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बैज का महत्व - Brahma Kumaris Badge Ka Mahatwa

बैज का महत्व - Brahma Kumaris




★ बैज को धारण करना हरदम,इतना भी आसान *नहीं है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
ईश्वर का आकार है इसमे, ज्योति बिंदु बना *है जिसमें*
★ परमपिता का ये निशान है, इसकी बहुत बड़ी *शान है*
★ पात्र नहीं है इसका जिसको,आचरणों का ध्यान *नहीं है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
★ बैज तो सेवा बहुत कराता कोई उस पर *ही समझाता*
★ बाबा की मदद मिल जाती, माया उससे *है घबराती*
★ अटेंशन उसको रखना पड़ता, ऐसा वैसा कुछ *नहीं करता*
★ मधुबन का ये बैज लगाना, छोटी मोटी शान *नहीं है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
★ बैज लगाकर गलती करने, का कोई स्कोप *नहीं है*
★ वही लगा सकता है इसको,जिसमें कोई क्रोध *नहीं है*
★ नम्रता का भाव है जिसमें, संगम का प्रभाव *है जिसमें*
★ कलयुग की दुनिया का जिसको,किसी प्रकार का काम *नहीं है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
★ पवित्रा का सिम्बल है ये, याद दिलाने का बल *है ये*
★ ओम शांति लिखा है इसपर,बाबा की किरणें है *जिसपर*
★ रॉयल्टी इससे आ जाती, माया भी *इससे घबराती*
★ हरदम बैज लगा रहे तो,बाबा की याद सहज *ही आती*
★ बाबा का बच्चा हूं, इसकी भी पहचान *यही है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
★ बैज तो बाबा की इज्जत है, अगर लगाने वाले मे *सिद्दत है*
★ ज्ञान मार्ग मे ठीक चल रहे, बाबा से ही यहाँ *पल रहे*
★ कोई भी अभिमान नहीं है, ऐसा वैसा काम *नहीं है*
★ सबकी नजर रहती है उस पर, बैज लगा होता *है जिसपर*
★ डिस सर्विस हो जाती है, अगर इसपर ध्यान *नहीं है*
★ ये कोई बाजार मे बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
★ कोई कमी अगर रह जाती, वो अंदर से मन *को खाती*
★ बैज लगाने वाली आत्मा, अपनी नजरों में *गिर जाती*
★ सारी दुनिया जान गई है, बैज को अब पहचान *गई है*
★ उनकी नजर बहुत तेज है,चेक करने का सही *गेज है*
★ बिना बैज के ही ठीक है, अगर कोई उत्थान *नहीं है*
★ ये कोई बाजार में बिकता, चमकीला सामान *नहीं है*
*ओम शांति*

Spiritual Significance Of Dussehra(Vijay Dashmi) - Brahma Kumaris

 Spiritual Significance Of Dussehra - Brahma Kumaris

Happy Vijayadashmi

आज दशहरा के इस पावन पर्व पर हम सभी एक प्रतिज्ञा स्वयं से और पिता परमात्मा से अवश्य करें कि हम अपने अंदर छिपे सभी आसुरी अवगुणों को नष्ट करके ही रहेंगे और हमारी यही दृढ़ता हमें जीवन के लक्ष्य तक पहुंचाएगी...

एक बार पुनः आप सभी को विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं...

विजया दशमी के विशेष दिवस पर आज मुरली क्विज़ और मनन चिंतन प्रश्न की छुट्टी रहेगी......

Do Enjoy
Madhuban

Brahma Kumaris wishes you all a very Happy Dussehra. May the light of truth brighten your life with happiness, peace and prosperity.

Every second of our life is a chance to choose our true sanskaras over falsehoods. By allowing our godliness to triumph every time, we are not only celebrating Vijayadashami within our consciousness, but also demonstrating to the world how the truth is always victorious.
We wish you all a very Happy and truthful Dusshera.

The festival #Dussehra or #Vijayadashami celebrates the #Victory of good over evil. Ravan is the personification of evil. The 10 heads of Ravan #represent 10 vices in us - lust/desire, anger, greed, attachment, ego, jealousy, hatred, deceit, stubbornness, laziness. Ravan could be killed only when hit at his navel, #symbolizing that we can #win over vices upon finishing 'body-consciousness'.

Dussehra - Finish Your Ego
BK Shivani explains how the 10 heads of Ravan represent 10 vices or weaknesses present within us, and how we can finish them with lifestyle disciplines.

Dussehra - Finish Your Ego (by BK Shivani)

https://fb.watch/nVHzLxGbgc/

Have the awareness of true nature of the soul and make effort to remove your demonic traits and celebrate as you conqure your weakness.
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Karam Karte Samay Swaman Me Rahe

*सुबह आँख खुलते ही!

*• बाबा को गुड़मॉर्निंग*

*• सुबह का आदि काल अमृतवेला… बाबा की यादों में*

• ब्रश करते… मैं आत्मा इस शरीर रूपी रथ को साफ कर रही हूँ

• स्नान करते… मैं इस मन्दिर को साफ कर रही हूँ, जिसमें बाबा की अति प्रिय देवता मूर्ति (मैं आत्मा) विराजमान है!


*अगर विशेष तैयार होना हो*

• बिंदी लगाते… आत्मिक स्मृति का तिलक

• रूहानी शीतल दृष्टि

• यदि मेकअप करना पड़े… हर्षितमुखता की लाली

• रूहानी मुस्कान की लिपस्टिक

• कुंडल पहनते… Hear no evil, मैं कुछ गलत नहीं सुनूंगी

• इत्र लगाते… दिव्यगुणों के वाइब्रेशन की स्मृति

• सैट पहनते… गुणों की स्मृति

• ईश्वरीय मर्यादाओं का कंगन

• परमात्म प्रेम की अंगूठी

• ड्रेस धारण करते… देवता रूप की ड्रेस

• आईना देखते… मन का मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में!


*बाहर निकलते*

• बैग उठाते… सभी ज्ञान के पॉइंट कार्यक्षेत्र पर ले जाना

• शूलेस टाइट करते… अपना आज का लक्ष्य पक्का करना

• घर से बाहर निकलते… बाबा के साथ जाना

• लिफ्ट में… मुझे सबकी दुआओं की भी लिफ्ट मिली है, सेवा भी भाग्य की लिफ्ट है

• चाबी से वाहन शुरू करते… मेरा बाबा, सर्व खज़ानों की चाबी है!

