Brahma Kumaris Murli Manthan 29-07-2020
"मीठे बच्चे - पहले-पहले सबको बाप का सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो फिर तुम्हारा नाम बाला होगा''
Aaj Mithe baba pyare baba, mera baba jo gyan ke sager, ham sab aatmao ke parampita, parloukik pita jinka naam shiv hain. Jo iss purani dunia ko naya dunia banate hain, wo swarg ki sthapna karte hain aur tamopradhan ko satopradhan banate hain kahte hain mithe bacche pehle pehle sabko baap ka sahi parichay dekar geeta ka bhagwan sidh karo phir tumhara naam bala hoga. Tum sabko yeh sidh karna hai ki geeta ka bhagwan kaun hai, bhagwanuwach hain, toh bhagwan ko mukh chahiye na bolne ke liye phir kahte hain bhagwan ek sadharan budhe tan me aakar hame brahma kamal mukh ke sacha sacha amarkatha sunate hain. Aur ham baccho ko amar banate hain. 21 janam tak nirogi dunia ke malik nirogi bana dete hain. Ham sab unke santan hain.
प्रश्नः-
तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्र लगाया है, उसकी रस्म भक्ति में चल रही है, वह कौन-सी?
उत्तर:-
तुमने चारों युगों में चक्र लगाया वह फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते हैं। फिर घर में आकर सुला देते हैं। तुम ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय.... बनते। इस चक्र के बदले उन्होंने परिक्रमा दिलाना शुरू किया है। यह भी रस्म है।
Baba kahte hain tum bacche yaha jo purusharth karte hain, parv manate hain wo sab bhakti me repeat hoti hain. Bhakti me wo follow karte hain. Jaise tum bacche yaha Brahma, devta, kshatriyan.. me jo chakra lagate hain, ussi ki yaad me bhakti me parikarma karte hain. Yeh sab rasam bhakti me chalti hain. Bhakti me jo jo rasam hai, sabki ek spiritual significance hain.
【29】●【07】●【20】
की मुरली से
✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩ मुख्य बिंदु ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦
══════✩ ज्ञान ✩══════
✎..❶ तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्कर लगाया l भक्ति मार्ग में फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते है l
✎..❷ फादर है स्वर्ग की रचना करने वाला l वह यहां आएंगे स्वर्ग का मालिक बनाने l
✎..❸ जैसे आत्मा देखने में नहीं आती , समझ सकते है l वैसे परमात्मा को भी देख नहीं सकते l बुद्धि से समझते है - वह हम आत्माओं का बाप है l
✎..❹ परमात्मा को आकर पतित दुनिया को पावन बनाना होता है l
✎..❺ बाप आकर रचता और रचना के आदि-मध्य-अंत का राझ समझाते है l
✎..❻ कृष्ण के बहुत जन्मो के अंत में परमात्मा ऊनके तन में आते है l वह फिर कृष्ण बनते है l
✎..❼ तुम बच्चों का ज्यास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
✎..❽ समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में लड़ाई लगेगी , बॉम्स छूटेंगे , यहां तो रक्त की नदियां बहनी है l फिर घी-दूध की नदी l
Aatma ko dekh nahi sakte hain, ussi tarah paramatma ko bhi nahi dekh sakte hain, unko buddhi se samjh sakte hain. Wo ham sab aatmao ka baap hain. Ek baap dusra na koi.
══════✩ योग ✩══════
✎..❶ गीता में है भगवान ऊवाच - मैं तुमको राजयोग सिखाता हूं l अर्थात नर से नारायण बनाता हूं l
✎..❷ कृष्ण किसी को कह नहीं सकता कि - देह के सब धर्म छोड़ मामेकम याद करो तो तुम सतोप्रधान बन जाएंगे l
✎..❸ तुमको मुख्य बात समझाई जाती है बाप की याद की l जिससे ही पाप कटेंगे l
══════✩ धारणा ✩══════
✎..❶ तुम स्टूडेंट की बुद्धि में यह सारी नॉलेज होनी चाहिए ना ! खुशी रहती है हम कितनी कमाई करते है !
