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Brahma Kumaris Murli Manthan 01-08-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 01-08-2020

"मीठे बच्चे - तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है, साथ-साथ पतित से पावन बनाने का रास्ता भी बताना है, रूहानी सर्विस करनी है''

प्रश्नः-

कौन-सा मंत्र याद रखो तो पाप कर्मों से बच जायेंगे?

उत्तर:-

बाप ने मंत्र दिया है - हियर नो ईविल, सी नो ईविल...... यही मंत्र याद रखो। तुम्हें अपनी कर्मेन्द्रियों से कोई पाप नहीं करना है। कलियुग में सबसे पाप कर्म ही होते हैं इसलिए बाबा यह युक्ति बताते हैं, पवित्रता का गुण धारण करो - यही नम्बरवन गुण है।
             
         ✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩   मुख्य बिंदु    ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦


══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  बच्चे पतित पावन , सर्वके  सद्गतिदाता , अपने बेहद के बाप के सामने बैठे है l
✎..❷ भक्ति मार्ग है ही पास्टर का l इस समय जो प्रैक्टिकल होता है , उसका फिर गायन होता है l 
✎..❸  अब वापिस जाना है l विनाश सामने खड़ा है l
✎..❹  इस पढ़ाई में कोई भी किताब वा  शास्त्रों आदि की बात नहीं l
✎..❺  शिव बाबा के बाद नेक्स्ट है देवताएं l
✎..❻  इस समय तुम ब्राह्मण संप्रदाय हो  जो फिर जाकर दैवी संप्रदाय बनते हो l
✎..❼  तुम्हारी बुद्धि में है - हमने कैसे 84 का पार्ट बजाया है !
✎..❽ तुम जानते हो हम आत्मा मूल वतन की रहने वाली है l हम आत्माओं का वह घर है l 
✎..❾  यह महाराजा-महारानी बनने की नॉलेज है l नर से नारायण बनने की सच्ची कथा तुम भगवान से सुनते हो l

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  भल ब्रह्मा के तनमें है , फिर भी याद  उनको (शिवबाबाको) करना है l
✎..❷  तुमको राजयोग परमपिता परमात्मा सीखला रहे है l 
✎..❸  तुम्हारा यह स्वर्शन चक्र फिरते रहने से विकर्म विनाश हो जाएंगे l तुम इस रावण पर जीत पा लेंगे l पाप मिट जाएंगे l तुम बोलते-चलते स्वर्शन चक्रधारी हो l
✎..❹  तुम बच्चे शिवबाबा को सिमरण करते हो , ब्रह्मा को नहीं l
✎..❺  बाप की याद के साथ-साथ घर की भी याद जरूर चाहिए l घर में ही बाप को याद करना है l

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  बाप ने मंत्र दिया है - "हियर नो इविल , सी नो इविल" l यही मंत्र  याद रखो l तुम्हें अपनी कर्मेंद्रियों से कोई पाप नहीं करना है l
✎..❷  पवित्रता का गुण धारण करो l  यही नंबर वन गुण है l
✎..❸  बाप हमको स्वर्ग का मालिक बना रहे है यह बच्चों को जानना चाहिए , और फिर खुशी भी होनी चाहिए l
✎..❹  सिर्फ याद करना है और अपनेमें  दैवी गुण धारण करने है l अपनी जांच रखनी   है l
✎..❺  तुम बाप से शिक्षा ले पतित से पावन बनते हो l
✎..❻  यह सब बातें तुम बच्चे धारण कर रहे हो औरों को रास्ता बताने l
✎..❼  कहते है वर्ल्ड वॉर लग जाएगी l उसके पहले तुम बच्चों को अपनी पढ़ाई से  कर्मातीत अवस्था प्राप्त करनी है l
✎..❽  तुम देवी देवता बन रहे हो यह सारा दिन सिमरण करते रहो तो भी तुम्हारा बहुत कल्याण है l

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶ तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत  अवस्था बनानी है l साथ-साथ पतित से पावन बनने का रास्ता भी बताना है l रूहानी सर्विस करनी है l  
✎..❷  पहले पहले कोई को भी आत्मा का ज्ञान देना है l
✎..❸  आत्मा में अंदर ज्ञान है जो तुम बच्चों को  और भाई-बहनों को समझाना है l बच्चे भी मददगार तो बनेंगे ना !
✎..❹  यह चित्र सबके पास होने चाहिए l खुशी होनी चाहिए - बाबा हमको यह बनाते है l
✎..❺  तुम्हारा नाम बाला है , इसलिए तुम्हारा मंदिर भी बना हुआ है l
✎..❻  बड़े-बड़े करोड़पति है , उनको यह समझाना है l तुमको अभी ज्ञान मिला है तो तुम बहुतोंको दे सकते हो l

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) अन्दर से आसुरीपने को समाप्त करने के लिए चलते-फिरते स्वदर्शन चक्रधारी होकर रहना है। सारा चक्र स्मृति में लाना है।

2) बाप की याद के साथ-साथ बुद्धि परमधाम घर में भी लगी रहे। बाप ने जो स्मृतियां दिलाई हैं उनका सिमरण कर अपना कल्याण करना है।

वरदान:-

सम्पूर्ण आहुति द्वारा परिवर्तन समारोह मनाने वाले दृढ़ संकल्पधारी भव

जैसे कहावत है "धरत परिये धर्म न छोड़िये'', तो कोई भी सरकमस्टांश आ जाए, माया के महावीर रूप सामने आ जाएं लेकिन धारणायें न छूटे। संकल्प द्वारा त्याग की हुई बेकार वस्तुयें संकल्प में भी स्वीकार न हों। सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान, श्रेष्ठ स्मृति और श्रेष्ठ जीवन के समर्थी स्वरूप द्वारा श्रेष्ठ पार्टधारी बन श्रेष्ठता का खेल करते रहो। कमजोरियों के सब खेल समाप्त हो जाएं। जब ऐसी सम्पूर्ण आहुति का संकल्प दृढ़ होगा तब परिवर्तन समारोह होगा। इस समारोह की डेट अब संगठित रूप में निश्चित करो।

स्लोगन:-


रीयल डायमण्ड बनकर अपने वायब्रेशन की चमक विश्व में फैलाओ।

The Spiritual Significance Of Eid al-Adha

The Spiritual Significance Of Eid al-Adha

According to Huff Post...

Muslims celebrate the holiday to commemorate their belief in Abraham’s willingness to follow God’s command to sacrifice his son Ishmael, and Ishmael’s consent to being sacrificed. 

Today, it is is marked by slaughtering animals to feed the poor. Coming at the end of the hajj, a journey of dedication and purification, Eid al-Adha is understood as an opportunity for second chances.

According to Wiki

Eid al-Adha

Eid al-Adha also called Eid Qurban (Persian: عيد قربان‎) or Bakra-Eid, is the second of two Islamic holidays celebrated worldwide each year (the other being Eid al-Fitr), and considered the holier of the two. 

It honours the willingness of Ibrahim (Abraham) to sacrifice his son Ismael as an act of obedience to God's command. But, before Ibrahim could sacrifice his son, God provided a lamb to sacrifice instead. 

In commemoration of this intervention, an animal, usually a sheep, is sacrificed ritually. One third of its meat is consumed by the family offering the sacrifice, while the rest is distributed to the poor and needy. Sweets and gifts are given, and extended family are typically visited and welcomed.

In the Islamic lunar calendar, Eid al-Adha falls on the 10th day of Dhu al-Hijjah, and lasts for four days. In the international (Gregorian) calendar, the dates vary from year to year shifting approximately 11 days earlier each year.

The Spiritual Significance: My Thought

This is the great and holy festival which reminds us the great sacrifice. This festival teaches us the great virtues and qualities like sacrifice, giving and helping. GOD come and teaches us and fulfill us with these qualities and virtues.

But now a days, no body is going to compromise even a small thing. This virtue has been finished from the society. We can learn from our history. Actually, the real sacrifice is to leave our vices like lust, anger, greed, attachment and ego. If we live our lives without any such vices, our life will become heaven. But the real story is absolutely different. Every human being has these vices now a days. We can learn many things from our festivals itself. Learning is the great thing. Our festivals teaches us many things.

We need to charge our soul(energy, ruh) so that we can grab such virtues in our lives and start living with these virtues. GOD, who is light, the ocean of peace, purity, prosperity, joy, happiness, knowledge and power gives us such properties and make us full of such qualities and make the soul pure and establish the heaven again.

GOD's blessing:

May you be one with the determination to make a total sacrifice and celebrate the transformation ceremony.