• कार चलाते… मैं डबल ड्राइवर हूँ, स्थूल कार और शरीर दोनों को चलाता हूँ… बाबा के गीत सुनते

• सिग्नल पर… अपने मन की गति को भी धीरे करे, ट्रेफिक कंट्रोल!

• किसी के घर जाने के पहले चप्पल उतारते… देह-भान उतारना


*सेन्टर जाते*

• जाते… मैं बाबा के घर जा रही हूँ

• आते… मैं सेवा-स्थान आ रही हूँ

• बाबा की रूम में… दिल से बाबा से बातें करे

• मुरली सुनते… देखे, बाबा मुरली सुनाते हुए (और भी कई अभ्यास है)

• सबको देखते… यह बड़ा सुन्दर ईश्वरीय परिवार है


*व्यायाम करते*

• Walking करते… बाबा के हाथों में हाथ

• Exercise करते… मन को भी ऎसे flexible करना है

• सांसो का व्यायाम… बाबा ने मुझे नया जीवन, जियदान दिया है

• धड़कन का आवाज… मुझे अपने समय-श्वास को सफल करना है


*ऑफिस*

• कार्य शुरू करने से पहले… बाबा का आह्वान

• कार्य समाप्त करने के बाद… थैंक्स बाबा!

• कार्य करते हुए… बाबा मेरे साथ है, मैं बाबा के साथ combined हूँ

• कंप्यूटर पर कार्य करते… मैं आँखों द्वारा देख, हाथों द्वारा कर्म कर रही हूँ

• बीच-बीच में… बाबा से बातें

• मीटिंग से पहले… सब आत्माओं से मिलना है

• सैलरी मिलते… बाबा ने मुझे कितना अविनाशी ज्ञान रत्नों से भरपूर किया है!

• प्रोमोशन मिलते… बाबा ने भी मुझे, कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया है


*घर-काम करते*

• यह बाबा का घर है

• बच्चें संभालते… यह बाबा के बच्चे है

• झाडू़ लगाते… मन को भी पुरानी बातों से साफ करना

• कपड़े मशीन में डालते… बाबा भी मुत पलिती कपड़ धोते, मुझ आत्मा को साफ करते

• बर्तन साफ करते… यह शिवबाबा के भण्डारे की सेवा है

• पानी भरते… बाबा मुझे शक्तियों से भर रहे है, पानी भी चार्ज हो रहा है

• पानी / दूध पीते… बाबा मुझे रोज़ ज्ञान अमृत / दूध पिलाते

• घड़ी देखते… समय बहुत कम है

• सब्जी खरीदते… सतयुग में सबकुछ श्रेष्ठ होगा

• पैसे देते… सतयुग में सबकुछ free होगा

• दूध खरीदते… सतयुग में गाएं भी फ़र्स्ट-क्लास होगी

• लाइन में खड़े… मुझे अन्त में पश्चाताप के बजाए, प्राप्ति-स्वरूप की लाइन में रहना है

• गीत-संगीत का आवाज सुनते… बाबा की यादों में रहना है

• TV पर peace of mind देखते… सूक्ष्मवतन के TV में बाबा मुझे देख रहे है

• किसी के लड़ाई-झगड़े का आवाज… 1 मिनट बैठ शान्ति शुभ-भावनाओं का दान देेना

• यदि विश्व में कोई जगह विशेष आवश्यकता हो… पावरफुल सकाश देना

सारा दिन

• सेवा करते… बाबा करन-करावनहार है

• गैस on करते… बाबा के योग को अग्नि भी चालू

• भोजन बनाते… बाबा की पवित्र किरणें इसमें पड़ रही है

• मीठी चीज़ बनाते… बाबा मुझे रोज़ गरम-हलवा मुरली खिलाते

• भोजन करने से पहले… बाबा को भोग लगाना

• भोजन देखते… मैं परम पवित्र आत्मा हूँ

• भोजन मुख में डालने से पहले… बाबा ने आज क्या कहा

• भोजन करते… मैं आत्मा बाबा को खिला रही हूँ, बाबा मुझे खिला रहे हैं

• वार्तालाभ करते… मैं आत्मा से बात कर रही हूँ, कानों द्वारा सुन रही हूँ

• ट्रेफिक कंट्रोल… मन को बिल्कुल शान्त करना

• संकल्पों पर Attention

• ज्ञान का विचार सागर मंथन

• रेस्ट करते… बाबा सिर में massage कर रहे है

• आराम करते… बाबा पैर भी दबाते हैं


*मोबाइल use करते*

• यह साधन मुझे सेवा-अर्थ मिला हैं… साधना को इस पर आधारित नहीं करना है

• रिंग बजते… आत्मा का फोन है

• फोन करते… आत्मा को फोन कर रही हूं

• चार्ज करते… मुझे अपने को भी चार्ज करना है, बाबा की याद से

• Email आया तो… बाबा भी मुझे रोज़ प्रेम-पत्र मुरली भेजते

• Message आया तो… बाबा ने मुझे आज क्या मैसेज दिया है?

• सेवा-अर्थ whatsapp... बाबा मेरे लिए सदा online रहते हैं

• सेवा-अर्थ facebook… बाबा ही मेरा सच्चा खुदा दोस्त है


*प्रकृति देखते*

• पेड़… बाबा ने हमें कितना अच्छा कल्प-वृक्ष का ज्ञान दिया है

• फूल… मैं आत्मा खुशबूदार फूल हूँ

• फल… मुझे सेवा का प्रत्यक्षफल खाना है, नाम-मान-शान का कच्चा फल नहीं

• पक्षी… मैं भी आत्म-पंछी हूँ

• पशु… सतयुग में जानवार भी सम्पूर्ण-स्वच्छ फ़र्स्ट-क्लास होंगे

• धरती… मुझे धरती-समान दाता बनना है

• आकाश… मुझे भी आकाश समान विशाल बनना है

• सूर्य… बाबा भी ज्ञान सूर्य है

• चंद्रमा… मुझे भी ज्ञान-चंद्रमा ब्रह्मा-बाबा समान सम्पूर्ण बनना है

• सितारे… मैं आत्मा लक्की ज्ञान-सितारा हूँ


*शाम को*

• नुमाशाम को… बाबा की powerful याद!

