Brahma Kumaris Murli Manthan 20 July 2020
"मीठे बच्चे - बन्धनमुक्त बन सर्विस में तत्पर रहो, क्योंकि इस सर्विस में बहुत ऊंच कमाई है, 21 जन्मों के लिए तुम वैकुण्ठ का मालिक बनते हो''
Aaj Baba kahte hai mithe bacche bandhan mukt ban hamesha service me tatpar rahe. Jo Bandhan mukt honge wahi na sewa kar payege. Bandhan me honge toh sewa kaise karege. Jaise kahi sewa me jana hain aur aap kisi loukik sambandhi ke bandhan me busy hain, hamara mann vyart sankalpo ke bandhan me busy hain, ham kisi kamjor sanskaro ke bandhan me bandhe ho toh service nahi kar payege.
Sewa toh tabhi hogi jab ham khud bandhanmukt honge. Service me bahut unch kamai hain. Yeh ruhani service karege toh iski kamai bahut unchi hain. Loukik me bhi ham koi kamai ka tarika karte hain toh choti moti kamai kar lete hain. Yaha kamai aaalp kaal ki hain, aur waha ruhani service me toh 21 janmo ke liye baba hame vaikunth ka malik bana dete hain. Hame baba ne yeh bahut bada rahshya bataya ki ham abhi purushart kar rahe hain devi devta banne ka lakshya lekar aur hame swarg me aana hain. Abhi kalyug chal raha hainm"
प्रश्नः-
हर एक बच्चे को कौन-सी आदत डालनी चाहिए?
उत्तर:-
मुरली की प्वाइंट पर समझाने की। ब्राह्मणी (टीचर) अगर कहीं चली जाती है तो आपस में मिलकर क्लास चलानी चाहिए। अगर मुरली चलाना नहीं सीखेंगे तो आप समान कैसे बनायेंगे। ब्राह्मणी बिगर मूँझना नहीं चाहिए। पढ़ाई तो सिम्पुल है। क्लास चलाते रहो, यह भी प्रैक्टिस करनी है।
गीत:-
मुखड़ा देख ले प्राणी.......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अन्दर जो ईर्ष्या आदि की पुरानी आदतें हैं, उसे छोड़ आपस में बहुत प्यार से मिलकर रहना है। ईर्ष्या के कारण पढ़ाई नहीं छोड़नी है।
2) इस पुराने सड़े हुए शरीर का भान छोड़ देना है। भ्रमरी की तरह ज्ञान की भूँ-भूँ कर कीड़ों को आप समान बनाने की सेवा करनी है। इस रूहानी धन्धे में लग जाना है।
वरदान:-
आलमाइटी सत्ता के आधार पर आत्माओं को मालामाल बनाने वाले पुण्य आत्मा भव
जैसे दान पुण्य की सत्ता वाले सकामी राजाओं में सत्ता की फुल पावर थी, जिस पावर के आधार पर चाहे किसी को क्या भी बना दें। ऐसे आप महादानी पुण्य आत्माओं को डायरेक्ट बाप द्वारा प्रकृतिजीत, मायाजीत की विशेष सत्ता मिली हुई है। आप अपने शुद्ध संकल्प के आधार से किसी भी आत्मा का बाप से सम्बन्ध जोड़कर मालामाल बना सकते हो। सिर्फ इस सत्ता को यथार्थ रीति यूज़ करो।
स्लोगन:-
जब आप सम्पूर्णता की बधाईयां मनायेंगे तब समय, प्रकृति और माया विदाई लेगी।
"मीठे बच्चे - बन्धनमुक्त बन सर्विस में तत्पर रहो, क्योंकि इस सर्विस में बहुत ऊंच कमाई है, 21 जन्मों के लिए तुम वैकुण्ठ का मालिक बनते हो''
Aaj Baba kahte hai mithe bacche bandhan mukt ban hamesha service me tatpar rahe. Jo Bandhan mukt honge wahi na sewa kar payege. Bandhan me honge toh sewa kaise karege. Jaise kahi sewa me jana hain aur aap kisi loukik sambandhi ke bandhan me busy hain, hamara mann vyart sankalpo ke bandhan me busy hain, ham kisi kamjor sanskaro ke bandhan me bandhe ho toh service nahi kar payege.
Sewa toh tabhi hogi jab ham khud bandhanmukt honge. Service me bahut unch kamai hain. Yeh ruhani service karege toh iski kamai bahut unchi hain. Loukik me bhi ham koi kamai ka tarika karte hain toh choti moti kamai kar lete hain. Yaha kamai aaalp kaal ki hain, aur waha ruhani service me toh 21 janmo ke liye baba hame vaikunth ka malik bana dete hain. Hame baba ne yeh bahut bada rahshya bataya ki ham abhi purushart kar rahe hain devi devta banne ka lakshya lekar aur hame swarg me aana hain. Abhi kalyug chal raha hainm"
प्रश्नः-
हर एक बच्चे को कौन-सी आदत डालनी चाहिए?
उत्तर:-
मुरली की प्वाइंट पर समझाने की। ब्राह्मणी (टीचर) अगर कहीं चली जाती है तो आपस में मिलकर क्लास चलानी चाहिए। अगर मुरली चलाना नहीं सीखेंगे तो आप समान कैसे बनायेंगे। ब्राह्मणी बिगर मूँझना नहीं चाहिए। पढ़ाई तो सिम्पुल है। क्लास चलाते रहो, यह भी प्रैक्टिस करनी है।
गीत:-
मुखड़ा देख ले प्राणी.......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अन्दर जो ईर्ष्या आदि की पुरानी आदतें हैं, उसे छोड़ आपस में बहुत प्यार से मिलकर रहना है। ईर्ष्या के कारण पढ़ाई नहीं छोड़नी है।
2) इस पुराने सड़े हुए शरीर का भान छोड़ देना है। भ्रमरी की तरह ज्ञान की भूँ-भूँ कर कीड़ों को आप समान बनाने की सेवा करनी है। इस रूहानी धन्धे में लग जाना है।
वरदान:-
आलमाइटी सत्ता के आधार पर आत्माओं को मालामाल बनाने वाले पुण्य आत्मा भव
जैसे दान पुण्य की सत्ता वाले सकामी राजाओं में सत्ता की फुल पावर थी, जिस पावर के आधार पर चाहे किसी को क्या भी बना दें। ऐसे आप महादानी पुण्य आत्माओं को डायरेक्ट बाप द्वारा प्रकृतिजीत, मायाजीत की विशेष सत्ता मिली हुई है। आप अपने शुद्ध संकल्प के आधार से किसी भी आत्मा का बाप से सम्बन्ध जोड़कर मालामाल बना सकते हो। सिर्फ इस सत्ता को यथार्थ रीति यूज़ करो।
स्लोगन:-
जब आप सम्पूर्णता की बधाईयां मनायेंगे तब समय, प्रकृति और माया विदाई लेगी।
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