आओ कहानी सुने - नेकी की राह
*यह कहानी एक प्रसिद्ध महान फकीर संत की है। एक बहुत प्रसिद्ध साधु हुई हैं! उसकी जवानी में वह बहुत ही खूबसूरत थी।
एक बार चोर उसे उठाकर ले गए और एक वेश्या के कोठे पर ले जाकर उसे बेच दिया।
अब उसे वही कार्य करना था जो वहाँ की बाक़ी औरतें करती थी।
इस नए घर में पहली रात को उसके पास एक आदमी लाया गया। उसने तुरन्त बातचीत शुरू कर दी।
"आप जैसे भले आदमी को देखकर मेरा दिल बहुत खुश है" वह बोली।
आप सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ जायें , मैं थोड़ी देर परमात्मा की याद में बैठ लूँ।
अगर आप चाहें तो आप भी परमात्मा की याद में बैठ जाएँ।
यह सुनकर उस नौजवान की हैरानी की कोई हद न रही। वह भी उस औरत के साथ धरती पर ही बैठ गया।
फिर वह उठी और बोली ... मुझे विश्वास है कि अगर मैं आपको याद दिला दूँ कि
एक दिन हम सबको मरना है तो आप बुरा नहीं मानोगे।
आप यह भी भली भाँति समझ लें की जो पाप करने का आपके मन में चाह है, वह आपको नर्क की आग में धकेल देगा।
अब आप स्वयं ही फैसला कर लें कि आप यह पाप करके नर्क की आग में कूदना चाहते हैं, या इससे बचना चाहते हैं?
यह सुनकर नौजवान हक्का बक्का रह गया।उसने संभलकर कहा,
ऐ पवित्र औरत! तुमने तो मेरी आँखे खोल दी, जो अभी तक पाप के भयंकर नतीजे की तरफ से बंद थी मै वचन देता हूँ कि फिर कभी कोठे की तरफ कदम नही बढ़ाऊंगा।
हर रोज नए आदमी उस औरत के पास भेजे जाते। पहले दिन आये नौजवान की तरह उन सबकी जिंदगी भी पलटती गयी।
उस कोठे के मालिक को बहुत हैरानी हुई की इतनी खूबसूरत और नौजवान औरत है और एक बार आया ग्राहक दोबारा उसके पास जाने के लिए नही आता। जबकि लोग ऐसी सुन्दर लड़कियों के दीवाने होकर उसके इर्दगिर्द घूमते है।
यह राज जानने के लिए उसने एक रात अपनी पत्नी को ऐसी जगह छुपाकर बिठा दिया, जहां से वह उस औरत के कमरे के अंदर सब कुछ देख सकती थी।
वह यह जानना चाहता था की जब कोई आदमी उस औरत के पास भेजा जाता है तो वह उसके साथ कैसे पेश आती है?
उस रात उसने देखा कि जैसे ही ग्राहक ने अंदर कदम रखा, औरत उठकर खड़ी हो गई और बोली,आओ भले आदमी, आपका स्वागत है।
पाप के इस घर में मुझे हमेशा याद रहता है कि परमात्मा हर जगह मौजूद है।
वह सब कुछ देखता है और जो चाहे कर सकता है।आपका इस बारे में क्या ख्याल है ?
यह सुनकर वह आदमी हक्का बक्का रह गया
और उसे कुछ समझ न आया कि क्या करे क्या कहे ?
आखिर वह कुछ हिचकिचाते हुए बोला, हाँ पंडित और मौलवी भी कुछ ऐसा ही कहते हैं।
वह कहती चली गई, 'यहाँ पाप से घिरे इस घर में, मैं कभी नही भूलती कि परमात्मा सब पाप देखता है और पूरा न्याय भी करता है।
वह हर इंसान को उसके पापों की सजा जरूर देता है। जो लोग यहाँ आकर पाप करते हैं, उसकी सजा पाते हैं।
उन्हें अनगिनत दुःख और मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं।
मेरे भाई, हमें मनुष्य जन्म मिला है, भजन, बंदगी करने के लिए दुनिया के दुखों से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिये, परमात्मा से मुलाकात करने के लिए, न की जानवरों से भी बदतर बनकर उसे बर्बाद करने के लिए।
पहले आये लोगों की तरह इस आदमी को भी उस औरत की बातों में छुपी सच्चाई का अहसास हो गया।
उसे जिंदगी में पहली बार महसूस हुआ की वह कितने घोर पाप करता रहा है और आज फिर करने जा रहा था।वह फूटफूट कर रोने लगा और औरत के पाव पर गिरकर क्षमा मांगने लगा।
औरत के शब्द इतने सहज, निष्कपट और दिल को छू लेने वाले थे कि उस कोठे के मालिक की पत्नी भी बाहर आकर अपने पापो का पश्चाताप करने लगी।
फिर उसने कहा ऐ पवित्र लड़की, तुम तो वास्तव में साधु हो। हमने कितना बड़ा पाप तुम पर लादना चाहा। इसी वक्त इस पाप की दलदल से बाहर निकल जाओ।
इस घटना ने उसकी अपनी जिंदगी को भी एक नया मोड़ दे दिया और उसने पाप की कमाई हमेशा के लिए छोड़ दी।
ईश्वर के सच्चे भक्त जहां कहीं भी हों, जिस हालात में हो, वे हमेशा मनुष्य जन्म के असली उद्देश्य की ओर इशारा करते हैं और भूले भटके जीवों को नेकी की राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
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भगवान देख रहा है
जब तुम किसी को ठगते हो,
झूठ बोलते हो,
चोरी करते हो,
हिंसा करते हो,
रिश्वत लेते हो,
किसी को सताते हो,
पर स्त्री गमन करते हो
तो याद रखो भगवान देख रहा है।
तुम्हें कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ेगा,
तुम दुखी होते हो,
चिंतित होते हो,
बिमारी से परेशान हो
तथा परिवार की सुख शांति नष्ट करते हो।
तो समझ लो ये सब दुख तुम्हारे ही पाप कर्मों का फल है।
स्वर्ग की सीढ़ी
मारना चाहते हो तो बुरी इच्छाओं को मारो।
जीतना चाहते हो तो क्रोध और तृष्णाओं को जीतो।
खाना चाहते हो तो गुस्से को खाओ।
पीना चाहते हो तो ईश्वर भक्ति का शर्बत पीओ।
देना चाहते हो तो नीची निगाह करके दो और भूल जाओ।
लेना चाहते हो तो माता-पिता और गुरू का आशीर्वाद लो।
जाना चाहते हो तो सत्संगों एवं स्वास्थ्यप्रद स्थानों पर जाओ।
छोडऩा चाहते हो तो पाप, घमण्ड और अत्याचार को छोड़ो।
बोलना चाहते हो तो सत्य और मीठे वचन बोलो।
खरीदना चाहते हो तो प्रेम का सौदा खरीदो।
तोलना चाहते हो तो बात को तोलो और ठीक बोलो।
देखना चाहते हो तो अपनी बुराई को देखो।
सुनना चाहते हो तो ईश्वर की प्रशंसा और दुखियों की पुकार को सुनो।
भागना चाहते हो तो पराई निंदा और पराई स्त्रियों से भागो।
इन अच्छाइयां में ही स्वर्ग की सीड़ी है।
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।
नित याद करें शिव परमात्मा को🌹🙏🌹💐
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