• लाइट-fan की स्विच on करते… कोई भी एक श्रेष्ठ स्मृति की स्विच ऑन

• लाइट on करते… बाबा ने मेरा जीवन ज्ञान-रौ से प्रकाशित कर दिया है

• Fan on करते… मैं बाबा का fan हूँ!


*सोते समय*

• चार्ट लिखते के बाद… देखे, बाबा को चार्ट देते हुए

• नाइट-ड्रेस पहनते… फरिश्ता रूप की ड्रेस

• AC करते… बाबा की याद भी शीतल ठण्डक है

• बिस्तर तैयार करते… बाबा भी सूक्ष्मवतन में मेरा bed तैयार कर रहे हैं

• लेटते हुए… यह शरीर को गैरेज में रख, मैं आत्मा उड़ चली अपने घर!

• सोना… बाबा की गोद में, बाबा मेरे सिर पर हाथ फेर रहे हैं


तो चलिए आज सारा दिन… हर कर्म में बाबा के ज्ञान-योग को जोड़कर, सदा योगयुक्त स्थिति में स्थित शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर रहे… जिससे औरों को भी प्राप्ति-प्रोत्साहन मिलता, और हम साथ में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम शान्ति!

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विश्वकर्मा की विशेषता क्या है और आध्यात्मिक रहस्य क्या है? - Brahma Kumaris

 विश्वकर्मा की विशेषता क्या है और आध्यात्मिक रहस्य क्या है

_पौराणिक कथा_
_आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवो अपितु देव गणों द्वारा पूजित और वंदित है भगवान विश्वकर्मा के अविष्कार एवं निर्माण कार्यो के संदर्भ में इन्द्र पुरी यम पुरी वरूण पुरी कुबेर पुरी पाडण्व पुरी सुदामा पुरी आदि का निर्माण इनके द्वारा ही किया गया है पुष्पक विमान का निर्माण व सभी देवो के भवन और दैनिक उपयोगी होने वाली वस्तुऐ भी इनके द्वारा ही बनाया गया है कान के कुंण्डल विष्णु भगवान का सुर्दशन चक्र शंकर भगवान का त्रिशुल और यम राज का काल दण्ड इत्यादि वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्मा जी की उत्पत्ति करके उन्हें प्राणी मात्र का सृजन करने का वरदान दिया और उनके द्वारा 84 लाख योनियों को उत्पन्न किया श्री विष्णु भगवान की उत्पत्ति कर उन्हें जगत में उत्पन्न सभी प्राणियों की रक्षा और भरण पोषण का कार्य सौप दिया प्रजा का ठीक सुचारु रूप से पालन और हुकुमत करने के लिए एक अत्यंत शक्ति शाली तीव्र गामी सुर्दशन चक्र प्रदान किया बाद में संसार के प्रलय के लिए एक अत्यंत दयालु भोले बाबा भोले नाथ श्री शंकर भगवान की उत्पत्ति की उन्हें डमरु कमण्डल त्रिशूल आदि प्रदान कर उनके ललाट पर प्रलय कारी तिसरा नेत्र भी प्रदान कर दिया और उन्हें प्रलय की शक्ति देकर शक्ति शाली बनाया यथा अनुसार इनके साथ इनकी देवियाँ खजाने की आधिपति माँ लक्ष्मी राग रागिनी वाली वीणावादिनी माँ सरस्वती और मा गौरी को देकर देवो को सुशोभित किया।_

_इसका आध्यात्मिक रहस्य है कि सारे विश्र की उत्पत्ति करने वाले व सभी मानव मात्र की उत्पत्ति करने वाले व जितने भी जीव है सभी की रचना स्वंय हमारे निराकार शिव बाबा ने की है वो सारे संसार के कर्ता धर्ता है उन्हें ही भक्ति मार्ग में विश्वकर्मा के नाम से जाना जाता है और शिव बाबा एक साधारण मनुष्य के तन में प्रवेश करते हैं और उनका नाम ब्रह्मा रखते हैं और ब्रह्मा के द्वारा ही ब्राह्मण रचे जाते हैं और फिर ब्राह्मण ही देवी देवता बनते हैं और ब्रह्मा ही विष्णु बनते हैं और संगम पर सारे शस्त्र मिलते है लेकिन वो ज्ञान के आधार पर जैसे ज्ञान का शंख ज्ञान का तीसरा नेत्र सुर्दशन चक्र मतलब स्वयं का दर्शन और चारो युगों का दर्शन और शिव बाबा के पास जो भी था सब ब्रह्मा बाबा को दिया ब्रह्मा बाबा के द्वारा हम बच्चों को मिला ब्रह्मा ही विष्णु बनते है और ब्रह्मा के साथ मम्मा को दिखाया है जो जगदम्बा सरस्वती है उन्हें भक्ति मार्ग में अनेक नामो से पुकारते है और जो तेतीस कोटी देवी देवताओ की महिमा गायी जाती है वो हम सब बच्चे ही अपने पुरुषार्थ के द्वारा बनते हैं।_

_सारे विश्व के सृजन करने वाले व भरण पोषण करने वाले एक शिव बाबा ही है जो ब्रह्मा बाबा को निमित्त बनाकर उनके द्वारा सारा कार्य करवाते हैं।_
_शिव बाबा ही विश्वकर्मा है यानि सारे संसार को चलाने वाले एक शिव बाबा ही है जिन्हें विश्वकर्मा नाम से पुकारते है और पूजा भी करते है।_




💖💗💖 ओम् शांति

Happy Mother's Day Quotes - Brahma Kumaris

Happy Mother's Day Quotes - Brahma Kumaris


A mother plants a flower of love within a child's heart. Let your heart gift her the fragrance of that flower.


Motherhood is unconditional loving, selfless care & endless patience.


Awaken YOUR motherly instincts. To nourish the world.


A mother is the one who nurtures, adds value to another life, and radiates love to every soul.


Your smile brightens each day just as the morning rays shines on the hills and it's with doubt that this gives us the courage to face the new day with joy.


Mothers' qualities of mercy, love & truth make them equal to God.