There is a saying "Even if you have to die, you must not let go of your religion”. So, no matter what circumstances come, even if a mahavir form of Maya comes in front of you, do not let go of your principles. Do not take back into your thoughts the useless things that you have relinquished from your mind. Always be an elevated actor and with your powerful form of elevated self-respect, elevated awareness and elevated life, continue to play the game of greatness. Finish all games of weakness. When you have the determination to make such a total sacrifice, the ceremony of transformation will then take place. Now, collectively fix a date for this ceremony.

Thank You GOD

https://www.facebook.com/UniversalFestivals

Eid al-Adha(BakRid)



Useful Resources:
http://bk.ooo/brahma-kumaris-celebrate-eid-ul-fitr-with-reverence-and-trust/

Brahma Kumaris Murli Manthan 31 July 2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 31 July 2020

"मीठे बच्चे - यह वन्डरफुल पाठशाला है जिसमें तुम पढ़ने वाली आत्मा भी देखने में नहीं आती तो पढ़ाने वाला भी दिखाई नहीं देता, यह है नई बात''

Baba kahte apne baccho se, baba roj aate hain apne mithe mithe baccho ko vardan dene, apne bacho ko sukhi banane. Baba apne baccho se milne aate hai, dukhi ko sukhi banane, tamopradhan se satopradhan banane. Baba kahe mithe bache, yah wonderful pathshala hai, jisme padhane wale bhi dekhne me nhi aate, aur padhne wale bhi dekhne me nhi aate. Yeh sab nayi bate hain, gupt hai, bada pavitra buddhi wala hi samajh sakta hain. Ham sab parampita parmatma ki santan, jaise aatma dikhai nahi deti, waise parmatma bhi dikhai nahi dete. Ham unko buddhi se anubhaw kar sakte hain.  Yeh pathshala bada hi wonderful hain. Yaha koi bhi aise nahi aa sakta hain. Jo kalp pehle aaye honge wahi aayege.



प्रश्नः-

इस पाठशाला में तुम्हें मुख्य शिक्षा कौन-सी मिलती है जो और कोई पाठशाला में नहीं दी जाती?

उत्तर:-

यहाँ बाप अपने बच्चों को शिक्षा देते हैं - बच्चे, अपनी कर्मेन्द्रियों को वश में रखना। कभी भी किसी बहन पर बुरी दृष्टि न हो। तुम आत्मा रूप में भाई-भाई हो और प्रजापिता ब्रह्मा के बच्चे बहन-भाई हो। तुम्हें बुरे ख्यालात कभी नहीं आने चाहिए। ऐसी शिक्षा इस युनिवर्सिटी के सिवाए कहीं भी नहीं दी जाती।

Aisi pathshala mujh aatma ne kahi nahi dekha jaha karamindriyon ko vash karne ki baat hogi. Yaha baba kahte hain, sabse jyada dhokha dene wali yeh aankhe hain, isse hame bada attention dena hain. Subah subah amritvela hota hai hame baba se vardan lene ka jjise hamari vriti change hoti hain. Uss samay ko ham ache se use kare toh hamari sari karam indriyan shital ho jayegi. Aaj tin din se lagatar baba ham baccho ko vardan de rahe hain jisme aankho ko parivartan karne ki baat hain. Ham yog bhi aankh khol kar hi karna hai, in aankho se dekhte hue bhi  nahi dekhna hain aur buddhi rupi aankh se hame ek shiv baba ko hi yaad karna hain. Aisi pathshala dekhi hai kahi. Baba kahte hain inn aankho ko hame kamal nayan banana hain aur khyalatao ko bhi kamal jaisa banana hain, mukh ko bhi kamal mukh banana hain. Aisa gyan pure sansar me kahi nahi diya jata hain, sirf yeh gyan issi university me hi diya jata hain.

गीत:-

दूर देश का रहने वाला.......



【31】●【07】●【20】
                  की मुरली से
         ✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩   मुख्य बिंदु    ✩═════
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══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  यह वंडरफुल पाठशाला है जिसमें तुम पढ़ने वाली आत्माएं भी देखने में नहीं आती , तो पढ़ाने वाला भी  दिखाई  नहीं देता l यह  है  नई  बात l
✎..❷  आत्मा दूर देश से आकर शरीर में प्रवेश करती है l
✎..❸  परमपिता परमात्मा भाग्यशाली रथ (भागीरथ) में आते है l
✎..❹  अब तुम बच्चे जागे हुए हो l दुनिया के मनुष्य सब सोए हुए है l
✎..❺  तुम बच्चों को इस नॉलेज में बिझी रहना है l
✎..❻  वास्तव में कोई अंधे सूरदास हो तो ज्ञानको अच्छा उठा सकते है l क्योंकि धोखा देने वाली आंखें नहीं है l
✎..❼  मूलवतन में तो कोई खेल नहीं होता है l वह तो है अपना घर l वहां सब आत्माएं रहती है l
✎..❽  यह महाराजा-महारानी बनने के लिए नॉलेज है l नर से नारायण बनने की सच्ची सच्ची कथा तुम सच्चे भगवान से सुनते हो l

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  घड़ी घड़ी अपने को आत्मा समझ बापको याद करना है l वही हमारा टीचर भी है , गुरु भी है l
✎..❷  जितना याद में रहेंगे उतना तमो- प्रधान से तमो , रजो में आते जाएंगे और खुशी भी होगी l सुख भी इतना फील होगा l
✎..❸  जितना याद करेंगे ऊतनी ऊंच चढ़ती कला होगी l
✎..❹  मंजिल बहुत ऊंची है l बापकी याद में सेंसिबुल हो रहना है l
✎..❺  सतयुग में शरीर योग बल से मिलता है l

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  इस पाठशाला में बाप अपने बच्चों को शिक्षा देते है - बच्चे अपनी कर्मेंद्रियों को वश में रखना l कभी भी किसी बहन पर बुरी दृष्टि न हो l तुम आत्मा रुप में भाई-भाई हो , और प्रजापिता ब्रह्मा के बच्चे भाई-बहन हो l 
✎..❷  आत्मा अंदर सुनती है l धारण करती है l निश्चय होता जाता है l
✎..❸  इस संगम पर पुरुषार्थी बनने के लिए यह एक ही सत का संग होता है l
✎..❹  सत  का  संग  तारे l कुसंग  बोरे l सामने दुश्मन है माया l शिवबाबा है मित्र l
✎..❺  इस सत्संग में है पवित्रता की मेहनत l जिससे ही हंगामा हुआ l
✎..❻  कृष्ण में कशिश बहुत है l सतो- प्रधान है न ! तमो से रजो , सतो में आते जाएंगे तो ताकत , खुशी , धारणा बढ़ती जाएगी l इस समय तुम्हारी चढ़ती कला है l
✎..❼  तुम फटसे 5  विकारों का दान दे नहीं सकते हो l आंखें भी कितना धोखा देती है ! ऊंच पद पाना है तो मेहनत करनी है l पवित्र बनो l
✎..❽  बच्चों को समझना है हम गॉडफादर के बच्चे है l तो आपस में बहन-भाई हो गए l फिर बुरी दृष्टि क्यों रखते है ? 
✎..❾  मुख भी म्याऊं-म्याऊं तब करता है , जब आंखों से चीज देखते है l दिल होती है यह खाऊं l इसलिए कर्मेंद्रियों पर जीत पानी है l

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  तुम बच्चों को समझाने की अथॉरिटी  है l
✎..❷  तुम्हारे पासमें इस ब्राह्मण कुल के होंगे वह आते रहेंगे l इसलिए तुम प्रदर्शनी आदि करते हो l यहां का फूल होगा तो आएगा जरूर l यह झाड़ बढ़ता जाता है l

✎..❸  नोलेज तो बहुत सुनाते है , परंतु चलन भी पवित्रता की हो l 

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) पवित्रता की चलन अपनानी है। बुरी दृष्टि, बुरे ख्यालात समाप्त करने के लिए अपने को इन कर्मेन्द्रियों से न्यारा आत्मा समझना है।

2) आपस में रूहानी कनेक्शन रखना है, ब्लड कनेक्शन नहीं। अपना अमूल्य टाइम और मनी वेस्ट नहीं करना है। संगदोष से अपनी बहुत-बहुत सम्भाल करनी है।

वरदान:-

ब्रह्म-महूर्त के समय वरदान लेने और दान देने वाले बाप समान वरदानी, महादानी भव

ब्रहम महूर्त के समय विशेष ब्रह्मलोक निवासी बाप ज्ञान सूर्य की लाईट और माइट की किरणें बच्चों को वरदान रूप में देते हैं। साथ-साथ ब्रह्मा बाप भाग्य विधाता के रूप में भाग्य रूपी अमृत बांटते हैं सिर्फ बुद्धि रूपी कलष अमृत धारण करने योग्य हो। किसी भी प्रकार का विघ्न या रूकावट न हो, तो सारे दिन के लिए श्रेष्ठ स्थिति वा कर्म का महूर्त निकाल सकते हो क्योंकि अमृतवेले का वातावरण ही वृत्ति को बदलने वाला होता है इसलिए उस समय वरदान लेते हुए दान दो अर्थात् वरदानी और महादानी बनो।

