Brahma Kumaris Murli Manthan 7th July 2020
"मीठे बच्चे - पुरूषार्थ कर दैवी गुण अच्छी रीति धारण करने हैं, किसी को भी दु:ख नहीं देना है, तुम्हारी कोई भी आसुरी एक्टिविटी नहीं चाहिए''
Aaj 7 Tarikh Mithe ruhani baba apne mithe baccho se kahte hai, mithe bacche kisi ko dukh nahi dena hai. Ham baba ke bacche hai sarwashaktiwan ke bacche mastersarwashaktiwan, ham toh aatma upper se awtarit hui hai iss sharir me viswa kalyan ke liye. Ham aatmaye rahamdil aatmaye hain. Kisi ko bhi dukh kaise de sakti hain. Ek dum attention rakhna hai, koi bhi aatma hamare chalan se dukhi na ho. Isliye Hame devi gunno ko dharan karna hai aur aache riti se purushart karna hai. Hamari koi bhi aisi activity nahi honi chahiye taki ham apne baba ka naam badnam na kare. Bahut badi saja ke ham patra ban jate hain, jaha baba ka naam badnam karaya.
प्रश्नः-
कौन से आसुरी गुण तुम्हारे श्रृंगार को बिगाड़ देते हैं?
उत्तर:-
आपस में लड़ना-झगड़ना, रूठना, सेन्टर पर धमपा मचाना, दु:ख देना - यह आसुरी गुण हैं, जो तुम्हारे श्रृंगार को बिगाड़ देते हैं। जो बच्चे बाप का बन करके भी इन आसुरी गुणों का त्याग नहीं करते हैं, उल्टे कर्म करते हैं, उन्हें बहुत घाटा पड़ जाता है। हिसाब ही हिसाब है। बाप के साथ धर्मराज भी है।
Baba kahte hai mithe bacche, kabhi koi aisa karm na ho, ki baba ne jo tumhara sringar kiya aur jyada kar rahe hai, wo maya bigad na de.
गीत:-
भोलेनाथ से निराला.........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हम दु:ख हर्ता सुख कर्ता बाप के बच्चे हैं, हमें किसी को दु:ख नहीं देना है। डिससर्विस कर अपने आपको श्रापित नहीं करना है।
2) अपने ख्यालात बड़े ऊंचे और रॉयल रखने हैं। रहमदिल बन सर्विस पर तत्पर रहना है। खाने-पीने की हबच (लालच) को छोड़ देना है।
वरदान:-
ड्रामा की नॉलेज से अचल स्थिति बनाने वाले प्रकृति वा मायाजीत भव
प्रकृति वा माया द्वारा कैसा भी पेपर आये लेकिन जरा भी हलचल न हो। यह क्या, यह क्यों, यह क्वेश्चन भी उठा, जरा भी कोई समस्या वार करने वाली बन गई तो फेल हो जायेंगे इसलिए कुछ भी हो लेकिन अन्दर से यह आवाज निकले कि वाह मीठा ड्रामा वाह! हाय क्या हुआ - यह संकल्प भी न आये। ऐसी स्थिति हो जो कोई संकल्प में भी हलचल न हो। सदा अचल, अडोल स्थिति रहे तब प्रकृतिजीत व मायाजीत का वरदान प्राप्त होगा।
स्लोगन:-
खुशखबरी सुनाकर खुशी दिलाना यही सबसे श्रेष्ठ कर्तव्य है।
"मीठे बच्चे - पुरूषार्थ कर दैवी गुण अच्छी रीति धारण करने हैं, किसी को भी दु:ख नहीं देना है, तुम्हारी कोई भी आसुरी एक्टिविटी नहीं चाहिए''
Aaj 7 Tarikh Mithe ruhani baba apne mithe baccho se kahte hai, mithe bacche kisi ko dukh nahi dena hai. Ham baba ke bacche hai sarwashaktiwan ke bacche mastersarwashaktiwan, ham toh aatma upper se awtarit hui hai iss sharir me viswa kalyan ke liye. Ham aatmaye rahamdil aatmaye hain. Kisi ko bhi dukh kaise de sakti hain. Ek dum attention rakhna hai, koi bhi aatma hamare chalan se dukhi na ho. Isliye Hame devi gunno ko dharan karna hai aur aache riti se purushart karna hai. Hamari koi bhi aisi activity nahi honi chahiye taki ham apne baba ka naam badnam na kare. Bahut badi saja ke ham patra ban jate hain, jaha baba ka naam badnam karaya.
प्रश्नः-
कौन से आसुरी गुण तुम्हारे श्रृंगार को बिगाड़ देते हैं?
उत्तर:-
आपस में लड़ना-झगड़ना, रूठना, सेन्टर पर धमपा मचाना, दु:ख देना - यह आसुरी गुण हैं, जो तुम्हारे श्रृंगार को बिगाड़ देते हैं। जो बच्चे बाप का बन करके भी इन आसुरी गुणों का त्याग नहीं करते हैं, उल्टे कर्म करते हैं, उन्हें बहुत घाटा पड़ जाता है। हिसाब ही हिसाब है। बाप के साथ धर्मराज भी है।
Baba kahte hai mithe bacche, kabhi koi aisa karm na ho, ki baba ne jo tumhara sringar kiya aur jyada kar rahe hai, wo maya bigad na de.
गीत:-
भोलेनाथ से निराला.........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हम दु:ख हर्ता सुख कर्ता बाप के बच्चे हैं, हमें किसी को दु:ख नहीं देना है। डिससर्विस कर अपने आपको श्रापित नहीं करना है।
2) अपने ख्यालात बड़े ऊंचे और रॉयल रखने हैं। रहमदिल बन सर्विस पर तत्पर रहना है। खाने-पीने की हबच (लालच) को छोड़ देना है।
वरदान:-
ड्रामा की नॉलेज से अचल स्थिति बनाने वाले प्रकृति वा मायाजीत भव
प्रकृति वा माया द्वारा कैसा भी पेपर आये लेकिन जरा भी हलचल न हो। यह क्या, यह क्यों, यह क्वेश्चन भी उठा, जरा भी कोई समस्या वार करने वाली बन गई तो फेल हो जायेंगे इसलिए कुछ भी हो लेकिन अन्दर से यह आवाज निकले कि वाह मीठा ड्रामा वाह! हाय क्या हुआ - यह संकल्प भी न आये। ऐसी स्थिति हो जो कोई संकल्प में भी हलचल न हो। सदा अचल, अडोल स्थिति रहे तब प्रकृतिजीत व मायाजीत का वरदान प्राप्त होगा।
स्लोगन:-
खुशखबरी सुनाकर खुशी दिलाना यही सबसे श्रेष्ठ कर्तव्य है।
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