Taken from Dadi's book 'Wings of Soul(Brahma Kumaris)


A Mother is the one who nurtures, adds value to another life and radiates love to every soul.


Womanhood is not just about being a mother, daughter, teacher, leader it is more about the virtues of strength, kindness, tolerance, self sovereignty, patience; this makes every woman a world mother.


Only if we all emerge our motherhood one day, Paradise would come on earth to stay.


भगवान का दूसरा रूप है माँ, उनके लिए दे देंगे जां, हमको मिलता जीवन उनसे, कदमो में है स्वर्ग बसा, हमारी खुशी में खुश हो जाती, दुःख में हमारे आंसू बहाती, कितने खुशनसीब है हम, पास हमारे है माँ।


Mother is another form of God.

Would give my life for them

We get life from him,

Heaven resides at your feet,

Would have been happy in our happiness,

shed our tears in sorrow,

how lucky we are

We have mother.


Mother is the name for God in the lips & hearts of Little Children.


माँ, ओ माँ ! तेरी ठण्डी छाँ! तेरी शीतल बाँ! तेरी हाँ में हाँ, ओ माँ ! तू ले जा चाहे जहाँ, हमें दिखता आसमाँ, भूल गया जहाँ ! माँ ओ माँ ! .


Mother, oh mother!

Your cool shade!

Your cool arm!

yes in your yes

Oh mother!

wherever you want to take it,

We see the sky

The world has forgotten!

Mother oh mother! ,


Mother is the most lovable and adorable person. No love can exceed or even match the love of a mother for her child. . On the occasions of the Mother’s Day, this is the special program to give tribute to the mother of physical body and also to the mother of the soul, Almighty God Father.


Happy Mother’s Day

“My mother always told me that as you go through life, no matter what you do, or how you do it, you leave a little footprint, and that's your legacy.” – Jan Brewer

May today be filled with love - face to face, virtually, on the phone, or even just in your thoughts. 

Blessings to all mothers ❤

Mohjeet Raja Ki Katha - मोहजीत राजा की कथा

Mohjeet Raja Ki Katha - मोहजीत राजा की कथा

 एक बार एक राजकुमार अपने कई सैनिकों के साथ शिकार पर गया । वह बहुत अच्छा शिकारी था । शिकार के पिछे वह इतना दूर निकल गया कि सारे सिपाही पीछे छूट गये । अकेले पडने का एहसास होते ही वह रूक गया । उसे प्यास भी लग रही थी । उसे पास में ही एक कुटीया दिखाई दी । वहॉ एक संत ध्यान- मग्न बैठे हूवे थे । राजकुमार ने संत के पास जाकर पानी मॉगा । सन्त ने राजकुमार का परिचय पूछा। राजकुमार ने संत से कहा कि वह एक राजा का लडका है जिसने मोह को जीत लिया है । संत बोला -असंभव।एक राजा और मोह पर विजयी ? यहॉ मै एक संन्यासी हूँ अब भी मोह को जीत नही पा रहा हूँ और तुम कहते हो कि तुम्हारे पिताजी एक राजा है और मोह को जीत चूके हैं । राजकुमार ने कहा , न केवल मेरे पिताजी बल्कि सारी प्रजा ने भी मोह को जीत रखा है । सन्त को इसका विश्वास नही हूवा तो राजकुमार ने कहा कि आप चाहे तो इस बात कि परिक्षा ले लें । सन्त ने राजकुमार कि कमीज मॉगी और उसे कुछ और पहनने को दे दिया । सन्त ने तब एक जानवर को मार कर उसके खून मे राजकुमार की कमीज को डुबोया और वह शहर मे चिल्लाता हूवा गया कि राजकुमार को एक शेर ने मार दिया । शहर के लोग कहने लगे - अगर वह चला गया तो क्या हूआ । आप क्यों चिल्ला रहे हो ? वह उसका भाग्य था । सन्त ने सोचा कि प्रजा नही चाहती होगी कि राजकुमार भविष्य मे राजा बने इसलिए इस तरह कि प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही है ।सन्त महल मे गया और राजकुमार कि मौत कि बात उसके भाई और बहन को सुनाई । उन्होंने कहा कि अब तक वह हमारा भाई था, अब किसी और का भाई बन जाएगा । कोई हमेशा के लिए तो साथ नही रह सकता इसीलिए रोने और चिल्लाने कि आवश्यकता नही है । सन्त को लगा कि बहन को दूसरा भाई अधिक पसंद है और भाई खुश है कि उसे अब राज्य मिलेगा इसलिए दोनों ने एैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की । फिर वह पिता के पास गया और खबर सुनाई । पिता बोले , आत्मा तो अमर और अविनाशी है इसलिए चिल्लाने कि कोई जरूरत नही है । वह मेरा पुत्र था इसलिए मैने सोचा कि वह राजा बनने वाला है लेकिन अब दूसरे पुत्र को राज्य मिलेगा । मै उसे वापस नही ला सकता हूँ इसलिए दुःख क्यों करूँ । सन्त सोच मे पड गया । लेकिन अभी और भी दो लोग बाकी थे । राजकुमार की माता और पत्नी । सन्त ने सोचा कि यह दो व्यक्ति तो जरूर व्याकुल होंगे । लेकिन वहॉ से भी वैसा ही उत्तर पाकर संत आश्चर्य मे पड़ गया । उसे अपने आप पर ही विश्वास नही हो रहा था कि वह सच देख रहा है । आखिर हारकर उसने अपने आने का उद्देश्य और राजकुमार के जिंदा होने कि बात सबको सुना दी । राजकुमार ने वापस आकर अपना राज्यभाग्य सँभाला और हर चिज पहले कि तरह चलती रही । 


              आध्यात्मिक भाव


        मोह पॉच विकारों मे से एक है। वह हमारी शांती को छिन लेता है। परखने कि शक्ति को खत्म कर देता है। मोह सच्चाई को खत्म करता है। जिसमे मोह है उसमे बुद्धिमानी नही हो सकती। बाबा इस कथा से शिक्षा देना चाहते है कि ना हमें दुसरों मे मोह हो और ना ही दूसरोंका हममे मोह हो।तब ही हम विश्व के मालिक बन सकते है ।

             🌹अच्छा.....ऊँ शांती🌹

Sankalp Shakti By BK SURAJ BHAIJI

Sankalp Shakti By BK SURAJ BHAIJI 

मधुवन आदरणीय सुरजभाईजी से तीर्व पुरुषार्थ के लिए पावरफूल समर्थ संकल्प👍


💝आंखें खुलते ही प्रभूमिलन👏


🌼पावरफुल संकल्प शक्ति बनेगी👇🌼


🔆1 मैं शिवबाबा की संतान हुँ!