स्लोगन:-

क्रोधी का काम है क्रोध करना और आपका काम है स्नेह देना।

Brahma Kumaris Murli Manthan 30-07-2020 - Satguruvar - Didi Manmohini Nimit Bhog

Brahma Kumaris Murli Manthan 30-07-2020 - Satguruvar - Didi Manmohini Nimit Bhog

"मीठे बच्चे - तुम्हें रूहानी पण्डा बन सभी धर्म वालों को शान्तिधाम और सुखधाम का रास्ता बताना है, तुम हो सच्चे पण्डे''

Aaj Mithe pyare baba, jo pyar se sager, gyan ke sager, anand ke sager, pavitrata ke sager hai wo aaj baccho se kehte hain, mithe bacche, tum sab ruhani pande ho, aur ruhani panda bankar sabhi dharm walo ko shantidham aur sukhdham ka rasta batana hain, tum ho sache sacche pande. Tum sabko baba ka parichay dena hain aur mukti, jeevanmukti ka rasta batana hain. Second me pyari , tadapti aatmao ki pyas bhujhane wale aur unhe gati sadgati ka marg dikhane wale ho. Tumhi sabhi aatmao ko saccha sacha rasta dikha sakte ho. 

प्रश्नः-

बाप की याद से किन बच्चों को पूरा बल प्राप्त होता है?

उत्तर:-

जो याद के साथ-साथ बाप से पूरा-पूरा आनेस्ट रहते हैं, कुछ भी छिपाते नहीं हैं, सच्चे बाप के साथ सच्चे रहते हैं, कोई पाप नहीं करते हैं, उन्हें ही याद से बल प्राप्त होता है। कई बच्चे भूलें करते रहते हैं, फिर कहते क्षमा करो, बाबा कहते क्षमा होती नहीं। हर एक कर्म का हिसाब-किताब है।

Baba puchte hain ki baap ki yaad se pura pura bal kin baccho ko prapt hota hain. Uttar me baba bolte hain, jo baache baap se pura pura honest rahte hain aur koi bhi pap nahi karte hain, unhe hi yaad se bal prapt hota hain. Baba se honest hone ka yeh matlab nahi hai ki bhule karte rahe aur baba se kshama mangte rahe. Kshama ki koi baat hi nahi hai, baba kshma nahi karte hain, koi karam ho gaya uska fal toh milega hi. Wo jama ke khate me jama ho gaya. Isliye hame karam bade attention se karne hai, ek ek sankalp me padmo ko kamai aur padmo ka ghata bhi par jata hain. Isliye aache karam karne hai. Har ek karam ka hisab-kitab hota hain.

गीत:-

हमारे तीर्थ न्यारे हैं........

Baba kahte hai, har bacche se aarth karwana chahiye. Yeh geet bahut hi aache bane hai, jab bhi khusi gayab ho, yeh geet sunege toh turant smiriti aa jayegi. Aur turant umang utsah se bhar jayege. Ham bacche ko tirath kitne nyare aur pyare hain. Ham bacche bhi char dham ko yatra karte hain, jisme madhuban me baba ke kamre me jate hain, phir shanti stambh, history hall aur phir baba ki jhopdi me jakar char dham ko yatra complete karte hain. 

Bhakt log yatra par jate hain aur kitna kharch karte hain aur pande log unko yatra par le jate hain. Ham baccho ko ruhani yatra hoti hain, baithe baithe buddhi se ham paramdham apne ghar pahuch jate hain aur phir suksham vatan me jate hain Brahma baba ke paas, baap-dada se milan manane. 

Ham bacche ruhani yatra karte hain, ham bacche pande bankar dusro ko rasta batate aur wo bhi phir panda ban jate hain. Hamari yatra ander ki yatra, budhi se baithe baithe ham baba se milan manate hain. Hamare ander tino loko ka gyan hai, srishti ke adi-madhya-antt ka gyan hai. Ham kahi bhi sthool rup se kahi nahi jate hai, man-buddhi se hamesha ruhani yatra par rahte hain.

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         ★ मुरली के मुख्य बिंदु ★
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■ जो याद के साथ-साथ बाप से पूरा-पूरा आनेस्ट रहते हैं, कुछ भी छिपाते नहीं हैं, सच्चे बाप के साथ सच्चे रहते हैं, कोई पाप नहीं करते हैं, उन्हें ही याद से बल प्राप्त होता है।

■ कई बच्चे भूलें करते रहते हैं, फिर कहते क्षमा करो, बाबा कहते क्षमा होती नहीं। हर एक कर्म का हिसाब-किताब है।

■ गीत:-हमारे तीर्थ न्यारे हैं...

■ तुम बच्चे जानते हो बरोबर हम इस धरती के लकी स्टार्स हैं। 

■ तुम भी रूहानी पण्डे हो। तुम्हारा नाम ही है पाण्डव सेना। 

■ तुमको यह निश्चय है, हम मुक्तिधाम में जाकर फिर नई दुनिया में आयेंगे।

■ तुमने प्रतिज्ञा की है कि हम सिवाए एक के और कोई को याद नहीं करेंगे। बाबा हम आपको ही याद करेंगे। आपका बनने से हमारा बेड़ा पार होता है। 

■ बाप हमको सुख के सम्बन्ध में ले जाते हैं। यहाँ तो दु:ख ही दु:ख है। सुख भी काग विष्टा के समान है। 

■ शान्तिधाम को भी याद करना होता है। बाप को भी याद करना होता है

■ बाबा ने समझाया है आंखें बड़ा धोखा देती हैं। यह भी बताना चाहिए कि बाबा आज आंखों ने हमको बहुत धोखा दिया।

■ यहाँ तो डर रहता है, घर में जाता हूँ तो मेरी बुद्धि चलायमान होती है। बाबा यह हमारी बड़ी भारी भूल है, क्षमा करो।

■ बाबा कहते क्षमा की इसमें बात नहीं, यह तो दुनिया में मनुष्य करते हैं।

■ बुरे कर्म करते रहो और कह दो आई एम सॉरी - ऐसे थोड़ेही चल सकता है। यह तो सब जमा हो जाता है।

■ कोई भी उल्टा-सुल्टा कर्म करते हो, जमा होता है, जिसका अच्छा-बुरा फल दूसरे जन्म में मिलता जरूर है। क्षमा की बात नहीं। जो जैसा करते ऐसा पाते हैं।

■ यहाँ से फिर बाहर में जाते हो तब इतनी परहेज में नहीं रह सकते तो फिर ऊंच पद भी पा नहीं सकेंगे।

विचार करना चाहिए - हम कितना झूठ बोलते हैं? इनसे तो बिल्कुल झूठ नहीं बोलना चाहिए। बाप तो ट्रूथ बनाने वाला है। वहाँ झूठ होता नहीं।

■ बाप कहते हैं काम कटारी चलाना यह सबसे बड़ा कांटा है, इससे ही तुम दु:खी हुए हो। 

■ तुम बच्चों को अथाह अतीन्द्रिय सुख में रहना चाहिए।

■ किसके संग में फँसे हो या कोई विकर्म किया है, गिर पड़े हो। फिर भी उठाना तो चाहिए ना। पुरूषार्थ करना चाहिए।

■ तुम बच्चे जानते हो अभी रीयल भागवत चल रहा है। भगवान बैठ बच्चों को नॉलेज सुनाते हैं। 

■ प्रजा बहुत बननी है। हार्टफेल नहीं होना है, सर्विस में। तुम समझाते रहो। थकना नही है।

अपनी दृष्टि को भी ठीक रखो। क्रोध भी नहीं करना है। युक्ति से चलना है। 

■ अपनी जांच करो - हमारी दृष्टि ने बुरा काम तो नहीं किया? स्त्री तरफ रग तो नहीं गई? लज्जा आयेगी तो छोड़ देंगे। विश्व का मालिक बनना कम बात है क्या!

