आज की प्रेरणादायक कहानी 📃
दो पत्थर
*नदी पहाड़ों की कठिन व लम्बी यात्रा के बाद तराई में पहुंची।
उसके दोनों ही किनारों पर गोलाकार, अण्डाकार व बिना किसी निश्चित आकार के असंख्य पत्थरों का ढेर सा लगा हुआ था।
इनमें से दो पत्थरों के बीच आपस में परिचय बढ़ने लगा। दोनों एक दूसरे से अपने मन की बातें कहने-सुनने लगे l*
इनमें से एक पत्थर एकदम गोल-मटोल, चिकना व अत्यंत आकर्षक था
जबकि दूसरा पत्थर बिना किसी निश्चित आकार के, खुरदरा व अनाकर्षक था।
एक दिन *इनमें से बेडौल, खुरदरे पत्थर ने चिकने पत्थर से पूछा,
‘‘हम दोनों ही दूर ऊंचे पर्वतों से बहकर आए हैं
फिर तुम इतने गोल-मटोल, चिकने व आकर्षक क्यों हो जबकि मैं नहीं?’’*
यह सुनकर चिकना पत्थर बोला, “पता है शुरुआत में मैं भी बिलकुल तुम्हारी तरह ही था
लेकिन उसके बाद मैं निरंतर कई सालों तक बहता और लगातार टूटता व घिसता रहा हूं… ना जाने मैंने कितने तूफानों का सामना किया है…
कितनी ही बार नदी के तेज थपेड़ों ने मुझे चट्टानों पर पटका है…
तो कभी अपनी धार से मेरे शरीर को काटा है…
तब कहीं जाकर मैंने ये रूप पाया है।
*जानते हो, मेरे पास हेमशा ये विकल्प था
कि मैं इन कठनाइयों से बच जाऊं और आराम से एक किनारे पड़ा रहूँ…
पर क्या ऐसे जीना भी कोई जीना है?
नहीं, मेरी नज़रों में तो ये मौत से भी बदतर है!*
तुम भी अपने इस रूप से निराश मत हो…
तुम्हें अभी और संघर्ष करना है और निरंतर संघर्ष करते रहे
तो एक दिन तुम मुझसे भी अधिक सुंदर, गोल-मटोल, चिकने व आकर्षक बन जाओगे।
मत स्वीकारो उस रूप को जो तुम्हारे अनुरूप ना हो…
तुम आज वही हो जो मैं कल था….
कल तुम वही होगे जो मैं आज हूँ…
या शायद उससे भी बेहतर!”, चिकने पत्थर ने अपनी बात पूरी की।
💐💐शिक्षा💐💐
*दोस्तों, संघर्ष में इतनी ताकत होती है
कि वो इंसान के जीवन को बदल कर रख देता है।
आज आप चाहे कितनी ही विषम पारिस्थति में क्यों न हों… संघर्ष करना मत छोड़िये….
अपने प्रयास बंद मत करिए. आपको बहुत बार लगेगा कि आपके प्रयत्नों का कोई फल नहीं मिल रहा
लेकिन फिर भी प्रयत्न करना मत छोडिये।
और जब आप ऐसा करेंगे तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आपको सफल होने से रोक पाएगी।*
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।
🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹
नित याद करो शिव परमात्मा को ☝🏻
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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