BK Ravi Kumar - BrahmaKumar Ravi Kumar. I will be sharing my internal feelings, What am I experiencing with GOD. Om Shanti
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10 Pearls Of Meditation
Meditation is a link with God to become pure and powerful. It is also an inner introspection and visualization of the spiritual self or soul and the Supreme Being or God. We become stable, more loving and completely peaceful by learning to meditate and practicing it regularly in the day and everyday.
We are sharing in this message a beautiful collection of 10 different pearls of meditation. Every pearl is a rich inner experience that will bring us closer to the Supreme and make our life valuable and filled with goodness and strength.
1. Experience for 1 minute every hour with the inner eye of wisdom, the soul - a beautiful sparkling star of radiant light just above the eyebrows and radiate the qualities of peace, love and joy in the form of white light to everyone.
2. Remind yourself 10 times in the day – I am the child of God - the sun of spiritual wisdom. I travel into his rays, I connect, I absorb and I radiate his light and might into the universe and remove the darkness of negativity.
3. Sit with God every morning in the world of pure and deep silence – the soul world and experience the deep peace of God - the Ocean of peace and stillness. Clean the soul of inner hurt and pain and make it powerful.
4. Talk to yourself a few times in the day – I am a being of bliss and contentment. I look upwards and feel God’s rays of bliss falling on me. I bathe in these rays and they wash away my impurities like hatred and jealousy for others.
5. Look in the mirror of God’s remembrance everyday and make yourself beautiful with all qualities and powers. You are a reflection of God’s goodness. Look at others with the vision of this goodness and they will also become beautiful.
6. Talk to God all the time. Tell him – You are my most valuable friend and companion. You are with me at every step. I hold your hand, I experience your blessings, I feel I am in your heart and I forget all my sorrows and difficulties.
7. Whenever you feel stressed, call God down from the soul world. Experience the Supreme Being of Light in your home, at your workplace, radiating his rays of power all around and making the atmosphere charged with positivity.
8. Every hour travel to God in the vehicle of soul consciousness and sit in front of him in the soul world. Unburden yourself, tell him your problems, take his guidance and experience his love. Become light and relaxed.
9. Your remembrance of God is a light house for the world. Visualize every evening for a few minutes – I am an angel of goodness and strength. I travel the entire world with God, radiating his light of qualities to everyone.
10. Express your love to God before sleeping. Write a letter to him. Connect with him through different relationships and sleep in his lap of the light of love, completely secure and protected from the world’s negativity.
बच्चे खाना नहीं खा रहे है तो क्या वाइब्रेशन दे? - Bk Shivani
❉ ज़ब लोग और परिस्थिति हमारे समान नहीं होती तो हमें गुस्सा आता हैं हमारा मन उदास होता हैं ज़ब ये हमारे अनुसार होते हैं तो हम खुश होते हैं।
❉ आज Parents अपने बच्चों को सब कुछ देना चाहते हैं दे रहे हैं वो बच्चे ज़ब बड़े होते हैं वो तो ये सोच भी नहीं सकते कि लोग और परिस्थितियाँ एक समय पर हमारे साथ भी हो सकती हैं और किसी समय नहीं भी क्योंकि उन्हें तो हमेशा सब कुछ मिलता रहा हैं और फिर ये आगे चलकर एक बीमारी का रूप ले लेती हैं।
❉ ज़ब वो बच्चा ऐसे वातावरण मे जाता हैं जहाँ लोग और परिस्थितियाँ उसके अनुसार नहीं होंगी तो वो बाहर तो कुछ नी कर पायेगा और अंदर अपने मन को शांत नहीं कर पायेगा क्योंकि उसे तो इन सबकी आदत ही नहीं हैं।
❉ आज हम बच्चों को वो दे रहे हैं जो वो चाहते हैं पर Parents को ध्यान देने कि जरूरत हैं उसे जीवन में हर चीज वो नहीं मिलेगी जो वो चाहते हैं ये हम अपने जीवन मे देख सकते हैं।
❉ हमारे जीवन में हर रोज वो परिस्थितियाँ नहीं आती जो हम चाहते हैं क्या उस बच्चे के अंदर वो ताकत होगी उस Situation को Face करने की जहाँ सामने वाला वैसा नहीं होगा जैसा वो चाहता हैं।
❉ अगर ऐसी कोई आदत हैं जो बच्चे के लिए ठीक नहीं हैं (जैसे अगर बच्चा Mobile चलाते-चलाते खाना खाता हैं उसके बिना नहीं खाता हैं तो Parents यही सोचते हैं की कम से कम कुछ खा तो रहा हैं धीरे-धीरे ये उसकी आदत बन जाती हैं पर ये आदत उसे कौन डालता हैं Parents ही ना वो थोड़ा सा Effort करने की बजाए Easy वे Choose कर लेते हैं चलो ऐसे ही सही खा रहा हैं ये आदत उसकी आगे जाकर उसे कितना नुकसान करेगी) Parents को खुद Effort करना हैं की ये आदत तो इसकी जानी ही हैं।
❉ एक बहुत ही Powerfull Thought अपने बच्चे के लिए आज से ये बच्चा बिना इस चीज के खाना खायेगा खाना खा रहा हैं बहुत प्यार से खा रहा हैं हमें ये आशीर्वाद देनी हैं।
❉ आज Parents कहते ही यही हैं हमारा बच्चा तो इसके बिना खाता ही नहीं हैं Vibration's क्या दे रहे हैं उस बच्चे को ये तो Check करें अब Parents को अपनी ये Thought Change करनी हैं और भोजन बनाते समय उस भोजन मे Vibration's डालनी है इसके लिए ये Thought Create करने हैं मेरा बच्चा तो बहुत प्यार से खाना खाता हैं खा रहा हैं, इस चीज के बिना खाना खा रहा हैं हर तरह की सब्जी खा रहा हैं।
❉ Parents ने आज ये Believe System ही Create कर लिया हैं हमारा बच्चा तो इसके बिना खाता ही नहीं हैं पहले ही Negativity Create कर देते हैं इस Believe System को Change करना हैं अच्छे Vibration's Create करने हैं भोजन बनाते समय देते समय तभी वो आदत खत्म होंगी।
Understanding Children: Part 4: BK Shivani (English Subtitles)
छठ पूजा का आध्यात्मिक रहश्य- Chhath Puja Ka Adhyatik Rahashya - Brahma Kumaris
छठ पूजा का आध्यात्मिक रहश्य- Brahma Kumaris
छठ पूजा क्यों मनाया जाता है?