 ।। मेरा बाबा ।।

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) दृष्टि से कोई भी बुरा काम नहीं करना है, अपनी दृष्टि को ही पहले बदलना है। कदम-कदम पर सावधानी रखते हुए पद्मों की कमाई जमा करनी है।

2) जब भी फुर्सत मिलती है तो बेहद का सौदा करना है, सर्विस में दिलशिकस्त नहीं होना है, सबको बाप का पैगाम देना है, थकना नहीं है।

वरदान:-

स्नेह की गोद में आन्तरिक सुख व सर्व शक्तियों का अनुभव करने वाले यथार्थ पुरूषार्थी भव


जो यथार्थ पुरूषार्थी हैं वे कभी मेहनत वा थकावट का अनुभव नहीं करते, सदा मोहब्बत में मस्त रहते हैं। वे संकल्प से भी सरेन्डर होने के कारण अनुभव करते कि हमें बापदादा चला रहे हैं, मेहनत के पांव से नहीं लेकिन स्नेह की गोदी में चल रहे हैं, स्नेह की गोद में सर्व प्राप्तियों की अनुभूति होने के कारण वह चलते नहीं लेकिन सदा खुशी में, आन्तरिक सुख में, सर्व शक्तियों के अनुभव में उड़ते रहते हैं।

स्लोगन:-

निश्चय रूपी फाउण्डेशन पक्का है तो श्रेष्ठ जीवन का अनुभव स्वत: होता है।


मधुबन मुरली LIVE - 30/7/2020 (Thursday 7.00am to 8.00am IST)


Brahma Kumaris Murli Manthan 29-07-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 29-07-2020

"मीठे बच्चे - पहले-पहले सबको बाप का सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो फिर तुम्हारा नाम बाला होगा''

Aaj Mithe baba pyare baba, mera baba jo gyan ke sager, ham sab aatmao ke parampita, parloukik pita jinka naam shiv hain. Jo iss purani dunia ko naya dunia banate hain, wo swarg ki sthapna karte hain aur tamopradhan ko satopradhan banate hain kahte hain mithe bacche pehle pehle sabko baap ka sahi parichay dekar geeta ka bhagwan sidh karo phir tumhara naam bala hoga.  Tum sabko yeh sidh karna hai ki geeta ka bhagwan kaun hai, bhagwanuwach hain, toh bhagwan ko mukh chahiye na bolne ke liye phir kahte hain bhagwan ek sadharan budhe tan me aakar hame brahma kamal mukh ke sacha sacha amarkatha sunate hain. Aur ham baccho ko amar banate hain. 21 janam tak nirogi dunia ke malik nirogi bana dete hain. Ham sab unke santan hain. 

प्रश्नः-

तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्र लगाया है, उसकी रस्म भक्ति में चल रही है, वह कौन-सी?

उत्तर:-

तुमने चारों युगों में चक्र लगाया वह फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते हैं। फिर घर में आकर सुला देते हैं। तुम ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय.... बनते। इस चक्र के बदले उन्होंने परिक्रमा दिलाना शुरू किया है। यह भी रस्म है।

Baba kahte hain tum bacche yaha jo purusharth karte hain, parv manate hain wo sab bhakti me repeat hoti hain. Bhakti me wo follow karte hain. Jaise tum bacche yaha Brahma, devta, kshatriyan.. me jo chakra lagate hain, ussi ki yaad me bhakti me parikarma karte hain. Yeh sab rasam bhakti me chalti hain. Bhakti me jo jo rasam hai, sabki ek spiritual significance hain.

【29】●【07】●【20】
                  की मुरली से
         ✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩   मुख्य बिंदु    ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦


══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्कर लगाया l भक्ति मार्ग में फिर सब शास्त्रों, चित्रों आदि को गाड़ी में रख चारों ओर परिक्रमा लगाते है l 
✎..❷  फादर है स्वर्ग की रचना करने वाला l  वह यहां आएंगे स्वर्ग का मालिक बनाने l
✎..❸  जैसे आत्मा देखने में नहीं आती , समझ सकते है l वैसे परमात्मा को भी देख नहीं सकते l बुद्धि से समझते है -  वह हम आत्माओं का बाप है l
✎..❹  परमात्मा को आकर पतित दुनिया को पावन बनाना होता है l
✎..❺  बाप आकर रचता और रचना के आदि-मध्य-अंत  का  राझ  समझाते  है l
✎..❻  कृष्ण के बहुत जन्मो के अंत में परमात्मा ऊनके तन में आते है l वह फिर कृष्ण बनते है l
✎..❼  तुम बच्चों का ज्यास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
✎..❽  समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में लड़ाई लगेगी ,   बॉम्स छूटेंगे , यहां तो रक्त की नदियां बहनी है l फिर घी-दूध की नदी l

Aatma ko dekh nahi sakte hain, ussi tarah paramatma ko bhi nahi dekh sakte hain, unko buddhi se samjh sakte hain. Wo ham sab aatmao ka baap hain. Ek baap dusra na koi.

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  गीता में है भगवान ऊवाच - मैं तुमको राजयोग सिखाता हूं l अर्थात नर से नारायण बनाता हूं l
✎..❷  कृष्ण किसी को कह नहीं सकता कि - देह के सब धर्म छोड़ मामेकम याद करो   तो तुम सतोप्रधान बन जाएंगे l
✎..❸  तुमको मुख्य बात समझाई जाती है  बाप की याद की l जिससे ही पाप कटेंगे l

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶   तुम स्टूडेंट की बुद्धि में यह सारी नॉलेज होनी चाहिए ना ! खुशी रहती है हम कितनी कमाई करते है !
✎..❷  यह शुद्ध अहंकार रहना चाहिए कि भगवान हमको पढ़ा रहे है l जबकि हम विश्व का मालिक बन रहे है तो खुशी क्यों नहीं रहती !
✎..❸  माया संशय में लाकर भुला देती है l  माया आंखों द्वारा बहुत धोखा देती है l अच्छी चीज देखेंगे तो दिल बित-बित करेगी खाएं l आंखों से देखते है तब क्रोध आता है मारने के लिए l आंखों से देखते है तब लोभ- मोह भी होता है l आंखों पर पूरी नजर रखनी चाहिए l 
✎..❹  आत्मा को ज्ञान मिलता है तो फिर  क्रिमिनलपना छूट जाता है l तुम्हें क्रिमिनल आईको सिविल आई बनाना है l



Bhai-Bhai Ki Smriti Aur Drishti | BK Sudesh Class | Brahma Kumaris | Peace of Mind TV



Nirvikaar Drishti (20-12-2019) | Kumars' & Kumaris' Bhatti G42, Guwahati | BK Dr Sachin




══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  पहले पहले सबको बापका सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो l फिर तुम्हारा नाम बाला होगा l
✎..❷  कोई को समझाते हो तो पहले पहले यह अच्छी रीती समझाओ कि दो बाप है l लौकिक और पारलौकिक l
✎..❸  भगवान कौन है ? यह भी समझाना पड़ता है l
✎..❹  तुम बच्चों को सिद्ध कर बताना है - एक बाप को ही ट्रुथ कहा जाता है l
✎..❺  सुंदर पर्चा बनाकर उसमें चित्र आदि भी लगा कर एरोप्लेन से गिराने चाहिए l
✎..❻  ऐसे ऐसे विचार सागर मंथन करो  कि कैसे किसको समझाएं !
✎..❼  रचता बाप का सबको मालूम पड़ जाएगा , फिर तुम्हारे पास बहुत आएंगे l तुमको बुलाएंगे कि यहां आ कर भाषण करो l
✎..❽  राय तो मुरली में लिखने से सबके पास पहुंच सकती है l 2-3 हजार खर्चा बच जाए l इन 2-3 हजारसे तो 2-3 सेंटर खोल सकते हो l
✎..❾  चित्र आदि लेकर गांव-गांव में जाना चाहिए l
  ..10)  तुम बच्चों का जास्ती इंटरेस्ट सूक्ष्म वतन की बातों में नहीं होना चाहिए l
  ..11)  समय पर बच्चों को सब पॉइंट्स भी मिलती रहती है l पिछड़ी में क्या क्या होना  है ? लड़ाई लगेगी , बोम्स छूटेंगे l यहां तो रक्त की नदियां बहनी है , फिर घी दूध की नदी l

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) सदा इसी नशे वा खुशी में रहना है कि हमको भगवान पढ़ाते हैं। किसी भी बात में संशयबुद्धि नहीं होना है। शुद्ध अहंकार रखना है।

2) सूक्ष्मवतन की बातों में ज्यादा इन्ट्रेस्ट नहीं रखना है। आत्मा को सतोप्रधान बनाने का पूरा-पूरा पुरूषार्थ करना है। आपस में राय कर सबको बाप की सही पहचान देनी है।

वरदान:-

संगमयुग के महत्व को जान एक का अनगिनत बार रिटर्न प्राप्त करने वाले सर्व प्राप्ति सम्पन्न भव

संगमयुग पर बापदादा का वायदा है - एक दो लाख लो। जैसे सर्व श्रेष्ठ समय, सर्व श्रेष्ठ जन्म, सर्व श्रेष्ठ टाइटल इस समय के हैं वैसे सर्व प्राप्तियों का अनुभव अभी ही होता है। अभी एक का सिर्फ लाख गुणा नहीं मिलता लेकिन जब चाहो जैसे चाहो, जो चाहो बाप सर्वेन्ट रूप में बांधे हुए हैं। एक का अनगिनत बार रिटर्न मिल जाता है क्योंकि वर्तमान समय वरदाता ही आपका है। जब बीज आपके हाथ में है तो बीज द्वारा जो चाहो वह सेकण्ड में लेकर सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न बन सकते हो।

स्लोगन:-

सफलता सम्‍पन्‍न बनना चाहते है तो एक दो की बातों को स्‍वीकार करो और सत्‍कार दो।

Aaj Hamlog yeh abhyas karte hain aur aankho par vishesh najar rakhte hai, ki kahi yeh dhokha toh nahi deti.