🔆2 मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हुँ!


🔆3 ईश्वरीय शक्तियों से भरपूर हुँ!


🔆4 मैं शक्तिशाली आत्मा हुँ!


🔆5 मैं निर्भय आत्मा हुँ!


🔆6 मैं शांत स्वरूप आत्मा हुँ!


🔆7 मैं बहुत सुखी हूँ, खुश हुँ!


🔆8 मैं एकदम परफेक्ट, हेल्थी, स्ट्रॉन्ग हुँ!


🔆9 मेरा रिलेशनशिप सबसे बहुत सुंदर ,अच्छा, मधुर , प्यारा है!


🔆10 मैं और मेरा पूरा परिवार मास्टर सर्वशक्तिमान की छत्रछाया में बिल्कुल सुरक्षित है, सेफ है!


🔆11 सर्वशक्तिमान मीठे शिवबाबा मेरा साथी है ..मुझे किसी भी बातों में कोई डर नहीं है.


🔆12 आज से अब से मेरे साथ सब कुछ बहुत बहुत अच्छा होगा!


🔆13 मैं बहुत भाग्यशाली हुँ मुझ जैसा भाग्यवान दुनिया मे कोई नहीं!


🔆14 मैं आत्मा बहुत आसानी से ये शरीर छोड़ दूंगी!


🔆15 मैं शिवबाबा की याद में ये शरीर छोड़ दूंगी!


🔆16 मेरी मृत्यु बहुत सुखद होगी!


🔆17 सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है!


🔆18 मैं विजयी रत्न आत्मा हुँ


🔆19 मैं विघ्नविनाशक आत्मा हुँ!


🔆20 मै तो महान आत्मा हूँ ..मै मास्टर क्रियेटर हूँ "


🔆21 मैं पूर्वज आत्मा हुँ!


🔆22 मैं नष्टोमोहा आत्मा हुँ!


🔆23 मेरा घर स्वर्ग है मधुबन है


🔆24 मैं परम पवित्र आत्मा हुँ!


🔆25 मैं प्रकृतिजीत आत्मा हुँ मैं प्रकृति की मालिक हूं


🔆26 मैं सभी आत्माओं से मन, वचन, कर्म से, संकल्पो से जाने अनजाने में इस जन्म या पिछले किसी भी जन्म में जिसको भी दुख दिया है, सभी से क्षमा मांगता हुँ और जितनी भी आत्माओ ने मुझे दुख दिया है, मैं भी सभी को क्षमा करता हुँ और जिन भी आत्माओ ने बचपन से लेकर आज दिन तक मुझे सुख दिया, सहयोग दिया मैं आत्मा सभी का शुक्रिया करता हुँ!


🔆27 मैं जलतत्व, वायुतत्व, अग्नितत्व, आकाशतत्व, धरती माँ का दिल से शुक्रिया करता हुँ, आपने 5000 साल 5 युगों मे हमारी बहुत अचछे से पालना की है आपका कोटि कोटि शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया!और मैने प्रकृति का जो तकलीफ दी हो, मैं अपनी उन सभी भूलो के लिए क्षमा मांगता हुँ!


🔆28 अब मेरे चारो ओर शक्तियों की किरणों का घेरा बन गया है, एक ओहरा बन गया है मैं इस शक्तिशाली आभामंडल के बीच में बिल्कुल सुरक्षित ,सेफ हुँ !


🔆29 मैं ईष्ट देव / देवी हुँ


🔆30 शिवबाबा का वरदानी हाथ मेरे सिर पर है!


🔆31 मेरा सबकुछ तेरा है बाबा और बाबा आपका सबकुछ मेरा है!


🔆32 मैं शिवशक्ति हु, शिवबाबा की सारी शक्तियां सदा मेरे साथ है!


🔆33 शिवबाबा आपने इतने कम समय में आकर मुझे इतना प्यार सुख शांति दी,बाबा अपने मुझे सबकुछ दिया .. आपको बारंबार शुक्रिया " 


🔆34 परमात्मा की मदद और उनके सहयोग का हाथ सदा मेरे सिर पर है!


🔆35 मैं बहोत धनवान हुँ!


🔆36 मैं आत्मा काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार से मुक्त हुँ!


🔆37 स्वयं शिवबाबा मेरे श्रेष्ठ भविष्य की सुंदर प्लानिंग कर रहे है, जो बाबा करेंगे वो बहुत बहुत अच्छा करेंगे!


🔆38 मुझे छोटी-छोटी बातों में अपने समय और संकल्पों को नहीं गवाना है


🔆39 मैं चमकती हूई चैतन्य ज्योति ,पवित्र स्वरुप शांत स्वरुप हूँ "


🔆40" मैं यह देह नहीं आत्मा ज्योतीबिंदु हूँ ..


🔆41 मेरा लक्ष्य बहुत महान है .. मुझे लक्ष्य की ओर ही देखना है


🔆42 मेरा जन्म महान कार्य के लिए ही हुआ है


🔆43 मुझे बाबा के कार्य में महान सहयोग देना है


🌼🌼🌹ओम शांति🌹🌼🌼

Pancho Me Budhiman Kaun? - Kahani Pandavo Ki

पांचों में बुद्धिमान कौन...??

पाण्डवों का अज्ञातवाश समाप्त होने में कुछ समय शेष रह गया था।

Pancho Me Budhiman Kaun? - Kahani Pandavo Ki

पाँचो पाण्डव एवं द्रोपदी जंगल मे छूपने का स्थान ढूंढ रहे थे।


उधर शनिदेव की आकाश मंडल से पाण्डवों पर नजर पड़ी। शनिदेव के मन विचार आया कि इन 5 में बुद्धिमान कौन है 

परीक्षा ली जाय।


शनिदेव ने एक माया का महल बनाया ।

कई योजन दूरी में उस महल के चार कोने थे

पूरब, पश्चिम, उतर, दक्षिण।


अचानक भीम की नजर महल पर पड़ी और वो आकर्षित हो गया 


भीम यधिष्ठिर से बोला- भैया मुझे महल देखना है 

यधिष्ठिर ने कहा जाओ ।


भीम महल के द्वार पर पहुंचा वहाँ शनिदेव दरबान के रूप में खड़े थे।


भीम बोला- मुझे महल देखना है!


