manthan 20 May 2020
"मीठे बच्चे - धंधा आदि करते भी सदा अपनी गॉडली स्टूडेण्ट लाइफ और स्टडी याद रखो, स्वयं भगवान हमको पढ़ाते हैं इस नशे में रहो”प्रश्नः-
जिन बच्चों को ज्ञान अमृत हज़म करना आता है, उनकी निशानी क्या होगी?
उत्तर:-
उन्हें सदा रूहानी नशा चढ़ा रहेगा और उस नशे के आधार पर सबका कल्याण करते रहेंगे। कल्याण करने के सिवाए दूसरी कोई बात करना भी उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। कांटों को फूल बनाने की ही सेवा में बिजी रहेंगे।
Mujh Aatma Ka Murli Manthan
Baba aaj kahte hai ki mithe bacche iss nashe me raho ki bhagwan hame padhate hai. Yahi sada smriti me rakho. Kaun padha raha hai? Kaun bol raha hai? Hamesha gyan ko aise suno, ki gyan light hai jo hame andhkar se prakash ki aur le ja rahi hain. Gyan pavitra bnne aur banane ki yukti hain. Swayang parampita parmatma gyan suna rahe hain.
Baba kahte hai, itna gyan sunte hai, usse hajam karne aata hai? Hajam kaise hoga? Unki nishani kya hogi, jo hajam karege wo hamesha ruhani nashe me rahege. Unko ek nasha rahega ki kaun padha rahe hai. Unke mukh se kewal gyan hi nikalege, gyan chhodkar aur kuch nahi.
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) किसी को भी एक राम (बाप) की बातों के सिवाए दूसरी कोई भी बातें नहीं सुनानी है। एक की बात दूसरे को सुनाना, परचिंतन करना यह धूतीपना है, इसे छोड़ देना है।
2) एक बाप के साथ प्रीत रखनी है। पुरानी देह का अभिमान छोड़ एक बाप की याद से स्वयं को पावन बनाना है।
वरदान:-
अलौकिक नशे की अनुभूति द्वारा निश्चय का प्रमाण देने वाले सदा विजयी भव
अलौकिक रूहानी नशा निश्चय का दर्पण है। निश्चय का प्रमाण है नशा और नशे का प्रमाण है खुशी। जो सदा खुशी और नशे में रहते हैं उनके सामने माया की कोई भी चाल चल नहीं सकती। बेफा बादशाह की बादशाही के अन्दर माया आ नहीं सकती। अलौकिक नशा सहज ही पुराने संसार वा पुराने संस्कार भुला देता है इसलिए सदा आत्मिक स्वरूप के नशे में, अलौकिक जीवन के नशे में, फरिश्ते पन के नशे में या भविष्य के नशे में रहो तो विजयी बन जायेंगे।
स्लोगन:-
मधुरता का गुण ही ब्राह्मण जीवन की महानता है, इसलिए मधुर बनो और मधुर बनाओ।
Om Shanti
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