Om Shanti
Thank You Baba
Mithe Baba, Pyare Baba

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Brahma Kumaris Murli Manthan 28-07-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 28-07-2020

"मीठे बच्चे - इस बेहद नाटक में तुम वन्डरफुल एक्टर हो, यह अनादि नाटक है, इसमें कुछ भी बदली नहीं हो सकता''

Aaj Baba, jinki bahut mahima hain, baba gyan ke sager, pavitrata ke sager, shanti ke sager, shakti ke sager, anand ke sager, shakti ke sager wo aate hain ham baccho ko master gyan ke sager banane. Baba aakar hame aapne saman banate hain. Usme bacche numberwar ho jate hain. Baba kahte hain pavitra banege toh swarg me uncha pad lenge. Praja toh ban hi rahi hain. Phir niche aayege. Sukh kaise le payege. Baba aate hain ham sabko kahte hain, tum sab satyugi aatma ho, jaldi purushart karo. Koi bhi tivra purushart karke aage ja sakte hain. Unch pad pa sakte hain. Ham sab bacche behad ke natak me wonderful actor hain, aur yeh drama anadi hain. Isme koi change nahi ho sakta hain. Wo hadd ke drama me toh koi bimar pad jata hain toh actor change ho jate hain. Yeh hai behad ka drama. Hame iss drama ko sakshi hokar dekhna hain.

प्रश्नः-

बुद्धिवान, दूरादेशी बच्चे ही किस गुह्य राज़ को समझ सकते हैं?

उत्तर:-

मूलवतन से लेकर सारे ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त का जो गुह्य राज़ है, वह दूरादेशी बच्चे ही समझ सकते हैं, बीज और झाड़ का सारा ज्ञान उनकी बुद्धि में रहता है। वह जानते हैं - इस बेहद के नाटक में आत्मा रूपी एक्टर जो यह चोला पहनकर पार्ट बजा रही है, इसे सतयुग से लेकर कलियुग तक पार्ट बजाना है। कोई भी एक्टर बीच में वापिस जा नहीं सकता।

Baba kahte hain mithe bacche, yeh bahut bada raj hain jo tumeh baba hi aakar batate hain. Yeh raj hai mulwatan se lekar drama ke adi, madhya aur antt ka guhya gyan ka raj tumhare buddhi me hain. Yeh raj sab nahi samjh sakte hain, yeh raaj duradeshi bacche, buddhiwan bacche hi samjh sakte hain. Tum abhi iss behad ke drama me issh chole(sharir) me part play kar rahe ho. Satyug se kalyug tak part bajana hain. Koi bhi actor bich me wapas nahi ja sakta hain. Jo drama me likh ja chuka hain, wo kabhi change nahi ho sakta hain.

         ✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩   मुख्य बिंदु    ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦


══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  इस बेहद नाटक में तुम वंडरफुल एक्टर हो l यह अनादि नाटक है l इसमें जरा भी अदली-बदली नहीं हो सकती l कोई भी एक्टर बीच में वापिस जा नहीं सकता l  
✎..❷  मूल वतन से लेकर सारे ड्रामा के आदि-मध्य-अंत का जो गुहय राज है वह   दूरांदेशी बच्चे ही समझ सकते है l
✎..❸  शांतिधाम घर है l वहां कोई पार्ट नहीं बजाया जाता l पावन बन कर अपने घर जाना है l
✎..❹  अभी बाप ने तीसरा नेत्र दिया है  ज्ञानका l तुम  बच्चे  दूरांदेशी  बन  जाते हो l
✎..❺  बाप बच्चों को चक्र का राझ समझाते रहते है l
✎..❻  अच्छे बुद्धिमान है वही समझते है कि इस झाड़ का बीज ऊपर में है l आत्मा ब्रह्म महतत्त्व में खड़ी होती है , जैसे स्टार्स आकाश में खड़े है l
✎..❼  सतयुग में एक धर्म , एक भाषा थी  जो अब फिर से स्थापन कर रहे है l
✎..❽  जो बच्चे ज्ञानका विचार सागर मंथन नहीं करते है उनकी बुद्धि में माया खिट-खिट करती है , तंग करती है l
✎..❾  तुम्हारी यह जो आध्यात्मिक विद्या है , यह तुमको बाप ही आकर पढ़ाते है l बाप की महिमा है शांति का सागर , सुख का सागर  l

Baba kahte hain, jo bacche buddhi ko busy(samarth, positive) nahi rakhte hain, unko maya khit khit karti rahti hain. Isliye baba kahte hian subah subah utho aur bath karne baad chakra lagao aur buddhi ko baap me aur baap ke gyan me busy rakho. Buddhi ko khali nahi chhodna hain. Buddhi busy rahegi toh maya ka khit khit nahi ho sakta hain. Subah subah buddhi me vichar sager manthan chalta rahe. Buddhi me drama ke chakra ka gyan chalta rahe. Drama kalyankari hain. Ekant me baith jana hain aur baap ko yaad karna hain. 

Yeh gyan hame baba dete hain, iss baba ruhani gyan kahte hain. Baki sab hadd ka gyan aur shashtro ka gyan hain. 

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  याद करते-करते पावन बन जाएंगे l 
✎..❷  बाबा याद में रहने की मत देते है l
✎..❸  अब एक बापकी ही याद में रहना है l
✎..❹  बुद्धि में चक्रभी याद रहे l फिर बाप को भी याद करते रहो l कमाई करने की  युक्ति बाबा बहुत अच्छी-अच्छी बताते है l
✎..❺  मुझे याद करो तो सतोप्रधान बन जाएंगे l चलते फिरते बुद्धि में याद रहे तो माया की खिट-खिट समाप्त हो जाएगी l तुम्हारा बहुत फायदा होगा l
✎..❻  अपनी उन्नति करनी है तो सवेरे- सवेरे स्नान आदि कर एकांत में जाकर चक्कर लगाओ या याद में बैठ जाओ l 
✎..❼  तंदुरुस्ती के लिए पैदल करना भी अच्छा है l बाबा भी याद पड़ेगा और ड्रामा का राझ भी बुद्धि में रहेगा l

Paidal tahalna healthy rahne ke liye aacha hain. Aur paidal karte samay ham baccho ko buddhi bhi tahalti hain aur buddhi me baba aur drama ka raaj rahta hain. Kamai jama hoti rahti hain. Baba hame kamai karne ki trah trah ki yukti roj batate rahte hain. Subah subah kamai ka samay hain. 8 Baje tak toh hame bilkul silence me rahkar kamai karte rahna hain. Jitna ham baba ki yaad me rahege, utna kamai jama hota rahege. Aaj baba vichar sager manthan karke kamai jama karne bole hain. Buddhi busy rahe  kamai me. Wo kamai toh hadd ki kamai hai jo vinashi hain. Lekin yeh kamai aatma me store ho jati hain jo kabhi vinash nahi hoti hain. 

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  अपने को तमोप्रधान से सतोप्रधान बनाना है l माया पर जीत पानी है l
✎..❷  बूढ़े-जवान-बच्चों आदि सब को पावन बनना है l बाबा बच्चों को राय देते है अपनी उन्नति कैसे करो ? पुरुषार्थ करते रहेंगे  तो  फिर  पक्का  होता  जाएगा l
✎..❸  अपने को देखो हम क्या थे ! अब क्या बन गए है ! फिर बाबा हमको ऐसा देवता बनाते है l
✎..❹  जल्दी-जल्दी पुरुषार्थ करो l शरीर पर भरोसा थोडे ही है ! आजकल मौत बहुत इजी हो गया है l बैठे-बैठे मर जाते है l इसलिए अपना पुरुषार्थ करते रहो l जमा करते रहो l

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  त्रिमूर्ति  का  चित्र  बनाया  गया है l जिससे स्थापना-विनाश-पालना की समझानी बाप ही देते है l जब यहां आए तो पता पड़े l इसलिए तुम कहते हो - यहां आकर समझो l 
✎..❷  बाप कहते है - मेरा प्लेन है पुरानी दुनिया को नया बनाना l

✎..❸  बहुत मेहनत करते है फिर भी कोई विरले निकलते है l लेकिन थकना नहीं है , मेहनत तो करनी है l प्रजा तो बनती रहती है  l

