ॐ शांति
मेरे प्यारे भाई - बहन, एकाग्रता की शक्ति की बहुत जरुरत होती हैं जब आप कोई लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं? मैं ब्रह्मा कुमारिज के सेंटर जाता हूँ और रोज मैं गीता पाठशाला में एक घंटे गीता क्लास करता हूँ और राजयोग के अभ्यास द्वारा (राजयोग से जो अष्ट शक्तियां प्राप्त होती हैं) मुझे बहुत लाभ मिला हैं |
मैं इस पोस्ट में अपना मंथन आप लोगो को बता रहा हूँ कि आज की मुरली( ब्रह्माकुमारीज़ में रोज होने वाले क्लास) में बाबा ने कहा कि अगर मन - बुद्धि हमारा एकाग्र रहे तो हम बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. अब सवाल उठता हैं कि हम आज के व्यस्त जीवन में अपने मन - बुद्धि को एकाग्र कैसे करें?
प्यारे शिव बाबा (परमपिता परमात्मा) ने कहा कि बच्चे राजयोग के अभ्यास द्वारा एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाओ | जब आप अपने को आत्मा समझ भगवान को याद करते हैं और सबको भाई - भाई को दृष्टि से देखते हैं तोह आपकी स्थिति एकरस हो जाती हैं और व्यर्थ से बच जाते हैं | ज्यादा मेहनत नहीं लगती हैं और हमारा मन एकाग्र हो जाता हैं परमपिता की याद में | अब हम कोई भी काम करते हैं तोह हमें सफलता मिलती ही मिलती हैं | क्योकि हम हर कर्म को भगवान की याद में करते हैं, निमित भाव से करते हैं | हमारे मन में इसी भी प्रकार का व्यर्थ नहीं चलता हैं, हमेशा सबके लिए कल्याण की भावना होती हैं जैसे हमारे शिव बाबा कल्याणकारी हैं | जिस प्रकार सूर्य भी अपनी रौशनी देते समय भेदभाव नहीं करता हैं |
फिर मीठे बाबा ने कहा कि बच्चे अपने मन - बुद्धि को सदा आदेश अनुसार चलाओ, मतलब जो आत्मा बोले वही हमारी कर्मइन्द्रियाँ करे, यह नहीं कि मन कुछ और बोले और हम कुछ और करें | जैसे सोचें वैसा करे, यह नहीं कि सोचे कुछ और करे कुछ और |
मन को हमें राजयोग के अभ्यास द्वारा इतना शक्तिशाली बनाना हैं कि मन - बुद्धि हमेशा आत्मा(महाराजा) के दिए गए आदेश अनुसार चले | कभी भी सपने में भी हलचल न हो | तभी हम पुरे तरीके से एकाग्र हो सकेंगे और अपने लक्ष्य में सफल हो सकेंगे |
मेरे प्यारे भाई - बहन, एकाग्रता की शक्ति की बहुत जरुरत होती हैं जब आप कोई लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं? मैं ब्रह्मा कुमारिज के सेंटर जाता हूँ और रोज मैं गीता पाठशाला में एक घंटे गीता क्लास करता हूँ और राजयोग के अभ्यास द्वारा (राजयोग से जो अष्ट शक्तियां प्राप्त होती हैं) मुझे बहुत लाभ मिला हैं |
मैं इस पोस्ट में अपना मंथन आप लोगो को बता रहा हूँ कि आज की मुरली( ब्रह्माकुमारीज़ में रोज होने वाले क्लास) में बाबा ने कहा कि अगर मन - बुद्धि हमारा एकाग्र रहे तो हम बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. अब सवाल उठता हैं कि हम आज के व्यस्त जीवन में अपने मन - बुद्धि को एकाग्र कैसे करें?
प्यारे शिव बाबा (परमपिता परमात्मा) ने कहा कि बच्चे राजयोग के अभ्यास द्वारा एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाओ | जब आप अपने को आत्मा समझ भगवान को याद करते हैं और सबको भाई - भाई को दृष्टि से देखते हैं तोह आपकी स्थिति एकरस हो जाती हैं और व्यर्थ से बच जाते हैं | ज्यादा मेहनत नहीं लगती हैं और हमारा मन एकाग्र हो जाता हैं परमपिता की याद में | अब हम कोई भी काम करते हैं तोह हमें सफलता मिलती ही मिलती हैं | क्योकि हम हर कर्म को भगवान की याद में करते हैं, निमित भाव से करते हैं | हमारे मन में इसी भी प्रकार का व्यर्थ नहीं चलता हैं, हमेशा सबके लिए कल्याण की भावना होती हैं जैसे हमारे शिव बाबा कल्याणकारी हैं | जिस प्रकार सूर्य भी अपनी रौशनी देते समय भेदभाव नहीं करता हैं |
फिर मीठे बाबा ने कहा कि बच्चे अपने मन - बुद्धि को सदा आदेश अनुसार चलाओ, मतलब जो आत्मा बोले वही हमारी कर्मइन्द्रियाँ करे, यह नहीं कि मन कुछ और बोले और हम कुछ और करें | जैसे सोचें वैसा करे, यह नहीं कि सोचे कुछ और करे कुछ और |
मन को हमें राजयोग के अभ्यास द्वारा इतना शक्तिशाली बनाना हैं कि मन - बुद्धि हमेशा आत्मा(महाराजा) के दिए गए आदेश अनुसार चले | कभी भी सपने में भी हलचल न हो | तभी हम पुरे तरीके से एकाग्र हो सकेंगे और अपने लक्ष्य में सफल हो सकेंगे |
स्लोगन:-
कमल पुष्प के समान न्यारे रहो तो प्रभू के प्यार का पात्र बन जायेंगे।
आप भी अगर राजयोग का अभ्यास करना चाहते हैं तो अपने नजदीकी ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर जरूर पधारे और इसका लाभ ले |
सेंटर कैसे ढूंढे
http://www.brahmakumaris.org/centre-locator
My Own Experience of practicing the Rajyoga Meditation
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आपने अपना समय दिया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद् - ॐ शांति
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