शनिदेव ने कहा- महल की कुछ शर्त है ।


1- शर्त महल में चार कोने हैं 

आप एक ही कोना देख सकते हैं।


2-शर्त महल में जो देखोगे उसकी सार सहित व्याख्या करोगे।


3-शर्त अगर व्याख्या नहीं कर सके तो कैद कर लिए जाओगे।


भीम ने कहा- मैं स्वीकार करता हूँ ऐसा ही होगा ।


और वह महल के पूर्व छोर की और गया ।


वहां जाकर उसने अद्भूत पशु पक्षी और फूलों एवं फलों से लदे वृक्षों का नजारा देखा।


आगे जाकर देखता है कि तीन कुंए है अगल-बगल में छोटे कुंए और बीच में एक बडा कुआं।


बीच वाला बड़े कुंए में पानी का उफान आता है 

और दोनों छोटे खाली कुओं को पानी से भर देता है। 


फिर कुछ देर बाद दोनों छोटे कुओं में उफान आता है ।


तो खाली पड़े बड़े कुंए का पानी आधा रह जाता है ।


इस क्रिया को भीम कई बार देखता है 


पर समझ नहीं पाता और लौटकर दरबान के पास आता है।


दरबान - क्या देखा आपने ?


भीम- महाशय मैंने पेड़ पौधे पशु पक्षी देखा वो मैंने पहले कभी नहीं देखा था जो अजीब थे। 


एक बात समझ में नहीं आई छोटे कुंए पानी से भर जाते हैं ।


बड़ा क्यों नहीं भर पाता ये समझ में नहीं आया।


दरबान बोला आप शर्त के अनुसार बंदी हो गये हैं 

और बंदी घर में बैठा दिया।


अर्जुन आया बोला- मुझे महल देखना है, दरबान ने शर्त बता दी और अर्जुन पश्चिम वाले छोर की तरफ चला गया।


आगे जाकर अर्जुन क्या देखता है। एक खेत में दो फसल उग रही थी एक तरफ बाजरे की फसल दूसरी तरफ मक्का की फसल ।


बाजरे के पौधे से मक्का निकल रही है तथा मक्का के पौधे से बाजरी निकल रही है । 


अजीब लगा कुछ समझ नहीं आया वापिस द्वार पर आ गया।


दरबान ने पूछा क्या देखा,


अर्जुन बोला महाशय सब कुछ देखा पर बाजरा और मक्का की बात समझ में नहीं आई।


शनिदेव ने कहा शर्त के अनुसार आप बंदी हैं ।


नकुल आया बोला मुझे महल देखना है ।


फिर वह उत्तर दिशा की और गया वहाँ उसने देखा कि बहुत सारी सफेद गायें हैं।

जब उनको भूख लगती है 

तो अपनी छोटी बछियों का दूध पीती है ।

उसे कुछ समझ नहीं आया ।

द्वार पर आया ।


शनिदेव ने पूछा क्या देखा ?


नकुल बोला महाशय गाय बछियों का दूध पीती है 

यह समझ नहीं आया तब 

उसे भी बंदी बना लिया।


सहदेव आया बोला मुझे महल देखना है और वह दक्षिण दिशा की और गया अंतिम कोना देखने के लिए क्या देखता है ।

वहां पर एक सोने की बड़ी शिला एक चांदी के सिक्के पर टिकी हुई डगमग डोले पर गिरे नहीं छूने पर भी वैसे ही रहती है 


समझ नहीं आया वह वापिस द्वार पर आ गया और बोला सोने की शिला की बात समझ में नहीं आई तब वह भी बंदी हो गया।


चारों भाई बहुत देर से नहीं आये तब युधिष्ठिर को चिंता हुई 

वह भी द्रोपदी सहित महल में गये।


भाइयों के लिए पूछा तब दरबान ने बताया वो शर्त अनुसार बंदी है।


युधिष्ठिर बोला भीम तुमने क्या देखा ?


भीम ने कुंऐ के बारे में बताया।


तब युधिष्ठिर ने कहा- यह कलियुग में होने वाला है एक बाप दो बेटों का पेट तो भर देगा परन्तु दो बेटे मिलकर एक बाप का पेट नहीं भर पायेंगे।


भीम को छोड़ दिया।


अर्जुन से पुछा तुमने क्या देखा ??


उसने फसल के बारे में बताया 


युधिष्ठिर ने कहा- यह भी कलियुग में होने वाला है।


वंश परिवर्तन अर्थात ब्राह्मण के घर शूद्र की लड़की 


और शूद्र के घर बनिए की लड़की ब्याही जायेंगी।


अर्जुन भी छूट गया।


नकुल से पूछा तुमने क्या देखा तब उसने गाय का वृतान्त बताया ।


तब युधिष्ठिर ने कहा- कलियुग में माताऐं अपनी बेटियों के घर में पलेंगी बेटी का दाना खायेंगी 

और बेटे सेवा नहीं करेंगे ।


तब नकुल भी छूट गया।


सहदेव से पूछा तुमने क्या देखा, उसने सोने की शिला का वृतांत बताया,


तब युधिष्ठिर बोले- कलियुग में पाप धर्म को दबाने की कोशिश करेगा

परन्तु धर्म फिर भी जिंदा रहेगा खत्म नहीं होगा।।  


आज कलयुग में यह सारी की सारी बातें सच साबित हो रही हैं ।। ओम शांति

 ...........Think Positive 👍💥☺️

आप सभी का दिन शुभ हो 🙏🏻😊

Bharat President Brahma Kumaris Draupti Murmu Journey Of The Spiritual Life

 Bharat President Brahma Kumaris Draupti Murmu Journey Of The Spiritual Life









Aaj Ki Kahani - 08-04-2023

 कर्म पीछा नहीं छोड़ते

    🌱 शिक्षाप्रद कहानियाँ ग्रुप प्रस्तुति 🌱     

एक सेठ जी ने अपने मैनेजर को जरा सी बात पर इतना डांटा --- कि मैनेजर को बहुत गुस्सा आया, पर सेठ जी को कुछ बोल ना सका। वह अपना गुस्सा किस पर निकाले- वो गया सीधा अपने कंपनी स्टाफ के पास और सारा गुस्सा कर्मचारियों पर निकाल दिया।

