न खाली हाथ आए थे, न जाएंगे, कर्म की बैलेंस शीट साथ होगी।
न खाली हाथ आए थे, न जाएंगे, कर्म की बैलेंस शीट साथ होगी। |
जीवन में सफल होने के लिए एक ही मंत्र याद रखना, अपने फायदे से पहले दूसरे का फायदा सोचना है। कभी हमने ऐसा अनुभव किया कि हम फल लेने के लिए फल की दुकान पर गए और उसने कहा साहब आज ताजे फल नहीं है, आप सामने वाली दुकान से खरीद लो। आपको भी मिलते होंगे न ऐसे लोग।
जिसने अपने फायदे से पहले दूसरे का फायदा सोचा। 200 रुपए आपके लिए कोई चीज नहीं है लेकिन उस दुकानदार के लिए बहुत बड़ी चीज है। ये उसकी वृत्ति है कि उसने अपने फायदे से पहले हमारा फायदा सोचा। हम घर जाएंगे तो उसके बारे में जरूर सोचेंगे। उस दिन उस फल वाले ने आपसे दुआएं कमाई। हम घर जाकर दो-चार लोगों को यह बात बताएंगे। उस दिन उस दुकानदार ने धन नहीं बल्कि दुआएं कमाई।
अगले दिन से हमने जिन चार लोगों को बताया वे चार लोग दस लोगों को बताएंगे और सभी उसी फल वाले के पास जाएंगे। जो धन कमाते हैं जरूरी नहीं है कि वे दुआएं भी कमाते हैं। लेकिन जो लोग दुआएं कमाते हैं वे अपनी क्षमता से कई गुना ज्यादा धन-नाम-सम्मान कमाते हैं। धन से हमारे घर में सिर्फ सम्मान आएगा लेकिन दुआओं से हमारे घर में धन के साथ-साथ खुशी आएगी, सेहत आएगी, अच्छे रिश्ते आएंगे। कई बार जीवन में कोई मुसीबत आ जाती है, फिर अचानक ठीक हो जाती है। हम कहते हैं जरूर किसी की दुआ लगी है। दुआ ऐसे ही फ्री में नहीं लगती। हमने ही किसी कर्म से दुआ कमाई होती है। और कई बार उलटा हो जाता है। वह भी यूं ही नहीं मिलता। उसे भी हमने ही किसी कर्म से कमाया होता है।
आजकल डॉक्टर और वकील से समाज भी डरता है। कहते हैं डॉक्टर-वकील के चक्कर में फंस गए। पेशे का उद्देश्य होना चाहिए कि कोई भी हमारे पास दर्द में आए तो उसको जल्दी से ठीक कर दें। उस समय यह न सोचें कि थोड़ा लम्बा खींच लेंगे तो हम ज्यादा कमा लेंगे। अगर आप उसे जल्दी से ठीक कर देंगे तो आपके पास लाइन लग जाएगी। इन दोनों प्रोफेशन को कुछ चैरिटी करने की जरूरत है। जब लाइन लगी हुई है तो लोगों को खुशी दो, दुआएं कमाओ तो और लोग आएंगे। आज मुझे मालूम है गलती करने के बाद भी वकील है जो बचा लेंगे। लेकिन जिसने गलती की है जब हम उसका साथ देंगे तो हम किसी और के साथ गलत कर रहे होते हैं। इससे हमारा कार्मिक अकाउंट बन जाएगा।
ध्यान रहे कि मुझसे कोई कर्म ऐसा न हो जिससे किसी और को दुख हो, जिसकी कोई गलती ही नहीं थी, उनके भाग्य में मेरे कर्म की वजह से दु:ख लिखा जाए। तो फिर मेरी बैलेंस शीट कहां जाएगी? आत्मा अपनी यात्रा पर है जब हम शरीर छोड़ेंगे तो आप अपने साथ क्या लेकर जाएंगे? सब लोग यही कहते हैं कि खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाना है। यह कहना गलत है, न हम खाली हाथ आए थे और न हम खाली हाथ जाएंगे। ये जो सब दिखता है, जो धन कमाया है, जो लोग मिले हैं, वे सब छूट जाएंगे, लेकिन जो कर्म की बैलेंस शीट है वह साथ जाएगी।
BK Shivani Sister
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