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My Great Experience in Shivir, Mount Abu, Madhuban 16 May to 20 May 2019

Om Shanti

Pyare shiv baba, parampita parmatma ke ati snehi bhaiyon aur bahno, mujhe apne loukik parivar ke sath Mount Abu, Brahma kumaris ke Rajyoga Shivir main jane ka mouka mila. Main apne personal blog main apna sukhad anubhaw share karna chahta hun.

Waha Mount Abu, Brahma Kumaris ke gate ke ander pravesh karte hu lagta hai jaise ham swarg me pravesh kar chuke hain. Bahar ka aur ander ka Pura environment, vibration change ho jata hain, jaise hi ham ander pravesh karte hai, bahut hi sukhad, shanti, joyful mahsus hota hai aur hamare sare rog jaise khatam ho jate hain.

Hame ander pravesh karte hi jaise bahut apnapan anubhaw hota hain. Waha itna sare pure brothers and sisters ke yog ka prabhaw hai, isliye vibration waha ka bahut hi aacha hota hain. Purity main bahut takat hoti hain. Aur Mount Abu toh pavitra sadhu, sanyasio ka hi kshetra raha hain.

ManMohini complex, Madhuvan
Shanti van, diamond hall
Amba jee mandir
Jain temple
Ropeway
Pandav Bhawan
Gyan Sarovar
Dadi Jee Peace Park
Tapasya Bhawan
Baba's room
Dadi Prakashmani park
Shanti van Kitchen and all departments
Brahma Kumaris Solar Panel Projects






मन बुद्धि की एकाग्रता द्वारा सर्व सिद्धियां प्राप्त करे




ॐ शांति

मेरे प्यारे भाई - बहन,  एकाग्रता की शक्ति की बहुत जरुरत होती हैं जब आप कोई लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं? मैं ब्रह्मा कुमारिज के सेंटर जाता हूँ और रोज मैं गीता पाठशाला में एक घंटे गीता क्लास करता हूँ और राजयोग के अभ्यास द्वारा (राजयोग से जो अष्ट शक्तियां प्राप्त होती हैं) मुझे बहुत लाभ मिला हैं |

मैं इस पोस्ट में अपना मंथन आप लोगो को बता रहा हूँ कि आज की मुरली( ब्रह्माकुमारीज़ में रोज होने वाले क्लास) में बाबा ने कहा कि अगर मन - बुद्धि हमारा एकाग्र रहे तो हम बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त  कर सकते हैं. अब सवाल उठता हैं कि हम आज के व्यस्त जीवन में अपने मन - बुद्धि को एकाग्र कैसे करें?

प्यारे शिव बाबा (परमपिता परमात्मा) ने कहा कि बच्चे राजयोग के अभ्यास द्वारा एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाओ | जब आप अपने को आत्मा समझ  भगवान को याद करते हैं और सबको भाई - भाई को दृष्टि से देखते हैं तोह आपकी स्थिति एकरस हो जाती हैं और व्यर्थ से बच जाते हैं | ज्यादा मेहनत नहीं लगती हैं और हमारा मन एकाग्र हो जाता हैं परमपिता की याद में | अब हम कोई भी काम करते हैं तोह हमें सफलता मिलती ही मिलती हैं | क्योकि हम हर कर्म को भगवान की याद में करते हैं, निमित भाव से करते हैं | हमारे मन में इसी भी प्रकार का व्यर्थ नहीं चलता हैं, हमेशा सबके लिए कल्याण की भावना होती हैं जैसे हमारे शिव बाबा कल्याणकारी हैं | जिस प्रकार सूर्य भी अपनी रौशनी देते समय भेदभाव नहीं करता हैं |

फिर मीठे बाबा ने कहा कि बच्चे अपने मन - बुद्धि को सदा आदेश अनुसार चलाओ, मतलब जो आत्मा बोले वही हमारी कर्मइन्द्रियाँ करे, यह नहीं कि मन कुछ और बोले और हम कुछ और करें | जैसे सोचें वैसा करे, यह नहीं कि सोचे कुछ और करे कुछ और |

मन को हमें राजयोग के अभ्यास द्वारा इतना शक्तिशाली बनाना हैं कि मन - बुद्धि हमेशा आत्मा(महाराजा) के दिए गए आदेश अनुसार चले | कभी भी सपने में भी हलचल न हो | तभी हम पुरे तरीके से एकाग्र हो सकेंगे और अपने लक्ष्य में सफल हो सकेंगे |


स्लोगन:-
कमल पुष्प के समान न्यारे रहो तो प्रभू के प्यार का पात्र बन जायेंगे।

आप भी अगर राजयोग का अभ्यास करना  चाहते हैं तो अपने नजदीकी ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर जरूर पधारे और इसका लाभ ले | 


आपने अपना समय दिया,  उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद् - ॐ शांति 

राजयोग से प्राप्ति - अष्ट शक्तियाँ

rajyogameditation.org
4 Subjects and 8 Power by Rajyoga Meditation
4 Subjects and 8 Power by Rajyoga Meditation

