Brahmakumaris Avyakt Murli Manthan 12 August 2018
12-08-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 27-12-83 मधुबन
भिखारी नहीं सदा के अधिकारी बनो
Baba ne aaj kha hai ki bhikhari nahi hamesha adhikari bane. Aap baccho ko baba mil gaya hai toh automatically baba ka sab kuch aap baccho ka ho gaya hai. Tab mangne ki kya jarurat hai. Kabhi ham kuch mangte hai kabhi kuch. Hamne bhakti main hamesha manga hi hai. Hame mangne wala nahi balki dene wala banna hai. Dene wala raja kahlata hai.
V- अमृतवेले के महत्व को जान महान बनने वाले विशेष सेवाधारी भव
सेवाधारी अर्थात् आंख खुले और सदा बाप के साथ बाप के समान स्थिति का अनुभव करें। जो विशेष वरदान के समय को जानते हैं और वरदानों का अनुभव करते हैं वही विशेष सेवाधारी हैं। अगर यह अनुभव नहीं तो साधारण सेवाधारी हुए, विशेष नहीं। जिसे अमृतवेले का, संकल्प का, समय का और सेवा का महत्व है ऐसे सर्व महत्व को जानने वाले महान बनते हैं और औरों को भी महत्व बतलाकर महान बनाते हैं।
S- जीवन की महानता सत्यता की शक्ति है जिससे सर्व आत्मायें स्वत: झुकती हैं।
12-08-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 27-12-83 मधुबन
भिखारी नहीं सदा के अधिकारी बनो
Baba ne aaj kha hai ki bhikhari nahi hamesha adhikari bane. Aap baccho ko baba mil gaya hai toh automatically baba ka sab kuch aap baccho ka ho gaya hai. Tab mangne ki kya jarurat hai. Kabhi ham kuch mangte hai kabhi kuch. Hamne bhakti main hamesha manga hi hai. Hame mangne wala nahi balki dene wala banna hai. Dene wala raja kahlata hai.
जो स्वत: ही बिना आपके माँगने के अविनाशी और अथाह देने वाला दाता, उनको कहने की क्या आवश्यकता है! आपके संकल्प से, सोचने से पदमगुणा ज्यादा बाप स्वयं ही देते हैं। तो संकल्प में भी यह भिखारीपन नहीं। इसको कहा जाता है अधिकारी। ऐसे अधिकारी बने हो?
सदा स्वराज्य अधिकारी, स्वदर्शन चक्रधारी सदा प्रसन्नचित रहने वाले, सर्व खजानों से भरपूर महान आत्मायें, भिखारीपन को स्वप्न से भी समाप्त करने वाले, ऐसे दाता के मालामाल बच्चों को अविनाशी बापदादा की "अमर भव" की सदा सम्पन्न स्वरूप की याद प्यार और नमस्ते।
V- अमृतवेले के महत्व को जान महान बनने वाले विशेष सेवाधारी भव
सेवाधारी अर्थात् आंख खुले और सदा बाप के साथ बाप के समान स्थिति का अनुभव करें। जो विशेष वरदान के समय को जानते हैं और वरदानों का अनुभव करते हैं वही विशेष सेवाधारी हैं। अगर यह अनुभव नहीं तो साधारण सेवाधारी हुए, विशेष नहीं। जिसे अमृतवेले का, संकल्प का, समय का और सेवा का महत्व है ऐसे सर्व महत्व को जानने वाले महान बनते हैं और औरों को भी महत्व बतलाकर महान बनाते हैं।
S- जीवन की महानता सत्यता की शक्ति है जिससे सर्व आत्मायें स्वत: झुकती हैं।
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