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) बुद्धि को ज्ञान चिन्तन में बिजी रखने की आदत डालनी है। जब भी समय मिले एकान्त में जाकर विचार सागर मंथन करना है। बाप को याद कर सच्ची कमाई जमा करनी है।

2) दूरादेशी बनकर इस बेहद के नाटक को यथार्थ रीति समझना है। सभी पार्टधारियों के पार्ट को साक्षी होकर देखना है।

वरदान:-

मास्टर ज्ञान सागर बन गुड़ियों का खेल समाप्त करने वाले स्मृति सो समर्थ स्वरूप भव

जैसे भक्ति मार्ग में मूर्ति बनाकर पूजा आदि करते हैं, फिर उन्हें डुबो देते हैं तो आप उसे गुड़ियों की पूजा कहते हो। ऐसे आपके सामने भी जब कोई निर्जीव, असार बातें ईर्ष्या, अनुमान, आवेश आदि की आती हैं और आप उनका विस्तार कर अनुभव करते या कराते हो कि यही सत्य हैं, तो यह भी जैसे उनमें प्राण भर देते हो। फिर उन्हें ज्ञान सागर बाप की याद से, बीती सो बीती कर, स्वउन्नति की लहरों में डुबोते भी हो लेकिन इसमें भी टाइम तो वेस्ट जाता है ना, इसलिए पहले से ही मास्टर ज्ञान सागर बन स्मृति सो समर्थी भव के वरदान से इन गुड़ियों के खेल को समाप्त करो।

Satya hai toh kabhi sidh karne ke jarurat nahi, satya apne aap hi sidh hain. Jab ham baba ki bhulte hain aur dehbhan me aa jate hain aur dusri ko bato me kano dwara sunkar apne me sama lete hain aur sama karke phir sidh karne lagte hai, jawab dene lag jate hain aur sankalp ko waste karte rahte hain. Isme bhi bahut sankalp hamare waste ho jate hain. Baba kahte hain ham brahmano ke ek ek sankalp lakho aur croro ke hain. Ek ek sankalp se sewa hoti hain jisma padamguna phal hame satyug me milta hain. Toh dekhe inn gudde gudia ke khel me kitna samay waste ho jata hain. Toh aisa time aur sanklp ko waste nahi karna hain. Attention rakhna hain. Buddhi hamesha busy rahe baba me aur gyan ke vichar sager manthan me toh maya khit khit nahi karegi aur inn gudde gudia ke khel se bacha jayege. 

स्लोगन:-

जो समय पर सहयोगी बनते हैं उन्हें एक का पदमगुणा फल मिल जाता है।

Samay par baap ke kaam aane hame ek ka padamguna phal milta hain. Isliye buddhi ki line clear rakhe taki samay padne par baba ki touching mil sake. Aur sewa turant ho jaye. 

Om Shanti
Thank You baba
Mithe baba, pyare baba, pavitrata ke sager baba

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Brahma Kumaris Murli Manthan 27-07-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 27-07-2020

"मीठे बच्चे - अपने ऊपर आपेही रहम करो, बाप जो श्रीमत देते हैं उस पर चलते रहो, बाप की श्रीमत है - बच्चे, टाइम वेस्ट न करो, सुल्टा कार्य करो''

Aaj Mithe Mere pyare baba, gyan ke sager, pavitrata ke sager, ruhani baba, shiv baba, parampita parmatma, pran pyare baba, jyotibindu, nirakar, nirhankari ham baccho se kahte hain mithe bacche apne upper hi raham karna hain. Baccho kahi phas jate hain toh baba se kahte hain, bhakti ke sanskar anusar, baba mujhe iss taklif se bachao. Baba se raham mangte hain. Baba uska jawab dete hain ki mithe baccho, tumeh apne uper aap hi raham karna hain. Main raham nahi deta hu. Main toh srimat deta hun, jispar chalkar tum pavitra bante hai. Isliye hame hamesha srimat ka palan karna chahiye. Srimat ka palan karte karte maya ke vash ho jate hain. Maya ko balshali bana dete hain. Maya badi hai baap. Iska pura nishchay aur nasha hona chahiye na. Isliye baba kahte hai, mann aur buddhi ko pavitra banao, hamesha isse busy rakho. Aur attention rupi guard ka pahra laga do. Har pal attention. Isme koi badi baat nahi hain. Koi mehnat nahi. Bus ek second ki baat hain. Second ki baji hain. Second me sanskaro ko parivartan karne wale kalp kalp ke vijay aur takdirwan ham bacche hain. Baba vardan dete hain bacche takdirwan bhaw. 

Hame check karna hai, hamari mann aur buddhi kha busy rahti hain, baba kahte hain mann aur buddhi apne purane sanskaro me, vyarth sankalpo par aur karam bandhano me busy rahta hain. Baba kahte mann buddhi ko mere me lagao. Manmanabhaw, madhyajeebhaw. Deh sahit deh ke sabhi samandho, dharmo ko bhul apne ko aatma samjh baap ko yaad karo toh janam janam ke pap bhasam ho jayege.

Baba jab aate hain toh hamari buddhi ka tala khol dete hain. Pehle ki buddhi aur aaj ki mann buddhi me bahut fark pad gaya hain. Ham bacche bahut bhagyawan hai ki baba hame mile aur hame patit se pawan bana rahe hain. Dusre toh yeh baat ko samjh nahi pa rahe hain. Hame bache isliye bhut bhagyashali hain. Main chiz hain kaam mahashatru hain, kam jite jagatjeet. Kam par vijay pana hi hain baccho ko. Pavitra bano yogi bano ka vardan baba pehle din se hi de dete hain. Jaha vardan hain, waha mehnat nahi lagta hain. Bahut aasani se ham bacche iss par vijay pa lete hain. Hame sada attention rakhna hain, aur manan aur sahan karna hain. Jab bhi iska attack ho toh hame baba ki yaad se iss khad ko khatam karna hain. Lekin karege tabhi jab attention hoga. Isliye baba kahte hain kaam kahashatru hain aur sabse bada vikar hain. Ek aatma sharab pine lagi, usse bhi jyada bhayankar vikar hain kam vikar. Baba kahte hain apne ko aatma samjh mujhe yaad karo toh tumhare sare vikar/pap khatam ho jayege. Phir baba kahte hain, jab baba ke bacche pavitra bante hain toh iss dunia me vighan bahut aate hain, ma baap jabardasti shadi karwana chahte hain. Cunki unko yeh itna uncha gyan ki samjh nahi hai isliye wo aisa behave kar rahe hote hain. Baba kahte hain charity begins at home. Ghar walo ko samjhao aur bahut pyar se samjhao. Ghar me bahut hi aacha aur positive vibration banao. Apne ghar walo ka bhi uddhar karo. Sare dunia ko badalne ke nimit ban rahe ho toh ghar walo ka udhar nahi karoge.

प्रश्नः-

जो तकदीरवान बच्चे हैं, उनकी मुख्य धारणा कौन-सी होगी?

उत्तर:-

तकदीरवान बच्चे सवेरे-सवेरे उठकर बाप को बहुत प्यार से याद करेंगे। बाबा से मीठी-मीठी बातें करेंगे। कभी भी अपने ऊपर बेरहमी नहीं करेंगे। वह पास विद ऑनर होने का पुरूषार्थ कर स्वयं को राजाई के लायक बनायेंगे।

कभी भी अपने ऊपर बेरहमी नहीं करेंगे। Takdirwan baccho ki nishani kabhi bhi apne upper berahmi nahi karege. Apen upper berahmi karna mana kya, jab ham baba ke bacche, pavitrata ke sager ke bacche master pavitrata ka sager jab baba ke diye hue srimat ka palan nahi karte, maya ke vash hokar, attention khokar srimat ka ullanghan karte hain. Yeh hua apne upper berahmi karna. Baba hame dukh nahi dete hain, ham bacche jab srimat par nahi chalte hain toh ham apne takdir khud kho dete hain. Baba kahte hain main toh srimat deta hu, tum baccho ko padhata hu. Raham nahi karta hu. Isliye sada attention rakhe aur baba ke srimat par sada chalta hain. Pran chala jaye lekin vachan nahi jaye. 

Geet hain na, jai kali kalkatte wali, tera vachan na jaye khali. Matlab, ham sab durga hai, kali hain, mahavir hain, ganesh hai, shankar hain, ham jo vachan baba se karte hain ki baba aapne aaye aur hame chune, ham pavitra jarur banege baba. Yeh hamara vachan hai aapko. Aur jab yeh vachan tut jata hain toh kali jee ke jeebh bahan aa jate hain. 

