विश्वकर्मा की विशेषता क्या है और आध्यात्मिक रहस्य क्या है
_पौराणिक कथा_
_आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवो अपितु देव गणों द्वारा पूजित और वंदित है भगवान विश्वकर्मा के अविष्कार एवं निर्माण कार्यो के संदर्भ में इन्द्र पुरी यम पुरी वरूण पुरी कुबेर पुरी पाडण्व पुरी सुदामा पुरी आदि का निर्माण इनके द्वारा ही किया गया है पुष्पक विमान का निर्माण व सभी देवो के भवन और दैनिक उपयोगी होने वाली वस्तुऐ भी इनके द्वारा ही बनाया गया है कान के कुंण्डल विष्णु भगवान का सुर्दशन चक्र शंकर भगवान का त्रिशुल और यम राज का काल दण्ड इत्यादि वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्मा जी की उत्पत्ति करके उन्हें प्राणी मात्र का सृजन करने का वरदान दिया और उनके द्वारा 84 लाख योनियों को उत्पन्न किया श्री विष्णु भगवान की उत्पत्ति कर उन्हें जगत में उत्पन्न सभी प्राणियों की रक्षा और भरण पोषण का कार्य सौप दिया प्रजा का ठीक सुचारु रूप से पालन और हुकुमत करने के लिए एक अत्यंत शक्ति शाली तीव्र गामी सुर्दशन चक्र प्रदान किया बाद में संसार के प्रलय के लिए एक अत्यंत दयालु भोले बाबा भोले नाथ श्री शंकर भगवान की उत्पत्ति की उन्हें डमरु कमण्डल त्रिशूल आदि प्रदान कर उनके ललाट पर प्रलय कारी तिसरा नेत्र भी प्रदान कर दिया और उन्हें प्रलय की शक्ति देकर शक्ति शाली बनाया यथा अनुसार इनके साथ इनकी देवियाँ खजाने की आधिपति माँ लक्ष्मी राग रागिनी वाली वीणावादिनी माँ सरस्वती और मा गौरी को देकर देवो को सुशोभित किया।_
_इसका आध्यात्मिक रहस्य है कि सारे विश्र की उत्पत्ति करने वाले व सभी मानव मात्र की उत्पत्ति करने वाले व जितने भी जीव है सभी की रचना स्वंय हमारे निराकार शिव बाबा ने की है वो सारे संसार के कर्ता धर्ता है उन्हें ही भक्ति मार्ग में विश्वकर्मा के नाम से जाना जाता है और शिव बाबा एक साधारण मनुष्य के तन में प्रवेश करते हैं और उनका नाम ब्रह्मा रखते हैं और ब्रह्मा के द्वारा ही ब्राह्मण रचे जाते हैं और फिर ब्राह्मण ही देवी देवता बनते हैं और ब्रह्मा ही विष्णु बनते हैं और संगम पर सारे शस्त्र मिलते है लेकिन वो ज्ञान के आधार पर जैसे ज्ञान का शंख ज्ञान का तीसरा नेत्र सुर्दशन चक्र मतलब स्वयं का दर्शन और चारो युगों का दर्शन और शिव बाबा के पास जो भी था सब ब्रह्मा बाबा को दिया ब्रह्मा बाबा के द्वारा हम बच्चों को मिला ब्रह्मा ही विष्णु बनते है और ब्रह्मा के साथ मम्मा को दिखाया है जो जगदम्बा सरस्वती है उन्हें भक्ति मार्ग में अनेक नामो से पुकारते है और जो तेतीस कोटी देवी देवताओ की महिमा गायी जाती है वो हम सब बच्चे ही अपने पुरुषार्थ के द्वारा बनते हैं।_
_सारे विश्व के सृजन करने वाले व भरण पोषण करने वाले एक शिव बाबा ही है जो ब्रह्मा बाबा को निमित्त बनाकर उनके द्वारा सारा कार्य करवाते हैं।_
_शिव बाबा ही विश्वकर्मा है यानि सारे संसार को चलाने वाले एक शिव बाबा ही है जिन्हें विश्वकर्मा नाम से पुकारते है और पूजा भी करते है।_
ओम् शांति
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