✎..❷ यह शुद्ध अहंकार रहना चाहिए कि भगवान हमको पढ़ा रहे है l जबकि हम विश्व का मालिक बन रहे है तो खुशी क्यों नहीं रहती !
✎..❸ माया संशय में लाकर भुला देती है l माया आंखों द्वारा बहुत धोखा देती है l अच्छी चीज देखेंगे तो दिल बित-बित करेगी खाएं l आंखों से देखते है तब क्रोध आता है मारने के लिए l आंखों से देखते है तब लोभ- मोह भी होता है l आंखों पर पूरी नजर रखनी चाहिए l
✎..❹ आत्मा को ज्ञान मिलता है तो फिर क्रिमिनलपना छूट जाता है l तुम्हें क्रिमिनल आईको सिविल आई बनाना है l
══════✩ सेवा ✩══════
✎..❶ पहले पहले सबको बापका सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो l फिर तुम्हारा नाम बाला होगा l
✎..❷ कोई को समझाते हो तो पहले पहले यह अच्छी रीती समझाओ कि दो बाप है l लौकिक और पारलौकिक l
✎..❸ भगवान कौन है ? यह भी समझाना पड़ता है l
✎..❹ तुम बच्चों को सिद्ध कर बताना है - एक बाप को ही ट्रुथ कहा जाता है l
✎..❺ सुंदर पर्चा बनाकर उसमें चित्र आदि भी लगा कर एरोप्लेन से गिराने चाहिए l
✎..❻ ऐसे ऐसे विचार सागर मंथन करो कि कैसे किसको समझाएं !
✎..❼ रचता बाप का सबको मालूम पड़ जाएगा , फिर तुम्हारे पास बहुत आएंगे l तुमको बुलाएंगे कि यहां आ कर भाषण करो l
✎..❽ राय तो मुरली में लिखने से सबके पास पहुंच सकती है l 2-3 हजार खर्चा बच जाए l इन 2-3 हजारसे तो 2-3 सेंटर खोल सकते हो l
✎..❾ चित्र आदि लेकर गांव-गांव में जाना चाहिए l
..10) तुम बच्चों का जास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
..11) समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में क्या क्या होना है ? लड़ाई लगेगी , बोम्स छूटेंगे l यहां तो रक्त की नदियां बहनी है , फिर घी दूध की नदी l
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सदा इसी नशे वा खुशी में रहना है कि हमको भगवान पढ़ाते हैं। किसी भी बात में संशयबुद्धि नहीं होना है। शुद्ध अहंकार रखना है।
2) सूक्ष्मवतन की बातों में ज्यादा इन्ट्रेस्ट नहीं रखना है। आत्मा को सतोप्रधान बनाने का पूरा-पूरा पुरूषार्थ करना है। आपस में राय कर सबको बाप की सही पहचान देनी है।
वरदान:-
संगमयुग के महत्व को जान एक का अनगिनत बार रिटर्न प्राप्त करने वाले सर्व प्राप्ति सम्पन्न भव
संगमयुग पर बापदादा का वायदा है - एक दो लाख लो। जैसे सर्व श्रेष्ठ समय, सर्व श्रेष्ठ जन्म, सर्व श्रेष्ठ टाइटल इस समय के हैं वैसे सर्व प्राप्तियों का अनुभव अभी ही होता है। अभी एक का सिर्फ लाख गुणा नहीं मिलता लेकिन जब चाहो जैसे चाहो, जो चाहो बाप सर्वेन्ट रूप में बांधे हुए हैं। एक का अनगिनत बार रिटर्न मिल जाता है क्योंकि वर्तमान समय वरदाता ही आपका है। जब बीज आपके हाथ में है तो बीज द्वारा जो चाहो वह सेकण्ड में लेकर सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न बन सकते हो।
स्लोगन:-
सफलता सम्पन्न बनना चाहते है तो एक दो की बातों को स्वीकार करो और सत्कार दो।
Aaj Hamlog yeh abhyas karte hain aur aankho par vishesh najar rakhte hai, ki kahi yeh dhokha toh nahi deti.