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) बाप की याद के साथ-साथ आप समान बनाने की सेवा भी करनी है। चैरिटी बिगन्स एट होम.... सबको प्यार से समझाना है।

2) इस पुरानी दुनिया से बेहद का वैरागी बनना है। हियर नो ईविल, सी नो ईविल.....। उस बेहद बाप के बच्चे हैं, वह हमें कारून का खजाना देते हैं, इसी खुशी में रहना है।

वरदान:-

एक सेकण्ड की बाजी से सारे कल्प की तकदीर बनाने वाले श्रेष्ठ तकदीरवान भव


इस संगम के समय को वरदान मिला है जो चाहे, जैसा चाहे, जितना चाहे उतना भाग्य बना सकते हैं क्योंकि भाग्य विधाता बाप ने तकदीर बनाने की चाबी बच्चों के हाथ में दी है। लास्ट वाला भी फास्ट जाकर फर्स्ट आ सकता है। सिर्फ सेवाओं के विस्तार में स्वयं की स्थिति सेकण्ड में सार स्वरूप बनाने का अभ्यास करो। अभी-अभी डायरेक्शन मिले एक सेकण्ड में मास्टर बीज हो जाओ तो टाइम न लगे। इस एक सेकण्ड की बाजी से सारे कल्प की तकदीर बना सकते हैं।

स्लोगन:-

डबल सेवा द्वारा पावरफुल वायुमण्डल बनाओ तो प्रकृति दासी बन जायेगी।

Thank You baba
Mitha Baba
Mera Baba

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Brahma Kumaris Avyakt Murli Manthan 27-02-86 Revised Dated 26-7-2020

Brahma Kumaris Avyakt Murli Manthan 27-02-86 Revised Dated 26-7-2020

रूहानी सेना कल्प-कल्प की विजयी

Aaj Baba kahte hain mithe bacche tum sab ruhani sena, shiv-shakti combined sena, pandaw sena ho, tumhari vijay nishchit hai. Dunia me dekho vijay nishchit nahi hoti, jeet bhi sakte aur haar bhi sakte hain. Tum sab ruhani sena ho, tumhari vijay nishchit hai. Tum kalp-kalp ke vijay ho. Dekho bhakti me tumhari vijay ki kathaye hain, bhakti me gayan bhi hai. Isliye vijay mala kahte hain baba. Tumhari vijay hui padi hain. Kabhi sapne me ya sankalp me yeh toh nahi sochte hain ki jeetege ki harege. Kabhi koi sankalp toh nahi aata. Isliye hamesha apne sarwa shaktiyon ka nasha yaad rakhe.

══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  आप रूहानी सेना अपने कल्प पहले के विजय की कथाएं भक्ति मार्ग में सुन रहे हो l अपनी विजय का गायन भक्तों द्वारा   सुन हर्षित होते हो l 

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  गायन भी है - प्रभु प्रीत बुद्धि विजयंती , विपरीत बुद्धि विनश्यंति l 
✎..❷  अनेक बार की विजय की बात अब रिपीट कर रहे है , तो ऐसे निश्चय बुद्धि ज्ञानी तू आत्मा - योगि तू आत्मा हो ना !
✎..❸  अपनी बुद्धि की लाइन क्लियर हो l
✎..❹  शुभचिंतक आत्मा ही सदा प्रसन्नता की पर्सनैलिटी में रह विश्व के आगे विशेष पर्सनैलिटी वाली बन सकती है l

Yog ke points me baba kahte hain bacche tum baccho ka hi gayan hai, kitna suprasidh hain, prabhu preet budhi vijayanti, viprit budhi vinashyanti. Tum bacche gyani tu aatma, yogi tu aatma ho. Tum bacche kalp kalp vijay hote hain. Aur phir iss bar repeat ho raha hai. Isliye buddhi ki line clear rakhe hamesha aur hamesha everready rahe. Baba kabhi bhi order de sakte hain. Kabhi bhi sewa me hame baba bula sakte hain. Tum sab aatma yog dwara sada happy rahte ho aur pure viswa ke aage vishesh personality wali aatma ban sakte ho. 

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  एवर रेडी जरूर रहना चाहिए l  एवर रेडी रहना यह है ब्राह्मण जीवन की विशेषता l
✎..❷  न्यारे और बाप के प्यारे बनो l
✎..❸  सभी नंबरवन तीव्र पुरुषार्थी आफरीन लेने वाले हो न !
✎..❹  आप ब्राह्मणों जैसी रूहानी पर्सनैलिटी सारे कल्प में और कोई की भी नहीं है l क्योंकि ऐसा बनाने वाला ऊंचे ते ऊंचा स्वयं  परमात्मा है l आपकी सबसे बड़े  ते बड़ी पर्सनैलिटी है - स्वप्न व संकल्प में भी संपूर्ण प्योरिटी l साथ साथ चेहरे और चलन में रूहानीयत है l
✎..❺  कैसी भी परेशान-अशांत आत्मा हो आप की रुहानी पर्सनैलिटी की झलक ,  प्रसन्नता की नजर उन्हें प्रसन्न कर देगी l
✎..❻  सदा प्राप्तियों की लिस्ट बुद्धि में इमर्ज रखो तो चेहरे और चलन में प्रसन्नता की पर्सनैलिटी दिखाई देगी l
✎..❼  अपनी मूड सदा चीयरफूल और केयरफूल रखो l प्रसन्नचित्त आत्मा के संग में रहना , उनसे बात करना ,बैठना सब को अच्छा लगता है l
✎..❽  सर्व प्राप्तियोंसे संपन्न अनुभव करो l संतुष्ट रहो l जो संतुष्ट है उनका चित्त सदा प्रसन्न रहेगा l दिल-दिमाग सदा आराम में , सुख-चैन की स्थिति में होगा l
✎..❾  कोई विकार का अंश मात्र न रहे तब कहेंगे पवित्रता की पर्सनैलिटी द्वारा सेवा करने वाले l पवित्रता की पर्सनैलिटी अर्थात हर कार्य में महानता और विशेषता l

Aaj baba ne dharna ke bahut sare points bataye hain, tum baccho ko sada everready rahna hai. Everyready rahna ham brahmano ki visheshta hai. Isliye sada every ready rahna chahiye.

Baba pooch rahe hai, ki sabhi number one, tivra purusharthi ho na. Baba thank you(aafrin) bolte hai aise bacccho ko. Bahut badai karte hain.

Baba aaj ruhani personality ke points bataye hai. Ruhani Personality means complete purity. koi vikar ka aansh na rahe.

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  सभी रूहानी शक्ति सेना - पांडव सेना सदा विजय के निश्चय और नशे में रहते है न ! हिम्मते बच्चे मददे बाप l
✎..❷  आज अफ्रीका के ग्रुप की बारी है l परमेनेंट एड्रेस तो मधुबन है न ! वह तो सेवास्थान है l सेवा के अर्थ अफ्रीका , यूके आदि चारों तरफ गए हुए हो l
✎..❸  सेवा स्थान पर सेवा करते भी सदा ही मधुबन और मुरली यही याद रहता है न !
✎..❹  सेवाने  ज्ञान  गंगा  बना  दिया l बच्चे भिन्न-भिन्न स्थानों पर निर्भय बन बहुत  लगन से  सेवा  में  लगे  हुए  है l सेवा  का बल  मिलता  रहता  है l 
✎..❺  बलिहारी उस एक निमित बनने वाले की जो कितने अच्छे अच्छे  छिपे हुए रत्न निकल आए l
✎..❻  अफ्रीका में अशुद्ध वातावरण के बीच वृद्धि हो रही है l विस्तार भी हो रहा है l ऐसे ऐसे स्थानों पर शांति की शक्ति देना , भय के बदले खुशी दिलाना यही श्रेष्ठ सेवा है l निर्भय होकर के सेवा में लगन से आगे बढ़ते है तो पदम गुना मदद भी मिलती है l
✎..❼  सेवा में भी देखा गया है गुजराती संगठन वाले होते है l एक आता है तो 10 को जरूर लाता है l गुजरातीओने बापका बनाने में , तन-मन-धन से स्वयं को सेवा में लगाने में नंबर अच्छा लिया है l सहज ही सहयोगी बन जाते है l यह भी भाग्य है l
✎..❽  विदेश सेवा में मेजॉरिटी सब वहां से निकल वहां ही सेवा के निमित्त बन जाते l विदेश ने भारत को हैंड्स नहीं  दिया  है l भारत  ने  विदेश  को  दिए  है l
✎..❾  आज के संपर्क वाले कल संबंध वाले हो जाएंगे l उन्होंको जगाते रहना चाहिए l

वरदान:-

कम्बाइन्ड स्वरूप की स्मृति द्वारा श्रेष्ठ स्थिति की सीट पर सेट रहने वाले सदा सम्पन्न भव

