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Brahma Kumaris Murli Manthan 03-08-2020 Rakshabandhan

Brahma Kumaris Murli Manthan 03-08-2020 Rakshabandhan



"मीठे बच्चे - तुम्हें सर्विस की बहुत उछल आनी चाहिए, ज्ञान और योग है तो दूसरों को भी सिखाओ, सर्विस की वृद्धि करो''

Aaj Mithe baba, gyan ke sager, ham sabhi aatmao ke rakshak, pavitra ke sager, ham sabhi aatmao ko pavitra banane wale, aatmao se kehte hain, mithe baccho, tumeh sewa bahut umang, uchal aani chahiye, gyan aur yog hai toh dusro ko bhi sikhana chahiye, aur sewa me vridhi karna chahiye. Baba kahte hain mithe bacche, apne man, buddhi se ek baba ko hi yaad karo, kahi aur maya ke jaal me mat phaso, jab man aur budhi dono baba me tika rahega tabhi sewa ke bhi sankalp aayege, sewa me vridhi kaise ho, uske bare me soch payege, agar maya jaal me, dunia ki bato me man aur buddhi busy rahega toh sewa ke bare me kaise soch payege. Jab ham baccho ko gyan mila hai toh hame dusro ko bhi sikhana hain.

प्रश्नः-

सर्विस में उछल न आने का कारण क्या है? किस विघ्न के कारण उछल नहीं आती?

उत्तर:-

सबसे बड़ा विघ्न है क्रिमिनल आई। यह बीमारी सर्विस में उछलने नहीं देती। यह बहुत कड़ी बीमारी है। अगर क्रिमिनल आई ठण्डी नहीं हुई है, गृहस्थ व्यवहार में दोनों पहिये ठीक नहीं चलते तो गृहस्थी का बोझ हो जाता, फिर हल्के हो सर्विस में उछल नहीं सकते।

Service me umang nahi aatma, sewa me uchal nahi aatma, man budhi hamesha busy rahta hain dunia ki bato me. Baap ko bhul jate hain. Baba kal bole, main baap ka, baap mera. Yahi sankalp rahe. Mere toh shiv baba dusra na koi. Sewa me vighan aaane ka sabse bada karan crimnal eye. Baba kahte hai, yah sabse badi bimari hain, jo sewa me umang nahi aane deti. Sewa karne bhi nahi deti. Alash aur alvelapan me aakar sewa nahi kar pate. Agar stri-purush ek sath rahte hain toh eye par bada attention dena hai, eye hi sabse pehle vikar lati hain. Brahma baba ki yugal, baba ko baba kahkar pukarti thi, itna baba nirwikari. Aisi aatmik, ruhani drishti rakhni hain, jisse pure ghar me ruhaniyat phail jaye. Aur aapke yugal me bhi parivartan aa jaye. Aapn unhe ruhaniyat drishti se dekhge toh unpar jarur uska asar hoga. Vibrations work. Aur wo bhi apne ander parivartan jarur karegi, aur sahyogi jarur banegi. Unke ander bhi kam ke sanskar sab khatam ho jayege. Ramkrishna paramhansh ka example sunte hain ham. Unki wife se wo puche ki tum mujhe vikari banane aayi ho. Wo boli, nahi main aapke spiritual path me sahyogi banugi. 

Bahar ki paristhitiyon se bache rahna ka sahaj sadhan, apne ko aatma samjho. Aur mala ke dane me apna position dekhe. Aatma ka position kya hai.

गीत:-

जाग सजनियाँ जाग ........

         ✦ चारों सब्जेक्ट्स के ✦
═════✩   मुख्य बिंदु    ✩═════
✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦✧✧✧✧✦✦✦


══════✩   ज्ञान    ✩══════

✎..❶  तुम जानते हो हमको इस विश्व पर गुप्त रीति राज्य स्थापन करना है l
✎..❷  और जो भी धर्म है उनको यह नॉलेज मिलने की है नहीं l बाप तुम बच्चों को ही बैठ समझाते है l
✎..❸  बाप आ कर फिर से तुमको आदि सनातन देवी-देवता धर्म में ट्रांसफर करते है l
✎..❹  सर्व का सद्गति दाता , ज्ञान का सागर उस परमपिता परमात्मा को कहा जाता है l
✎..❺  अभी सब है भक्तिवान l बाप ज्ञान दे  कर  तुमको  ज्ञानवान  बनाते  है l
✎..❻  तुम हो गुप्त l कोई नहीं जानते कि यह ब्रम्हाकुमार ब्रम्हाकुमारीया क्या करते है !

