प्रश्न : राम , सीता , हनुमान व रावण कौन हैं? - रामायण के पत्रों का अध्यात्मिक रहस्य।
What is the Spiritual Significance of Rama, Sita, Hanuman and Ravana? What or whom does these names represent?
वास्तव में परमात्मा ईश्वर को ही ''राम'' कहा जाता है। हम सभी आत्माए उनकी सीता रूपी पत्नी है। हममें से जो आत्माए राम (परमपिता परमात्मा) की श्रीमत पर चलते है, वे हनुमान जैसे आज्ञाकारी है। रावण वास्तव में कोई मनुष्य नहीं लेकिन ५ विकार रूपी माया को ही रावण कहा जाता है। परमपिता परमात्मा यही श्रीमत देते है की इन विकारो को जीतो। निर्विकारी व पवित्र बनो। अभी भगवान हमे रावण की लंका (नर्क) से निकाल, सतयुगी सुखमय स्वर्ग में ले जाते है - इसलिए अब पवित्र जरूर बनो।
1. राम
राम वास्तव में निराकार शिव है जो संगम युग पर धरा पर अवतरित हो कर अपनी बिछड़ी हुई सीता ( सतयुगी आत्मा ) को रावण ( विकारों ) के चंगुल से छुड़ाने आया है ।
2. सीता
हर वह आत्मा जो वास्तव में पवित्र है परंतु आज रावण के चंगुल में फँसी हुई दूख़ी व अपवित्र है ।
3. रावण
पतित व विकार युक्त सोच व धारणा ही रावण है जिसमें फँसी हर आत्मा आज विकर्मों के बोझ तले दबती जा रही है। पाँच मुख्य विकार पुरुष के व पाँच विकार स्त्री के ही रावण के दस शीश हैं ।
4. हनुमान
वास्तव में धरा पर अवतरित हुए परमात्मा को सर्वप्रथम पहचानने वाली आत्मा ( ब्रह्मा बाबा ) ही हनुमान हैं परंतु हर वह आत्मा जो ईश्वर को पहचान दूसरी आत्माओं ( सीता ) को धरा पर आए ईश्वर ( राम ) का संदेश देने के निमित बनती है वह भी हनुमान की तरह ही है ।
5. वानर सेना
साधारण दिखने वाली मनुष्य आत्माएँ ईश्वर ( राम ) को पहचान कर, संस्कार परिवर्तन द्वारा पूरानी दुनियाँ या रावण राज्य ( पतित सोच पर आधारित दुनिया ) को समाप्त करने में राम का साथ देने वाली संसार की ३३ करोड़ आत्माएँ ही वानर सेना है।
6. लंका
पूरानी पतित दुनियाँ यहाँ हर कार्य देहभान ( body consciousness ) में किया जाता है वह रावण नगरी लंका है l
ओम शान्ति
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