राजयोग से प्राप्ति - अष्ट शक्तियाँ

राजयोग के  अभ्यास से अर्थात  मन का नाता परमपिता परमात्मा के साथ जोड़ने से, अविनाशी सुख-शांति की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही कई प्रकार की अध्यात्मिक शक्तियाँ भी आ जाती है इनमें से आठ मुख्य और बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

 "सिकोड़ने और फैलानी की शक्ति"

जैसे  कछुआ अपने अंगों को जब चाहे सिकोड़ लेता है, जब चाहे उन्हें फैला लेता है, वैसे ही 🧘‍♂राजयोगी जब चाहे अपनी इच्छानुसार अपनी कर्मेन्द्रियों के द्वारा कर्म करता है और जब चाहे विदेही एवं शान्त अवस्था में रह सकता है। इस प्रकार विदेही अवस्था में रहने से उस पर माया का वार नहीं होगा।

 "समेटने की शक्ति"

इस संसार को मुसाफिर खाना तो सभी कहते हैं,लेकिन  व्यवहारिक जीवन में वे इतना तो विस्तार कर लेते हैं कि अपने कार्य और बुद्धि को समेटना चाहते हुए भी नहीं कर पाते, जबकि योगी अपनी बुद्धि को इस विशाल दुनिया में न फैला कर एक  परमपिता परमात्मा की तथा आत्मिक सम्बन्ध की याद में ही अपनी बुद्धि को लगाये रखता है। वहz कलियुगी संसार से अपनी बुद्धि और संकल्पों का बिस्तर व पेटी समेटकर सदा अपने घर-परमधाम में  चलने को तैयार रहता है ।

 "सहन शक्ति"

जैसे  वृक्ष पर पत्थर मारने पर भी मीठे  फल देता है और अपकार करने वाले पर भी उपकार करता है, वैसे ही एक 🧘‍♂योगी भी सदा अपकार करने वालों के प्रति भी शुभ भावना और शुभ कामना ही रखता है।

 "समाने की शक्ति"

योग का  अभ्यास मनुष्य की बुद्धि विशाल बना देता है और मनुष्य गंभीरता और मर्यादा का गुण धारण करता है। थोड़ी सी खुशियाँ, मान, पद पाकर वह अभिमानी नही बन जाता और न ही किसी प्रकार की कमी आने पर या हानि होने के अवसर पर दुखी होता है वह तो समुद्र की तरह सदा अपने दैवी कुल की मर्यादा में बंधा रहता है और गंभीर अवस्था में रहकर दूसरी आत्माओं के अवगुणों को न देखते हुए केवल उनसे गुण ही धारण करता है।

 "परखने की शक्ति"

जैसे एक पारखी (जौहरी)  आभूषणों को कसौटी पर परखकर उसकी असल और नक़ल को जान जाता है, ऐसे ही🧘‍♂ योगी भी, किसी भी मनुष्यात्मा के  संपर्क में आने से उसको परख लेता है और उससे सच्चाई या झूठ कभी छिपा नही रह सकता। वह तो सदा सच्चे  ज्ञान-रत्नों को ही अपनाता है तथा अज्ञानता के झूँठे कंकड़, पत्थरों में अपनी बुद्धि नहीं फँसाता।

 "निर्णय शक्ति"

यह शक्ति स्वत: प्राप्त हो जाती है। वह उचित और अनुचित बात का शीघ्र ही निर्णय कर लेता है। वह व्यर्थ संकल्प और परचिन्तन से मुक्त होकर सदा  प्रभु चिंतन में रहता है।

 "सामना करने की शक्ति"

🧘‍♂ योग के अभ्यास से मनुष्य को सामना करने की शक्ति भी प्राप्त होती है। यदि उसके सामने अपने निकट सम्बन्धी की मृत्यु-जैसी  आपदा आ भी जाये अथवा सांसारिक समस्याऐं  तूफान का रूप भी धारण कर लें तो भी वह कभी विचलित नहीं होता और उसका आत्मा रूपी दीपक सदा ही जलता रहता है तथा अन्य आत्माओं को ज्ञान-प्रकाश देता रहता है।

अन्य शक्ति, जो योग के अभ्यास से प्राप्त होती है, वह है -

 "सहयोग की शक्ति"

एक योगी अपने तन, मन, धन से तो ईश्वरीय सेवा करता ही है, साथ ही उसे अन्य आत्माओं का भी सहयोग स्वत: प्राप्त होता है, जिस कारण वे कलियुगी पहाड़ ( विकारी संसार) को उठाने में अपनी पवित्र जीवन रूपी  अंगुली देकर स्वर्ग की स्थापना के पहाड़ सरीखे कार्य में सहयोगी बन जाते हैं।

आप भी अगर राजयोग का अभ्यास करना  चाहते हैं तो अपने नजदीकी ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर जरूर पधारे और इसका लाभ ले

मेरा अनुभव

मेरा बहुत ही अच्छा अनुभव रहा, मेरे अंदर भी यह शक्तियां आ रही हैं | थैंक यू बाबा 
सेंटर कैसे ढूंढे


https://www.brahmakumaris.com/centers/


आपने अपना समय दिया,  उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद्
ॐ शांति 

About Me - BK Ravi Kumar

I am an MCA, IT Professional & Blogger, Spiritualist, A Brahma Kumar at Brahmakumaris. I have been blogging here.