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Brahmakumaris Murli Manthan 15 July 2018

Brahmakumaris Murli Manthan 15 July 2018

तुरत दान महापुण्य का रहस्य

Aaj baba ne kha ki ager buddhi swachchh ho toh aap baap ke samipta ka anubhav karege.

स्नेह के सम्बन्ध द्वारा, बुद्धि की स्पष्टता और स्वच्छता द्वारा समीप का, सन्मुख का अनुभव कर रहे हैं।

ब्रह्मा बाप सभी बच्चों को ताज़े फल द्वारा शक्तिशाली आत्मा बनाए सदा तीव्रगति से चलने का संकल्प देते हैं। सदा ब्रह्मा बाप के इस संकल्प को स्मृति में रखते हुए हर समय हर कर्म का श्रेष्ठ और ताजा फल खाते रहो। तो कभी भी किसी भी प्रकार की कमजोरी वा व्याधि आ नहीं सकती है।

सदा तुरत दान महापुण्य आत्माएं, सोचने और करने में सदा तीव्र पुरुषार्थी, हर संकल्प, हर सेकण्ड सेवा का मेवा खाने वाले, ऐसे सदा शक्तिशाली फालो फादर और फालो मदर करने वाले, सदा ब्रह्मा बाप के संकल्प को साकार में लाने वाले ऐसे देश-विदेश चारों ओर के समर्थ बच्चों को बापदादा का याद-प्यार और नमस्ते।

जो सेवा करता वह मेवा खाता। मेवा खाने वाले सदा तन्दरूस्त रहते हैं।
प्रश्न:- संगमयुग की कौन-सी विशेषता है जो सारे कल्प में नहीं हो सकती?

उत्तर:- संगमयुग पर ही हरेक को ''मेरा बाबा'' कहने का अधिकार है।

प्रश्न:- समीप आत्मा की मुख्य निशानी क्या होगी?

उत्तर:- समीप आत्माएं अर्थात् सदा बाप के समान हर संकल्प, हर बोल और हर कर्म करने वाली।

प्रश्न:- कौन सी स्मृति सदा रहे तो कभी टाइम वेस्ट नहीं करेंगे?

उत्तर:- सदा यही स्मृति रहे कि अभी संगम का समय है, बहुत ऊंची लाटरी मिली है।

प्रश्न:- आत्मा को सबसे प्यारी चीज़ कौन सी है? प्यार की निशानी क्या है?

उत्तर:- आत्मा को यह शरीर सबसे प्यारा है। शरीर से इतना प्यार है जो वह छोड़ना नहीं चाहती।

प्रश्न:- किसी भी प्लैन को प्रैक्टिकल में लाने के लिए विशेष कौन सी शक्ति चाहिए?

उत्तर:- परिवर्तन करने की शक्ति। जब तक परिवर्तन करने की शक्ति नहीं होगी तब तक निर्णय को भी प्रैक्टिकल में नहीं ला सकते हैं क्योंकि हर स्थान पर हर स्थिति में चाहे स्वयं के प्रति व सेवा के प्रति परिवर्तन जरूर करना पड़ता है।

वरदान:-

बालक और मालिकपन के बैलेन्स से पुरुषार्थ और सेवा में सदा सफलतामूर्त भव

सदा यह नशा रखो कि बेहद बाप और बेहद वर्से का बालक सो मालिक हूँ लेकिन जब कोई राय देनी है, प्लैन सोचना है, कार्य करना है तो मालिक होकर करो और जब मैजॉरिटी द्वारा या निमित्त बनी आत्माओं द्वारा कोई भी बात फाइनल हो जाती है तो उस समय बालक बन जाओ। किस समय राय बहादुर बनना है, किस समय राय मानने वाला - यह तरीका सीख लो तो पुरुषार्थ और सेवा दोनों में सफल रहेंगे।

स्लोगन:-

निमित्त और निमार्णचित्त बनने के लिए मन और बुद्धि को प्रभू अर्पण कर दो।

Aaj baba ne kha ki focus karo, aur taja phal khao. turant aacha sankalp kare aur turant sewa m lag jaye. Aur Sewa ka phal khaye.

Baba bole, turant plan banao aur usko kar dalo baba ke srimat par. aur jaha bado ki baat aye toh baccha ban jao aur bacche jaisa badi didi, dadi ka kahna mano. Jo Baba ke saman bol, soch aur karam karte hai wo hamesha hi baba ke najdik rahte hai.


Om Shanti

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About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.