संगमयुग पर शिव शक्ति के कम्बाइन्ड स्वरूप की स्मृति में रहने से हर असम्भव कार्य सम्भव हो जाता है। यही सर्व श्रेष्ठ स्वरूप है। इस स्वरूप में स्थित रहने से सम्पन्न भव का वरदान मिल जाता है। बापदादा सभी बच्चों को सदा सुखदाई स्थिति की सीट देते हैं। सदा इसी सीट पर सेट रहो तो अतीन्द्रिय सुख के झूले में झूलते रहेंगे सिर्फ विस्मृति के संस्कार समाप्त करो।

स्लोगन:-


पावरफुल वृत्ति द्वारा आत्माओं को योग्य और योगी बनाओ।

Brahma Kumaris Murli Manthan 25-07-2020

Brahma Kumaris Murli Manthan 25-07-2020

"मीठे बच्चे - देह-अभिमान छोड़ देही-अभिमानी बनो, देही-अभिमानियों को ही ईश्वरीय सम्प्रदाय कहा जाता है''

Aaj mithe baba, supreme soul, jyoti bindu, ham sab aatmao ke pyare pita sri, gyan ke sager, shanti ke sager, pavitrata ke sager pita sri, guru, teacher, sadguru, saccha dost, patio ke pati, saccha sajan ham aatmao ke kahte hai, mithe baccho dehi abhimani bano, deh bhan me aate ho, wahi sare dukho ka karan hain. Isliye dehi abhimani sthithi me raho, har second check karo ki deh bhan main hai ki dehi abhimani, aur turant change karo. Aise sthithi banani hain, jisse ham aatmaye aise stage me aa jaye. Ham aatma hai, lekin deh bhan me aane ke karan ham dukhi hue hai, hamari pavitrata kho gayi, ham baap se bichad gaye, baap ko bhul gaye. Apne aap ko bhule toh baap ko bhi bhul gaye. Ham devi devtao ki puja karte hai lekin hame pata nahi ki yeh kaun hai aur kab rajya karke gaye. Ham apne baap ko bhul bahut sare devi devtao se pavitrata mang rahe hai, sukh mang rahe hain, aanand, shakti, prem, gyan mang rahe hain. Hame apna baba apne wade anusar aakar ham aatmao ko adopt karte hai, jaise ek purush ek stri ko adopt  karta hai aur rachna rachta hain. Baba brahma ke tan me avtarit hokar ham aatmao ko brahman banate hain. Aur gyan amrit pilate hain. Ham aatmao ko aab sara gyan budhi me phir se emerge ho gaya hain. Aur ham sab aab patit se pawan ban rahe hain. Aur Dusro ko bhi pawan bana rahe hain. 

Jab bhi koi paristhithi ho, koi bol raha hai, koi jhuth bol raha ho aapke bare me, aapki ninda kar rahe hain, aaapko apne aap ko sahi sabit karne ka prayas bhi nahi karna hai, sab baba ko pata hain. Sahi sabit karne ke chalte sankalp tej hota chala jata hain. Samne wala ka sankalp tej hai, isliye wo itna bol raha hai, aur unko gyan talwar se sankalpo ko kam karna hai, aur yog ki shakti se dusro ko yog ka daan dena hain. Taki wo bandhan me tadapti aatmaye bhi santusht ho sake, apne kharab sanskaro ke bandhan se mukt ho sake. 

प्रश्नः-

तुम बच्चे अभी जो सतसंग करते हो यह दूसरे सतसंगों से निराला है, कैसे?

उत्तर:-

यही एक सतसंग है जिसमें तुम आत्मा और परमात्मा का ज्ञान सुनते हो। यहाँ पढ़ाई होती है। एम ऑब्जेक्ट भी सामने है। दूसरे सतसंगों में न पढ़ाई होती, न कोई एम आब्जेक्ट है।

Aaj baba prashan kiye ki tum bacche bhi abhi satsang karte hai, yah dusre satsango se bilkul nirala hain. Tum baccho ko sahi sahi parichay baba dete hain ki tum kaun ho, parmatma kaun hain. Yaha baba tum ruhani baccho ko padhate hain. Aim object samne khada hai, nar se sri narayan aur nari se sri lakshmi. Ham sab aatmaye patit se pawan bante hai, devta bante hain. Sacha sacha sang hai aatmao ka parmatma ke sath. Ham sab aatmaye daily nitya din parmatma se sacha sacha satyanarayan katha sunte hain.



Shanti Ki Ek Chhidiya Aayi | Devotional Songs - 5 | BK Songs | Brahma Kumaris




══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  यही एक सत्संग है जिसमें तुम आत्मा और परमात्मा का ज्ञान सुनते हो l यहां पढ़ाई होती है l एइम ऑब्जेक्ट भी सामने है l  
✎..❷  ईश्वर को देह नहीं है l वह सदैव आत्म अभिमानी है l वह है सुप्रीम आत्मा l सभी आत्माओं का बाप l वह जन्म-मरण में नहीं आते l 
✎..❸  जैसे आत्मा का रूप बिंदी है , वैसे परमपिता परमात्मा का रूप भी बिंदी है l
✎..❹  भारत में रुद्र यज्ञ रचते है तो मिट्टी का शिवलिंग और शालिग्राम बनाकर फिर उनकी पूजा करते है l
✎..❺  आत्मा अविनाशी है l शरीर विनाशी    है l आत्मा शरीर द्वारा पार्ट बजाती है l
✎..❻  भारत में सतयुग था तो देवी- देवताओं का राज्य था l स्वर्ग है वंडर ऑफ वर्ल्ड l
✎..❼  भारत ही ऊंच खंड है l सबका तीर्थ है l सर्व की सद्गति करने वाला बाप स्वयं यहां आते है l
✎..❽  सतयुग में सोने-हीरे-जवाहरो के अनेक महल थे l द्वापर में भी कितने महल आदि होते है l वह फिर अर्थक्वेक में अंदर चले जाते है l
✎..❾  पुरानी दुनिया का विनाश सामने खड़ा है l मनुष्य बिल्कुल ही अंधियारे में कुंभकरण की नींद में सोए पड़े है l
  ..10)  आज के देह-अभिमानी मनुष्य को थोड़ा पैसा मिला तो समझते है हम तो स्वर्ग में बैठे है l स्वर्ग को बिल्कुल जानते ही नहीं l
  ..11)  बाप की महिमा है ज्ञान का सागर , शांति का सागर , पवित्रता का सागर l

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶  अब बाप बच्चों को कहते है , अपनेको आत्मा समझो l
✎..❷  यह सच्ची सत्यनारायण की कथा है l सत्य बाप तुमको नर से नारायण बनने का राजयोग सिखला रहे है l

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  देह अभिमान छोड़ , देही अभिमानी बनो l देही अभिमानीओं को ही ईश्वरीय संप्रदाय कहा जाता है l
✎..❷  अभी तुम बच्चों के लिए यह पुरुषोत्तम संगमयुग है , जबकि बाप तुमको पुरुषोत्तम - पारस बुद्धि बना रहे है l बाप मनुष्य से देवता बनने की तुमको सुमत देते है  l

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  इस यज्ञ का नाम है - राजस्व  अश्वमेघ अविनाशी रूद्र गीता ज्ञान यज्ञ l
✎..❷  बाप अभी स्वर्ग की स्थापना कर रहे है l
✎..❸  बाप सबको रावण राज्य से लिब्रेट कर , गाइड बन साथ ले जाते है l
✎..❹  पूरी रीति समझने में 7 रोज लगते है l पत्थर बुद्धि को पारस बुद्धि बनाना है l

✎..❺  अभी तुम समझते हो कि भारत की  चढ़ती कला और उतरती कला कैसे होती है l

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) एक बाप की सुमत पर चलकर मनुष्य से देवता बनना है। इस सुहावने संगमयुग पर स्वयं को पुरूषोत्तम पारसबुद्धि बनाना है।

2) 7 रोज़ की भट्ठी में बैठ पतित बुद्धि को पावन बुद्धि बनाना है। सत्य बाप से सत्य नारायण की सच्ची कथा सुन नर से नारायण बनना है।

वरदान:-

फरिश्तेपन की स्थिति द्वारा बाप के स्नेह का रिटर्न देने वाले समाधान स्वरूप भव

फरिश्ते पन की स्थिति में स्थित होना - यही बाप के स्नेह का रिटर्न है, ऐसा रिटर्न देने वाले समाधान स्वरूप बन जाते हैं। समाधान स्वरूप बनने से स्वयं की वा अन्य आत्माओं की समस्यायें स्वत: समाप्त हो जाती हैं। तो अब ऐसी सेवा करने का समय है, लेने के साथ देने का समय है। इसलिए अब बाप समान उपकारी बन, पुकार सुनकर अपने फरिश्ते रूप द्वारा उन आत्माओं के पास पहुंच जाओ और समस्याओं से थकी हुई आत्माओं की थकावट उतारो।

स्लोगन:-

व्यर्थ से बेपरवाह बनो, मर्यादाओं में नहीं।

About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.