Brahma Kumaris Murli Manthan 01-08-2020
"मीठे बच्चे - तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है, साथ-साथ पतित से पावन बनाने का रास्ता भी बताना है, रूहानी सर्विस करनी है''
प्रश्नः-
कौन-सा मंत्र याद रखो तो पाप कर्मों से बच जायेंगे?
उत्तर:-
बाप ने मंत्र दिया है - हियर नो ईविल, सी नो ईविल...... यही मंत्र याद रखो। तुम्हें अपनी कर्मेन्द्रियों से कोई पाप नहीं करना है। कलियुग में सबसे पाप कर्म ही होते हैं इसलिए बाबा यह युक्ति बताते हैं, पवित्रता का गुण धारण करो - यही नम्बरवन गुण है।
✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩ मुख्य बिंदु ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦
══════✩ ज्ञान ✩══════
✎..❶ बच्चे पतित पावन , सर्वके सद्गतिदाता , अपने बेहद के बाप के सामने बैठे है l
✎..❷ भक्ति मार्ग है ही पास्टर का l इस समय जो प्रैक्टिकल होता है , उसका फिर गायन होता है l
✎..❸ अब वापिस जाना है l विनाश सामने खड़ा है l
✎..❹ इस पढ़ाई में कोई भी किताब वा शास्त्रों आदि की बात नहीं l
✎..❺ शिव बाबा के बाद नेक्स्ट है देवताएं l
✎..❻ इस समय तुम ब्राह्मण संप्रदाय हो जो फिर जाकर दैवी संप्रदाय बनते हो l
✎..❼ तुम्हारी बुद्धि में है - हमने कैसे 84 का पार्ट बजाया है !
✎..❽ तुम जानते हो हम आत्मा मूल वतन की रहने वाली है l हम आत्माओं का वह घर है l
✎..❾ यह महाराजा-महारानी बनने की नॉलेज है l नर से नारायण बनने की सच्ची कथा तुम भगवान से सुनते हो l
══════✩ योग ✩══════
✎..❶ भल ब्रह्मा के तनमें है , फिर भी याद उनको (शिवबाबाको) करना है l
✎..❷ तुमको राजयोग परमपिता परमात्मा सीखला रहे है l
✎..❸ तुम्हारा यह स्वर्शन चक्र फिरते रहने से विकर्म विनाश हो जाएंगे l तुम इस रावण पर जीत पा लेंगे l पाप मिट जाएंगे l तुम बोलते-चलते स्वर्शन चक्रधारी हो l
✎..❹ तुम बच्चे शिवबाबा को सिमरण करते हो , ब्रह्मा को नहीं l
✎..❺ बाप की याद के साथ-साथ घर की भी याद जरूर चाहिए l घर में ही बाप को याद करना है l
══════✩ धारणा ✩══════
✎..❶ बाप ने मंत्र दिया है - "हियर नो इविल , सी नो इविल" l यही मंत्र याद रखो l तुम्हें अपनी कर्मेंद्रियों से कोई पाप नहीं करना है l
✎..❷ पवित्रता का गुण धारण करो l यही नंबर वन गुण है l
✎..❸ बाप हमको स्वर्ग का मालिक बना रहे है यह बच्चों को जानना चाहिए , और फिर खुशी भी होनी चाहिए l
✎..❹ सिर्फ याद करना है और अपनेमें दैवी गुण धारण करने है l अपनी जांच रखनी है l
✎..❺ तुम बाप से शिक्षा ले पतित से पावन बनते हो l
✎..❻ यह सब बातें तुम बच्चे धारण कर रहे हो औरों को रास्ता बताने l
✎..❼ कहते है वर्ल्ड वॉर लग जाएगी l उसके पहले तुम बच्चों को अपनी पढ़ाई से कर्मातीत अवस्था प्राप्त करनी है l
✎..❽ तुम देवी देवता बन रहे हो यह सारा दिन सिमरण करते रहो तो भी तुम्हारा बहुत कल्याण है l
══════✩ सेवा ✩══════
✎..❶ तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है l साथ-साथ पतित से पावन बनने का रास्ता भी बताना है l रूहानी सर्विस करनी है l
✎..❷ पहले पहले कोई को भी आत्मा का ज्ञान देना है l
✎..❸ आत्मा में अंदर ज्ञान है जो तुम बच्चों को और भाई-बहनों को समझाना है l बच्चे भी मददगार तो बनेंगे ना !