अब कर्मचारी किस पर अपना गुस्सा निकाले,

तो जाते-जाते अपने गेट वॉचमैन पर उतारते गए

-अब वॉचमैन किस पर निकाले अपना गुस्सा-? - तो वह घर गया और अपनी बीवी को डांटने लगा बिना किसी बात पर।

बीवी भी उठी और अपने बच्चे की पीठ पर 2 धमाक धमाक लगा दिया - सारा दिन tv देखता रहता है काम कुछ करता नहीं है अब बच्चा घर से गुस्से से निकला और सड़क पर सो रहे कुत्ते को पत्थर दे मारा।

 कुत्ता हड़बड़ा कर भागा और सोचने लगा कि इसका मैंने क्या बिगाड़ा-?

और गुस्से में उस कुत्ते ने एक आदमी को काट खाया। - और कुत्ते ने जिसे काटा वह आदमी कौन था !

वही सेठ जी थे, जिन्होंने अपने मैनेजर को डांटा था।

 सेठ जी जब तक जिए तब तक यही सोचते रहे कि उस कुत्ते ने आखिर मुझे क्यों काटा-? जब की वो रोज मेरे पास दुम हिला कर आता था।

लेकिन बीज किसने बोया ?

आया कुछ समझ में कर्म के फल पीछा नहीं छोड़ते-जाने अनजाने में कितने लोग हमारे व्यवहार से त्रस्त होते हैं, परेशान होते हैं और कितनों का तो बहुत नुकसान भी हो जाता है।

पर हमें तो उसका अंदाजा भी नहीं होता, क्योंकि हम तो अपनी मस्ती में ही मस्त है।

पर ईश्वर सब देखता है और उसका फल फिर किसी ओर के निमित्त से हमें मिलता है, और हमें लगता है कि लोग हमें बेवजह ही परेशान कर रहे
है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      
               ═══•✨🦢✨•══
        
 🦚 ╤╤╤╤  ओम शांति   ╤╤╤╤🦚

Brahma Kumaris Quotes In Hindi : 26-01-2023 To 01-02-2023

Brahma Kumaris Quotes In Hindi : 26-01-2023 To 01-02-2023

26-01-2023


सर्व पुराने खातों को संकल्प और संस्कार रूप से भी समाप्त करने वाले अन्तर्मुखी भव


अपने परिवर्तन द्वारा संकल्प, बोल, सम्बन्ध, सम्पर्क में सफलता प्राप्त करना ही सफलतामूर्त बनना है।


भगवान हमारा पिता हैं पिता का जाप नहीं करना, पिता को प्यार से याद करना हैं | 


बड़े से बड़े परमात्मा पिता के बच्चे हो इसलिए न तो छोटी दिल करो न ही छोटी बातों में घबराओं 


जहाँ पवित्रता है वहां अपवित्रता अर्थात व्यर्थ वा विकल्प का नाम-निशान नहीं होगा | 


स्व-परिवर्तन का वायब्रेशन ही विश्व परिवर्तन कराएगा 


सबसे बड़े से बड़ा खजाना है ख़ुशी का खजाना | क्योकि ख़ुशी तब होती हैं जब प्राप्ति होती हैं |  


जिसकी झोली परमात्म दुआओं से सदा भरपूर है उसके पास कभी माया आ नहीं सकती 


27-01-2023


स्वराज्य अधिकारी बनो, गुणों को अपने विचारों और कार्यों पर शासन करने दो।


समानता द्वारा समीपता की सीट ले फर्स्ट डिवीजन में आने वाले विजयी रत्न भव


सुखदाता बन अनेक आत्माओं को दु:ख अशान्ति से मुक्त करने की सेवा करना ही सुखदेव बनना है।


अपनी और दूसरों की विशेषता देखने से आत्मा को स्वतः ही शुभ भावना का आशीर्वाद मिल जाता हैं | 


विघ्न रूप बनने के बजाय निर्मान बन नव निर्माण का कार्य करो 


आत्म परिवर्तन के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण गुण धैर्य है


तीव्र परुषार्थीयों का स्लोगन है - "अब नहीं तो कब नहीं| "


समय पर शक्तियों को कार्य में लगाने वाला ही मास्टर सर्वशक्तिमान हैं | 


28-01-2023


सदा हर दिन स्व उत्साह में रहने और सर्व को उत्साह दिलाने वाले रूहानी सेवाधारी भव


ड्रामा के राज़ को समझ नथिंगन्यु का पाठ पक्का करने वाले ही बेफिक्र बादशाह हैं।


आज तक हमने परमात्मा को पत्थरों के रूप में पूजा इसलिए पत्थरबुद्धि बन गए, अब चैतन्य में याद कर पारस बुद्धि बनना हैं | 


सुखदाता के हम बच्चे हैं, हमें सबको सुख देना है। मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को भी दु:ख नहीं देना है।


आपके पास श्रेष्ठ भाग्य की रेखा खींचने की कलम हैं - श्रेष्ठ कर्म | राजयोग का अभ्यास ही श्रेष्ठ कर्म का आधार हैं | 


कुछ लोग सोचते तो बहुत हैं और बोलते भी बहुत हैं लेकिन करते वक्त पीछे हट जाते हैं।


परिस्थितियाँ आयेंगी और चली जायेंगी, स्वस्थिति सदा आगे बढ़ाएगी | परिस्थितियाँ आना भी गुड-लक है क्योकिं इससे फाउंडेशन मजबूत होता हैं | 


मीठी बातें कीजिये, चिकनी-चुपड़ी बातें नहीं जिससे कि लोग अपने रास्ते से फिसल जाएं 


29-01-2023


नम्बरवन बनने के लिए गुण मूर्त बन गुणों का दान करने वाले महादानी बनो


सहनशक्ति का कवच पहन, सम्पूर्ण स्टेज को वरने वाले विघ्न जीत भव


याद और सेवा की शक्ति से अनेक आत्माओं पर रहम करना ही रहमदिल बनना है।


जीवन में बार बार धोखा खाने का मतलब है परखने व निर्णय करने की क्षमता में कमजोर होना, परखने और निर्णय की क्षमता बढ़ाये, धोखे से बचे 


