Brahma Kumaris Murli Manthan 08-08-2020
"मीठे बच्चे - जैसे बाप गाइड है, ऐसे गाइड बन सबको घर का रास्ता बताना है, अंधों की लाठी बनना है''
Baba mithe baba, pyare baba, mere baba, ham sab aatmao ke pita, pavitrata ke sager, rahamdil apne baccho se kahte hain, mithe bacche tumeh sabko apne ghar ka pata batana hain, andho ko lathi banna hain. Tumeh baap ne tumhare apne ghar ka pata(paramdham) bataya, tumeh sabko batana hain. Baap tumhara guide hain, aab tumeh sabka guide banna hain. Sabko sukh shanti ka varsha dena hain. Pavitra bankar pavitra banana hain. Kal bhi baba bole, bacche tumeh sabko mukti aur jeevanmukti ka varsha dena hain.प्रश्नः-
इस बने-बनाये अनादि ड्रामा का राज़ कौन सा है, जो तुम बच्चे ही जानते हो?
उत्तर:-
यह बना बनाया अनादि ड्रामा है इसमें न तो कोई एक्टर एड हो सकता है, न कोई कम हो सकता है। मोक्ष किसी को भी मिलता नहीं। कोई कहे कि हम इस आवागमन के चक्र में आयें ही नहीं। बाबा कहते हाँ कुछ समय के लिए। लेकिन पार्ट से कोई बिल्कुल छूट नहीं सकते। यह ड्रामा का राज़ तुम बच्चे ही जानते हो।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सच्चा-सच्चा ब्राह्मण बन सबको ज्ञान अमृत पिलाना है। ज्ञान चिता पर बिठाना है।
2) शरीर निर्वाह अर्थ धन्धा आदि सब कुछ करते पतित से पावन बनने के लिए बाप की याद में रहना है और सबको बाप की याद दिलाना है।
वरदान:-
निरन्तर याद और सेवा के बैलेन्स से बचपन के नाज़ नखरे समाप्त करने वाले वानप्रस्थी भव
छोटी-छोटी बातों में संगम के अमूल्य समय को गंवाना बचपन के नाज़ नखरे हैं। अब यह नाज़ नखरे शोभते नहीं, वानप्रस्थ में सिर्फ एक ही कार्य रह जाता है - बाप की याद और सेवा। इसके सिवाए और कोई भी याद न आये, उठो तो भी याद और सेवा, सोओ तो भी याद और सेवा - निरन्तर यह बैलेन्स बना रहे। त्रिकालदर्शी बनकर बचपन की बातें वा बचपन के संस्कारों का समाप्ति समारोह मनाओ, तब कहेंगे वानप्रस्थी।
स्लोगन:-
सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न आत्मा की निशानी है सन्तुष्टता, सन्तुष्ट रहो और सन्तुष्ट करो।
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