आज की कहानी🦚🌳
💐💐ज़िम्मेदारी बोझ नहीं हैं💐💐
बहुत पुरानी बात है कि नयासर गाँव में एक साधु रहते थे।
दुनिया की मोह माया से दूर होकर जंगल में अपना जीवन व्यतीत कर रहें थे।
सुबह शाम ईश्वर के गुण गाना और लोगों को अच्छे कर्मों का महत्त्व बताना यही उनका काम था।
एक दिन उनके मन में आया कि जीवन में एक बार माता वैष्णो देवी के दर्शन जरूर करनें चाहिये।
बस यही सोचकर साधु महाराज ने अगले दिन ही वैष्णोदेवी जाने का विचार बना लिया।
एक पोटली में कुछ खाने का सामान और कपडे बांधे और चल दिए... माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने।
ऊँचे पर्वत पर विराजमान माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
वो साधु भी धीरे-धीरे सर पे पोटली रखकर चढ़ाई चढ़ रहे थे, तभी उनकी नजर एक लड़की पर पड़ी... उस लड़की ने अपनी पीठ पर एक लड़के को बैठाया हुआ था।
वो लड़का विकलांग था और वो लड़की उसे कमर पर बैठाकर चढ़ाई चढ़ रही थी।
साधु को ये सब देखकर उस लड़की पर बड़ी दया आयी और वो बोले – “बेटी थोड़ी देर रूककर बैठ जा तू थक गयी होगी तूने इतना बोझ उठा रखा हैं ।”
वो लड़की बोली – “बाबा जी बोझ तो आपने अपने सर पर उठा रखा है ये तो मेरा भाई है……।”
चलते-चलते अचानक ही साधु के पाँव ठिठक गए…..।
कितनी बड़ी बात कही थी, उस लड़की ने कितना गूढ़ मतलब था... उस लड़की की बात का – बोझ तो आपने उठा रखा है ये तो मेरा भाई है…. कितनी जिम्मेदारी भरी थी, उस मासूम सी लड़की में
उस दिन उन साधु को एक बात समझ में आ गयी कि अगर हर इंसान अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे, तो शायद दुनिया में दुःख नाम की कोई चीज़ ही ना बचे.. अपनी ज़िम्मेदारी से बचिए मत.. ज़िम्मेदार बनिये... पूरी तरह से अपनी ज़िम्मेदारी निभाइये।
💐💐शिक्षा💐💐
दोस्तों आप जैसे भी हैं,चाहे डॉक्टर हैं,छात्र हैं,शिक्षक हैं…
अपने हर काम को ज़िम्मेदारी से कीजिये.. अगर बोझ समझ कर करेंगें, तो आप उस काम में कभी सफल नहीं हो पायेंगे।
इसीलिए सफल होने के लिए आपको एक ज़िम्मेदार इंसान होना बेहद जरुरी हैं..।
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।
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