══════✩   योग    ✩══════

✎..❶ गीत सुनने से बच्चों को नशा चढ़ता है l तुमको अपने स्वधर्म में टिकना है और बाप  को  याद  करना  है l  
✎..❷  अंदर में यह स्मृति रहनी चाहिए कि मैं आत्मा शांत स्वरूप हूं l गृहस्थ व्यवहार में रहते टीचर की याद रहे तो बाप और गुरु जरूर याद आएंगे l
✎..❸  बाप से वरसा लेने अपने को आत्मा निश्चय कर बाप को याद करना है l इससे ही  विकर्म विनाश होंगे l शक्ति आएगी l
✎..❹  भगवान ने आकर राजयोग सिखाया l उसका नाम गीता रखा है l
✎..❺  जितना तुम देही अभिमानी बनेंगे उतना बल आएगा l
✎..❻  ज्ञान के साथ याद का जोहर भी चाहिए l
✎..❼  तुम याद में मस्त रहो तो सर्विस बढ़ती रहेगी l
✎..❽  तुम पतीत से पावन याद के बल से  बनते हो l
✎..❾  बच्चों को याद जब एकरस रहती है , अवस्था अच्छी होती है , तो खुशी रहती है l

══════✩   धारणा    ✩══════

✎..❶  सर्विस में उछाल न आने का कारण है क्रिमिनल आई l 
✎..❷  बच्चों को तो नशा चढ़ा रहना चाहिए कि अभी हम नई राजाइ स्थापन कर रहे है l तुम बच्चों की लड़ाई है माया से l
✎..❸  तुम्हें फिर से सतोप्रधान बनना है l तुम आत्माएं परमधाममें थी तो पवित्र थी l अभी तुमको पवित्र बन वापिस घर जाना है l
✎..❹  लड़ना-झगड़ना नहीं है l आपसमें   क्षीरखंड हो रहना है l
✎..❺  झरमूइ-जंगमूइ में बच्चों की बुद्धि अटकी रहती है l भल सेंटर संभालते है , परंतु नशा नहीं l क्योंकि देह अभिमान है l
✎..❻  क्रिमिनल आई नुकशान करने वाली है l
✎..❼  किसको दु:ख नहीं देना है l   अकर्तव्य नहीं करना है l
✎..❽  टाइम वेस्ट नहीं करो , अच्छी रीति धारण करो l

══════✩   सेवा    ✩══════

✎..❶  तुम्हें सर्विस की बहुत उछल आनी चाहिए l ज्ञान-योग है तो दूसरों को भी सिखाओ l सर्विस की वृद्धि करो l
✎..❷  बच्चों में अभी वह ताकत नहीं आई है जो किसको अच्छी रीति समझाएं l
✎..❸  गोपो में कुछ ताकत है l मेहनत कर कॉन्फरन्स आदि कर रहे है l सर्विस वृद्धिको कैसे पाएं ? माथा मार रहे है l
✎..4)  कोई अनपढ़ शक्तियां भी पढ़े-लिखे को अच्छा पढ़ाती है l
✎..❺  बाबा बच्चों को सर्विस उठाने के लिए समझाते रहते है l कोई धनवान है तो भी उछलते नहीं l बच्चा नहीं है तो गोद में लेते है l उछल नहीं आती - बाबा हम  बैठे है , हम  बड़ा  मकान  लेकर  देते  है l 
✎..❻  देल्ही में विशेष सेवा का घेराव डालो l कोई को समझाने के लिए अंदर घुसना चाहिए l
✎..❼  संगठन में भी यह विचार करो - देल्ही में बड़ा मेला आदि कैसे करे !
✎..8)  तुम तो सोए हुए को जगाते हो l अभी तुम को तीन पैर कैपिटल में चाहिए , जो वहां ज्ञान के गोले छोड़े l
✎..❾  बाबा तो समझाते रहते है , यह-यह अखबार में डालो l बच्चों को बाप का शो करना है l तुम बच्चों को अभी विहंगमार्ग की सेवा का तमाशा दिखाना है , जो बहुतों का कल्याण हो जाए l

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) याद की गुप्त मेहनत करनी है। याद की मस्ती में रहने से सर्विस स्वत: ही बढ़ती रहेगी। मन्सा-वाचा-कर्मणा याद में रहने का पुरूषार्थ करना है।

2) मुख से ज्ञान की ही बातें सुनानी है, किसको दु:ख नहीं देना है। कोई भी अकर्तव्य नहीं करना है। देही-अभिमानी बनने की मेहनत करनी है।

वरदान:-

विजयीपन के नशे द्वारा सदा हर्षित रहने वाले सर्व आकर्षणों से मुक्त भव


विजयी रत्नों का यादगार - बाप के गले का हार आज तक पूजा जाता है। तो सदा यही नशा रहे कि हम बाबा के गले का हार विजयी रत्न हैं, हम विश्व के मालिक के बालक हैं। हमें जो मिला है वह किसी को भी मिल नहीं सकता - यह नशा और खुशी स्थाई रहे तो किसी भी प्रकार की आकर्षण से परे रहेंगे। जो सदा विजयी हैं वो सदा हर्षित हैं। एक बाप की याद के ही आकर्षण में आकर्षित हैं।

स्लोगन:-

एक के अन्त में खो जाना अर्थात् एकान्तवासी बनना।

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About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.