Om Shanti
Thank You Baba
Mithe Baba, Pyare Baba
"मीठे बच्चे - पहले-पहले सबको बाप का सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो फिर तुम्हारा नाम बाला होगा''
Aaj Mithe baba pyare baba, mera baba jo gyan ke sager, ham sab aatmao ke parampita, parloukik pita jinka naam shiv hain. Jo iss purani dunia ko naya dunia banate hain, wo swarg ki sthapna karte hain aur tamopradhan ko satopradhan banate hain kahte hain mithe bacche pehle pehle sabko baap ka sahi parichay dekar geeta ka bhagwan sidh karo phir tumhara naam bala hoga. Tum sabko yeh sidh karna hai ki geeta ka bhagwan kaun hai, bhagwanuwach hain, toh bhagwan ko mukh chahiye na bolne ke liye phir kahte hain bhagwan ek sadharan budhe tan me aakar hame brahma kamal mukh ke sacha sacha amarkatha sunate hain. Aur ham baccho ko amar banate hain. 21 janam tak nirogi dunia ke malik nirogi bana dete hain. Ham sab unke santan hain.
प्रश्नः-
तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्र लगाया है, उसकी रस्म भक्ति में चल रही है, वह कौन-सी?
उत्तर:-
तुमने चारों युगों में चक्र लगाया वह फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते हैं। फिर घर में आकर सुला देते हैं। तुम ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय.... बनते। इस चक्र के बदले उन्होंने परिक्रमा दिलाना शुरू किया है। यह भी रस्म है।
Baba kahte hain tum bacche yaha jo purusharth karte hain, parv manate hain wo sab bhakti me repeat hoti hain. Bhakti me wo follow karte hain. Jaise tum bacche yaha Brahma, devta, kshatriyan.. me jo chakra lagate hain, ussi ki yaad me bhakti me parikarma karte hain. Yeh sab rasam bhakti me chalti hain. Bhakti me jo jo rasam hai, sabki ek spiritual significance hain.
【29】●【07】●【20】
की मुरली से
✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩ मुख्य बिंदु ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦
══════✩ ज्ञान ✩══════
✎..❶ तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्कर लगाया l भक्ति मार्ग में फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते है l
✎..❷ फादर है स्वर्ग की रचना करने वाला l वह यहां आएंगे स्वर्ग का मालिक बनाने l
✎..❸ जैसे आत्मा देखने में नहीं आती , समझ सकते है l वैसे परमात्मा को भी देख नहीं सकते l बुद्धि से समझते है - वह हम आत्माओं का बाप है l
✎..❹ परमात्मा को आकर पतित दुनिया को पावन बनाना होता है l
✎..❺ बाप आकर रचता और रचना के आदि-मध्य-अंत का राझ समझाते है l
✎..❻ कृष्ण के बहुत जन्मो के अंत में परमात्मा ऊनके तन में आते है l वह फिर कृष्ण बनते है l
✎..❼ तुम बच्चों का ज्यास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
✎..❽ समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में लड़ाई लगेगी , बॉम्स छूटेंगे , यहां तो रक्त की नदियां बहनी है l फिर घी-दूध की नदी l
Aatma ko dekh nahi sakte hain, ussi tarah paramatma ko bhi nahi dekh sakte hain, unko buddhi se samjh sakte hain. Wo ham sab aatmao ka baap hain. Ek baap dusra na koi.
══════✩ योग ✩══════
✎..❶ गीता में है भगवान ऊवाच - मैं तुमको राजयोग सिखाता हूं l अर्थात नर से नारायण बनाता हूं l
✎..❷ कृष्ण किसी को कह नहीं सकता कि - देह के सब धर्म छोड़ मामेकम याद करो तो तुम सतोप्रधान बन जाएंगे l
✎..❸ तुमको मुख्य बात समझाई जाती है बाप की याद की l जिससे ही पाप कटेंगे l
══════✩ धारणा ✩══════
✎..❶ तुम स्टूडेंट की बुद्धि में यह सारी नॉलेज होनी चाहिए ना ! खुशी रहती है हम कितनी कमाई करते है !
✎..❷ यह शुद्ध अहंकार रहना चाहिए कि भगवान हमको पढ़ा रहे है l जबकि हम विश्व का मालिक बन रहे है तो खुशी क्यों नहीं रहती !