रहमदिल बन सर्व गुणों और शक्तियों का दान करते हुए मास्टर दाता बनो | 


प्रेम महान शक्ति है, लेकिन शुद्ध प्रेम होने के लिए शक्ति चाहिए।


ये दिव्य गुण सबसे श्रेष्ठ प्रभु प्रसाद है। इस प्रसाद को खूब बांटो। 


परमात्म प्यार का अनुभव करने के लिए दु:ख की लहर से न्यारे बनो


30-01-2023


ये दिव्य गुण सबसे श्रेष्ठ प्रभु प्रसाद है। इस प्रसाद को खूब बांटो।


जिस आत्मा को, जिस शक्ति की आवश्यकता है उस आत्मा को मन्सा द्वारा अर्थात् शुद्ध वृत्ति, वायब्रेशन्स द्वारा शक्तियों का दान अर्थात् सहयोग दो।


ज्ञान तो बहुत है, अभी गुणों को इमर्ज करो, सर्वगुण सम्पन्न बनने और बनाने का एग्जाम्पल बनो।


जैसे गर्मी के मौसम में गर्मी तो होगी ना लेकिन स्वयं को बचाना वो अपने ऊपर है। तो दु:ख की बातें सुनने में आयेंगी लेकिन दिल में प्रभाव नहीं पड़े।


दु:खी को खुशी देना, यह सबसे बड़े से बड़ा पुण्य है। 


विघ्नों का काम है आना और आपका काम है विजय प्राप्त करना। जब विघ्न अपना कार्य अच्छी तरह से कर रहे हैं तो आप मास्टर सर्वशक्तिमान् अपने विजय के कार्य में सदा सफल रहो।


अपना आक्यूपेशन सदा याद रखो कि हम मास्टर सर्व-शक्तिमान् हैं क्योंकि आजकल सर्व आत्मायें अति कमजोर हैं तो कमजोर आत्माओं को शक्ति चाहिये। शक्ति कौन देगा? जो स्वयं मास्टर सर्वशक्तिमान् होगा।


सहनशक्ति ही सर्व विघ्नों से बचने का कवच है। जो यह कवच नहीं पहनते वह नाजुक बन जाते हैं।


निमित्त और नम्रचित की विशेषता द्वारा सेवा में फास्ट और फर्स्ट नम्बर लेने वाले सफलतामूर्त भव


जो बुद्धि द्वारा सदा ज्ञान रत्नों को धारण करते हैं वही सच्चे होलीहंस हैं।


31-01-2023


अटेन्शन और चेकिंग की विधि द्वारा व्यर्थ के खाते को समाप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव


राजऋषि बनना है तो ब्राह्मण आत्माओं की दुआओं से अपनी स्थिति को निर्विघ्न बनाओ।


व्यर्थ का खाता समर्थ बनने नहीं देता इसलिए सदा इस स्मृति में रहो कि मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ। शक्ति है तो जो चाहे वो कर सकते हैं। सिर्फ बार-बार अटेन्शन दो।


अपनी सभी आशाएँ परमात्मा पर छोड़ दे, तो कभी किसी भी चीज़ से निराशा नहीं मिलेगी | 


मनोबल को बढ़ाने के लिए कुछ पल मन के संकल्पों को ब्रेक देकर साइलेंस में रहने  का अभ्यास करो 


ईश्वर के करीब जाने की सहज ते सहज विधि हैं - अपने व्यवहार को सरल ते सरल बना लेना | 


हद की छोटी छोटी बातों को समाप्त करने के लिए अपने दिल को विशाल बनाओ | 


आप जितना कम बोलते हैं, आपकी उतनी ही सुनी जाती है।


जितना अधिक आप अपने आप को समझते हैं, उतना ही खुश और शांतिपूर्ण रहना आसान होता है। 


01-02-2023


ऊंची स्टेज पर रह प्रकृति की हलचल के प्रभाव से परे रहने वाले प्रकृतिजीत भव


अपने श्रेष्ठ वायब्रेशन से सर्व आत्माओं को सहयोग की अनुभूति कराना भी तपस्या है।


जीवन में मधुरता की खुशबु लेने के लिए सहनशीलता का गुण धारण करना जरुरी हैं | 


प्रसन्नचित बनो, प्रश्न - चित नहीं, प्रश्नो को विराम दो तब आराम मिलेगा 


अपने को ऊपर उठाने का पुरूषार्थ करो। अपने आप को नीचा मत दिखाओ, क्योंकि अपना ही मित्र है और अपना ही शत्रु है।


सेवा बढ़ाने का चिंतन करो, चिंता नहीं | 


सदा परमात्म चिंतन करने वाले ही बेफिक्र बादशाह रहते हैं | 


सम्पन्नता की निशानी सन्तुष्टता हैं, जिसमे अप्राप्ति का नाम निशान नहीं | 

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For Peace, Power and Prosperity - A Message From Brahma Kumaris Greetings! Om Shanti! You are a great soul. Thank You For Visit. I am grateful to you. I am giving you the most important GOD's Message Here. God Says The world cycle is at its end. Now I have come to take you all children back to our sweet home. For that, first become pure. Remove the 5 vices (lust, anger, greed, ego, attachment). These 5 vices have given you sorrow. Now awaken your original virtues of purity, peace, love, bliss, and knowledge. As you become more and more aware of the self, as a SOUL, you will experience my presence, just above your head. My sweet children, my love for you is eternal. I have come to free you from sorrow and establish the world of Golden age, which you still remember as 'heaven'. Those who will follow my directions will definitely earn a place in that coming heavenly world." Brahma Kumaris Free 7 Days Rajyoga meditation Course - Come To Your Nearest Brahma Kumaris Centre, Write "Brahma Kumaris Near Me" On Google Map OR Find Centre Here : https://www.brahmakumaris.com/centers/ If You have to do course online, Visit https://youtube.com/playlist?list=PLKPjX-Dsx5h18UOlkAnk1aLNZeecpHQyc


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About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.