छठ पूजा का आध्यात्मिक रहस्य - बी.के. ऊषा || Peace of Mind Tv || Brahma Kumaris
भाई दूज का आध्यात्मिक रहश्य - Brahma Kumaris
भाई दूज का आध्यात्मिक रहश्य - Brahma Kumaris
गोवर्धन पूजा का आध्यात्मिक रहश्य - Brahma Kumaris
गोवर्धन पूजा का आध्यात्मिक रहश्य - Brahma Kumaris
आज दीपोत्सव के चौथे दिन आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं ।
दीपावली की अगली सुबह अर्थात् कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है । गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई । इसे लोग अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं । साथ ही आज से नववर्ष भी शुरू होता है ।
प्रसंगानुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के कोप से बचाने के लिए स्वयं एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया और सारे ब्रजवासियों को तथा गायों को सुरक्षित रखा । उस समय ब्रजवासियों गोप-गोपियों ने भी अपनी उंगली से सहयोग दिया था ।
इसका वास्तविक अर्थ यह है कि परमपिता परमात्मा शिव धरती पर आ चुके हैं और उनका कर्तव्य सभी आत्माओं को सुख शांति प्रदान कर इस गोवर्धन पर्वत रूपी विश्व का कल्याण करना है । इस कलयुग में विकारी संसार को उठाने में हम अपने पवित्र जीवन रूपी उंगली देकर, स्वर्ग की स्थापना के पहाड़ सरीखे कार्य में सहयोगी बनते हैं । यह त्यौहार हमें आपसी सहयोग की भावना व एकता के गुण को सिखाता है । सहयोग से कठिन से कठिन कार्य भी सहज रुप से हो जाते हैं ।
पुरानी और नई दुनिया के संगम पर नववर्ष का नई दुनिया की नई स्मृतियों को ताजा कर रहा है । आज और कल इन दो शब्दों में समाए हुए इस सृष्टि चक्र में आज हम संगमयुग पर हैं और कल सतयुग में होंगे । भारत फिर से सच्चे अर्थों में (भा = प्रकाश + रत = संपन्न) प्रकाशमान बनेगा जहां हर नर नारी चरित्र संपन्न, गुण संपन्न और प्रसन्नता संपन्न होंगे ।
ऐसे स्वर्णिम भारत को भू पर साकार करने के लिए हम मुश्किलों के बीच मुस्कुराना सीखें । परिस्थितियों को स्वस्थिति से जीते । हम यह न कहें कि किसने ऐसा किया है बल्कि स्वयं करके दिखाएं ।
सृष्टि के महापरिवर्तन से पहले के समय स्थापना का कार्य स्वयं भगवान धूमधाम से करवा रहे हैं इसीलिए एक के हैं और एक हैं एकता की इस दृढ़ भावना के साथ असंभव को संभव कर दिखाएं । संस्कार मिलन की रास द्वारा अलौकिक प्रेम को प्रत्यक्ष करें और कमजोर को भी शक्तियों के पंख देकर ऊंचाइयों की ओर ले चलें ।
परिवर्तन की इस वेला में आप सभी को नववर्ष की, नवयुग की, पुरुषार्थ में नवीनता की, सेवा की नवीन योजनाओं की बहुत-बहुत मुबारक हो ।
Spiritual Significance Of Diwali Festival - Brahma Kumaris
THE REAL DIWALI
As per Godly Knowledge, the real Diwali will be the Golden Age or Satyuga. Everything will be pure in Satyuga. Here everybody will be abundant with all virtues, vice-less and non-violent.