✎..❹ यह चित्र सबके पास होने चाहिए l खुशी होनी चाहिए - बाबा हमको यह बनाते है l
✎..❺ तुम्हारा नाम बाला है , इसलिए तुम्हारा मंदिर भी बना हुआ है l
✎..❻ बड़े-बड़े करोड़पति है , उनको यह समझाना है l तुमको अभी ज्ञान मिला है तो तुम बहुतोंको दे सकते हो l
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अन्दर से आसुरीपने को समाप्त करने के लिए चलते-फिरते स्वदर्शन चक्रधारी होकर रहना है। सारा चक्र स्मृति में लाना है।
2) बाप की याद के साथ-साथ बुद्धि परमधाम घर में भी लगी रहे। बाप ने जो स्मृतियां दिलाई हैं उनका सिमरण कर अपना कल्याण करना है।
वरदान:-
सम्पूर्ण आहुति द्वारा परिवर्तन समारोह मनाने वाले दृढ़ संकल्पधारी भव
जैसे कहावत है "धरत परिये धर्म न छोड़िये'', तो कोई भी सरकमस्टांश आ जाए, माया के महावीर रूप सामने आ जाएं लेकिन धारणायें न छूटे। संकल्प द्वारा त्याग की हुई बेकार वस्तुयें संकल्प में भी स्वीकार न हों। सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान, श्रेष्ठ स्मृति और श्रेष्ठ जीवन के समर्थी स्वरूप द्वारा श्रेष्ठ पार्टधारी बन श्रेष्ठता का खेल करते रहो। कमजोरियों के सब खेल समाप्त हो जाएं। जब ऐसी सम्पूर्ण आहुति का संकल्प दृढ़ होगा तब परिवर्तन समारोह होगा। इस समारोह की डेट अब संगठित रूप में निश्चित करो।
स्लोगन:-
रीयल डायमण्ड बनकर अपने वायब्रेशन की चमक विश्व में फैलाओ।
"मीठे बच्चे - तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है, साथ-साथ पतित से पावन बनाने का रास्ता भी बताना है, रूहानी सर्विस करनी है''
प्रश्नः-
कौन-सा मंत्र याद रखो तो पाप कर्मों से बच जायेंगे?
उत्तर:-
बाप ने मंत्र दिया है - हियर नो ईविल, सी नो ईविल...... यही मंत्र याद रखो। तुम्हें अपनी कर्मेन्द्रियों से कोई पाप नहीं करना है। कलियुग में सबसे पाप कर्म ही होते हैं इसलिए बाबा यह युक्ति बताते हैं, पवित्रता का गुण धारण करो - यही नम्बरवन गुण है।
✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩ मुख्य बिंदु ✩═════
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══════✩ ज्ञान ✩══════
✎..❶ बच्चे पतित पावन , सर्वके सद्गतिदाता , अपने बेहद के बाप के सामने बैठे है l
✎..❷ भक्ति मार्ग है ही पास्टर का l इस समय जो प्रैक्टिकल होता है , उसका फिर गायन होता है l
✎..❸ अब वापिस जाना है l विनाश सामने खड़ा है l
✎..❹ इस पढ़ाई में कोई भी किताब वा शास्त्रों आदि की बात नहीं l
✎..❺ शिव बाबा के बाद नेक्स्ट है देवताएं l
✎..❻ इस समय तुम ब्राह्मण संप्रदाय हो जो फिर जाकर दैवी संप्रदाय बनते हो l
✎..❼ तुम्हारी बुद्धि में है - हमने कैसे 84 का पार्ट बजाया है !
