आत्मा और शरीर के 50+ सम्बन्ध
50+ Differences between Body and Soul
आत्म अभिमानी (SOUL conscious) बनने के लिए आत्मा और शरीर का सम्बन्ध (वा अन्तर) अच्छे से समझना बहुत आवश्यक है… तो आज 52 पॉइन्ट्स आत्मा और शरीर के अन्तर पर देखते हैं!
आत्मा और शरीर का मुख्य अन्तर
मैं आत्मा हूँ, यह मेरा शरीर है !
मैं आत्मा रूहानी हूँ, शरीर जिस्मानी है !
मैं एक हूँ, शरीर अनेक लिए हैं !
मैं ऊपर से आई हूँ, शरीर यहाँ बना है !
मैं सूक्ष्म हूँ, शरीर स्थूल है !
मैं चैतन्य हूँ, शरीर जड़ है !
मैं निराकार हूँ, शरीर साकार है !
मैं बिन्दी हूँ, शरीर बड़ा है !
मैं हल्की हूँ, शरीर का वज़न है !
मैं ऊर्जा हूँ, शरीर 5 तत्वों से बना है !
मैं शक्ति (पुरुष) हूँ, शरीर प्रकृति है !
मैं अजर हूँ, शरीर बूढ़ा होता है!
मैं अमर हूँ, शरीर की मृत्यु होती है !
मैं अविनाशी हूँ, शरीर विनाशी है !
मैं शाश्वत (Permanent) हूँ, शरीर Temporary है !
*शरीर है निवास स्थान*
मैं मकान मालिक हूँ… शरीर मकान है!
मैं मूर्ति हूँ… शरीर मन्दिर है !
मैं लाइट हूँ, शरीर House है (अर्थात साथ में Light House)
मैं मेहमान हूँ, शरीर Temporary Address है !
मैं Actor हूँ, शरीर Costume (चोला) है !
मैं Showpiece हूँ, शरीर Showcase है !
मैं हीरा हूँ, शरीर डिब्बी है !
मैं अमूल्य हूँ, शरीर का फिर भी मूल्य है !
मैं फूल हूँ, शरीर गमला है !
मैं गुणवान हूँ, शरीर जैसे कि निर्गुण है !
मैं ज्योति हूँ, शरीर मिट्टी का दीपक है !
मैं पंछी हूँ, शरीर घोसला है !
शरीर है वाहन और instrument (यंत्र)
मैं driver हूँ, शरीर car है !
मैं सारथी (वा रथी) हूँ, शरीर रथ है !
मैं करावनहार हूँ, शरीर करनहार है !
मैं राजा हूँ, कर्मेन्द्रीयां मन्त्री है !
मैं सेठ हूँ, कर्मेन्द्रीयां कर्मचारी है!
मैं मालिक हूँ, कर्मेन्द्रीयां नौकर-चाकर है!
मैं user हूँ, शरीर साधन (मोबाइल आदि) है,!
मैं programmer हूँ, शरीर computer है!
मैं operator हूँ, शरीर robot है !
मैं बिजली हूँ, शरीर यंत्र है!
मैं दृशता हूँ, आँखें खिड़की है !
मैं speaker हूँ, मुख mic हैं !
मैं सुनने वाला हूँ, कान sound-receiver हैं !
और पॉइंट्स
मैं आत्मा rocket हूँ |
मैं स्टार (सितारा) हूँ !
मैं तिलक-स्वरूप हूँ
***शरीर से ममत्व मिटाने लिए*,*
शरीर पुरानी जुत्ती है !
शरीर मिट्टी है !
शरीर सर्प है, !
मैं उसके सिर पर मणि हूँ !
शरीर दूम्ब है शरीर मुर्दा है शरीर पुराना, विकारी, तमोप्रधान, जड़जड़ीभूत है !
**इस लिस्ट से प्राप्ति****
इन सभी पॉइन्ट्स को एक के बाद एक दोहराने से… बहुत अच्छी आत्म-अभिमानी स्थिति बनती है!सारा दिन नैचुरल देही-अभिमानी स्थिति रहतीं हैं ! सेकंड में अशरीरी बन सकते हैं ! देह-भान से बचे रहते हैं ! पुरुषार्थ मैं नवीनता मिलती है
@@##*सार*@@##
तो चलिए आज सारा दिन… इन सभी points को स्मृति में रख नैचुरल आत्म-अभिमानी स्थिति (अर्थात शान्ति, प्रेम और आनन्द के निरन्तर अनुभव!) में स्थित रहे… जिससे हमारा बाबा से कनेक्शन भी मजबूत रहेगा, और हम सबके साथ इन गुणों का अनुभव बांटते रहेंगे… जिससे सहज ही यह संसार स्वर्ग बन जाएगा…
**ओम् शान्ति***