✎..❸ माया संशय में लाकर भुला देती है l माया आंखों द्वारा बहुत धोखा देती है l अच्छी चीज देखेंगे तो दिल बित-बित करेगी खाएं l आंखों से देखते है तब क्रोध आता है मारने के लिए l आंखों से देखते है तब लोभ- मोह भी होता है l आंखों पर पूरी नजर रखनी चाहिए l
✎..❹ आत्मा को ज्ञान मिलता है तो फिर क्रिमिनलपना छूट जाता है l तुम्हें क्रिमिनल आईको सिविल आई बनाना है l
Bhai-Bhai Ki Smriti Aur Drishti | BK Sudesh Class | Brahma Kumaris | Peace of Mind TV
Nirvikaar Drishti (20-12-2019) | Kumars' & Kumaris' Bhatti G42, Guwahati | BK Dr Sachin
══════✩ सेवा ✩══════
✎..❶ पहले पहले सबको बापका सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो l फिर तुम्हारा नाम बाला होगा l
✎..❷ कोई को समझाते हो तो पहले पहले यह अच्छी रीती समझाओ कि दो बाप है l लौकिक और पारलौकिक l
✎..❸ भगवान कौन है ? यह भी समझाना पड़ता है l
✎..❹ तुम बच्चों को सिद्ध कर बताना है - एक बाप को ही ट्रुथ कहा जाता है l
✎..❺ सुंदर पर्चा बनाकर उसमें चित्र आदि भी लगा कर एरोप्लेन से गिराने चाहिए l
✎..❻ ऐसे ऐसे विचार सागर मंथन करो कि कैसे किसको समझाएं !
✎..❼ रचता बाप का सबको मालूम पड़ जाएगा , फिर तुम्हारे पास बहुत आएंगे l तुमको बुलाएंगे कि यहां आ कर भाषण करो l
✎..❽ राय तो मुरली में लिखने से सबके पास पहुंच सकती है l 2-3 हजार खर्चा बच जाए l इन 2-3 हजारसे तो 2-3 सेंटर खोल सकते हो l
✎..❾ चित्र आदि लेकर गांव-गांव में जाना चाहिए l
..10) तुम बच्चों का जास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
..11) समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में क्या क्या होना है ? लड़ाई लगेगी , बोम्स छूटेंगे l यहां तो रक्त की नदियां बहनी है , फिर घी दूध की नदी l
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सदा इसी नशे वा खुशी में रहना है कि हमको भगवान पढ़ाते हैं। किसी भी बात में संशयबुद्धि नहीं होना है। शुद्ध अहंकार रखना है।
2) सूक्ष्मवतन की बातों में ज्यादा इन्ट्रेस्ट नहीं रखना है। आत्मा को सतोप्रधान बनाने का पूरा-पूरा पुरूषार्थ करना है। आपस में राय कर सबको बाप की सही पहचान देनी है।
वरदान:-
संगमयुग के महत्व को जान एक का अनगिनत बार रिटर्न प्राप्त करने वाले सर्व प्राप्ति सम्पन्न भव
संगमयुग पर बापदादा का वायदा है - एक दो लाख लो। जैसे सर्व श्रेष्ठ समय, सर्व श्रेष्ठ जन्म, सर्व श्रेष्ठ टाइटल इस समय के हैं वैसे सर्व प्राप्तियों का अनुभव अभी ही होता है। अभी एक का सिर्फ लाख गुणा नहीं मिलता लेकिन जब चाहो जैसे चाहो, जो चाहो बाप सर्वेन्ट रूप में बांधे हुए हैं। एक का अनगिनत बार रिटर्न मिल जाता है क्योंकि वर्तमान समय वरदाता ही आपका है। जब बीज आपके हाथ में है तो बीज द्वारा जो चाहो वह सेकण्ड में लेकर सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न बन सकते हो।
स्लोगन:-
सफलता सम्पन्न बनना चाहते है तो एक दो की बातों को स्वीकार करो और सत्कार दो।
Aaj Hamlog yeh abhyas karte hain aur aankho par vishesh najar rakhte hai, ki kahi yeh dhokha toh nahi deti.
Om Shanti
Thank You Baba
Mithe Baba, Pyare Baba
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