✎..❽ तुम जानते हो हम आत्मा मूल वतन की रहने वाली है l हम आत्माओं का वह घर है l
✎..❾ यह महाराजा-महारानी बनने की नॉलेज है l नर से नारायण बनने की सच्ची कथा तुम भगवान से सुनते हो l
══════✩ योग ✩══════
✎..❶ भल ब्रह्मा के तनमें है , फिर भी याद उनको (शिवबाबाको) करना है l
✎..❷ तुमको राजयोग परमपिता परमात्मा सीखला रहे है l
✎..❸ तुम्हारा यह स्वर्शन चक्र फिरते रहने से विकर्म विनाश हो जाएंगे l तुम इस रावण पर जीत पा लेंगे l पाप मिट जाएंगे l तुम बोलते-चलते स्वर्शन चक्रधारी हो l
✎..❹ तुम बच्चे शिवबाबा को सिमरण करते हो , ब्रह्मा को नहीं l
✎..❺ बाप की याद के साथ-साथ घर की भी याद जरूर चाहिए l घर में ही बाप को याद करना है l
══════✩ धारणा ✩══════
✎..❶ बाप ने मंत्र दिया है - "हियर नो इविल , सी नो इविल" l यही मंत्र याद रखो l तुम्हें अपनी कर्मेंद्रियों से कोई पाप नहीं करना है l
✎..❷ पवित्रता का गुण धारण करो l यही नंबर वन गुण है l
✎..❸ बाप हमको स्वर्ग का मालिक बना रहे है यह बच्चों को जानना चाहिए , और फिर खुशी भी होनी चाहिए l
✎..❹ सिर्फ याद करना है और अपनेमें दैवी गुण धारण करने है l अपनी जांच रखनी है l
✎..❺ तुम बाप से शिक्षा ले पतित से पावन बनते हो l
✎..❻ यह सब बातें तुम बच्चे धारण कर रहे हो औरों को रास्ता बताने l
✎..❼ कहते है वर्ल्ड वॉर लग जाएगी l उसके पहले तुम बच्चों को अपनी पढ़ाई से कर्मातीत अवस्था प्राप्त करनी है l
✎..❽ तुम देवी देवता बन रहे हो यह सारा दिन सिमरण करते रहो तो भी तुम्हारा बहुत कल्याण है l
══════✩ सेवा ✩══════
✎..❶ तुम्हें पढ़ाई से अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है l साथ-साथ पतित से पावन बनने का रास्ता भी बताना है l रूहानी सर्विस करनी है l
✎..❷ पहले पहले कोई को भी आत्मा का ज्ञान देना है l
✎..❸ आत्मा में अंदर ज्ञान है जो तुम बच्चों को और भाई-बहनों को समझाना है l बच्चे भी मददगार तो बनेंगे ना !
✎..❹ यह चित्र सबके पास होने चाहिए l खुशी होनी चाहिए - बाबा हमको यह बनाते है l
✎..❺ तुम्हारा नाम बाला है , इसलिए तुम्हारा मंदिर भी बना हुआ है l
✎..❻ बड़े-बड़े करोड़पति है , उनको यह समझाना है l तुमको अभी ज्ञान मिला है तो तुम बहुतोंको दे सकते हो l
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अन्दर से आसुरीपने को समाप्त करने के लिए चलते-फिरते स्वदर्शन चक्रधारी होकर रहना है। सारा चक्र स्मृति में लाना है।
2) बाप की याद के साथ-साथ बुद्धि परमधाम घर में भी लगी रहे। बाप ने जो स्मृतियां दिलाई हैं उनका सिमरण कर अपना कल्याण करना है।
वरदान:-
सम्पूर्ण आहुति द्वारा परिवर्तन समारोह मनाने वाले दृढ़ संकल्पधारी भव
जैसे कहावत है "धरत परिये धर्म न छोड़िये'', तो कोई भी सरकमस्टांश आ जाए, माया के महावीर रूप सामने आ जाएं लेकिन धारणायें न छूटे। संकल्प द्वारा त्याग की हुई बेकार वस्तुयें संकल्प में भी स्वीकार न हों। सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान, श्रेष्ठ स्मृति और श्रेष्ठ जीवन के समर्थी स्वरूप द्वारा श्रेष्ठ पार्टधारी बन श्रेष्ठता का खेल करते रहो। कमजोरियों के सब खेल समाप्त हो जाएं। जब ऐसी सम्पूर्ण आहुति का संकल्प दृढ़ होगा तब परिवर्तन समारोह होगा। इस समारोह की डेट अब संगठित रूप में निश्चित करो।
स्लोगन:-
रीयल डायमण्ड बनकर अपने वायब्रेशन की चमक विश्व में फैलाओ।