जीवन में क्या क्या विकर्म होता है ?
🙈 व्यर्थ ओर नेगेटिव चीज़े देखना।
🙉 व्यर्थ, परचिन्तन ओर नेगेटिव बाते सुनना।
🙊 व्यर्थ, परचिन्तन ओर नेगेटिव बाते करना।
- कटुवचन ओर झूट बोलना।
- बाबा से कुछ भी छिपाना।
- बाबा को उल्हना देना।
- अपना दोष दूसरों पर लगाना।
- स्वचिन्तन के बदले परचिन्तन ओर स्वदर्शन के बदले परदर्शन करना।
- अपनी गलती को किसी भी तरह से सही साबित करना। स्तय को छिपाना।
- दूसरों को शारीरिक दृष्टि से देखना, आत्मिक दृष्टि से न देखना।
- थोड़ा बहुत झूट तो चलता है यह सोचना।
- दूसरों को आगे बढ़ते हुए देख जलना।
- दूसरों को बद्दुआ देना।
- किसी को दुख देना और दुख लेना।
- बाबा के घर से कुछ भी बिन कहे उठा लेना।
- व्यर्थ चिंतन और बाते करते हुए भोजन करना।
- अमृतबेला न करना।
- मुरली मिस करना या मुरली में रुचि न रखना।
- स्वार्थ वश सेवा करना।
- बाबा को धन्यवाद कर खिलाए बिना कुछ भी खा लेना।
- सगे संबंधियों में मोह रखना।
- बाबा को सारा दिन का चार्ट न देना।
- बात बात पर फिलिंग में आना।
- ज्ञान चिंतन न करना।
- बाबा के निमित्त को सम्मान न करना।
- दूसरों की ग्लानि करते रहना।
- ज्ञान की धारणा न करना।
- क्रोध करना।
- दूसरों को मैनिपुलेट करना अर्थात दूसरों को अपने जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करना।
- लोभ करना।
- हद की इच्छाएं रखना।
- मन, वचन और कर्म भिन्न रूप होना।
- दुनियावी चीज़ों के प्रति आकर्षित होना।
- बाबा को डोंट केअर करना।
- श्रीमत को न मानना।
- झरमुई झंगमुई में समय बिताना।
- बाबा से न कर मनुष्यों से मन की बाते शेयर करना।
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