क्या पेड़ पौधों 🌱मे जान होती हैं ❓क्या उनमें आत्मा होती हैं या वो जड़ हैं उनकी वृद्धि कैसे होती हैं स्पस्ट करें❓❓
🌾 पहले तो ये समझना चाहिए क़ि क्या पेड़ पौधों में आत्मा होती हैं, आत्मा केवल मनुष्य व एनिमल्स में होती हैं प्लांट्स में आत्मा नही होती। ये सुनकर आपको आश्चर्य लग रहा होगा अगर पेड़ पौधों में आत्मा नही होती हैं तो पेड़ पौधे grow ग्रो कैसे करते हैं।
🌴 पेड़ पौधो में अलग से कोई आत्मा प्रवेश नहीं करती है जिस तरह प्राणीयों में प्रवेश करती है। उनमें जड़ तत्वों के विशेष गुण होते हैं जो चेतन जैसे प्रतीत होते है l
इनमें मस्तिष्क नहीं होताl इसलिये वे सोच नहीं सकते लेकिन उनमें तंत्रिका तंत्र होता है, जो उन्हे प्रतिक्रिया देने में सहायता करता है l जैसे छुईमुई का पौधा, सूरजमुखी आदि l
🌾 पुरे ब्रह्माण्ड में दो चीजें हैं एक होता हैं जीव और दूसरी होती हैं आत्मा, जीव अर्थात मैटर कई बार मैटर भी ऐसी हरकतें दिखाता हैं जिससे ये लगें कि उसके अंदर चेतना या जान हैं लेकिन वो चेतना नही होती। जैसे कोई भी पौधे के अंदर ब्रेन नही होता है और न वो सुख और दुःख या दर्द को महसूस कर सकते हैं , पेड़ पौधों के अंदर सोचने समझने की शक्ति भी नही होती हैं।
🌴 एनिमल्स के अंदर नर्वस सिस्टम होता हैं वे सुख दुःख को महसूस कर सकते हैं प्लांट्स नही कर सकते। कोई भी बायोलॉजिकल रिसर्च ये नही बता रहा हैं कि प्लांट्स के अन्दर नर्वस सिस्टम होते हैं जब नर्वस सिस्टम ही नही तो प्लांट्स फील ही नही कर सकता सुख और दुःख, इसलिए पेड़ को हम काट रहे हैं तो उसकी हम हत्या कर रहे हैं या हिंसा कर रहे हैं ऐसा नही हैं।
🌱🌱🌱उनकी वृद्धि कैसे होती है ?
🌾 पेड़-पौधो में भिन्न-भिन्न प्रकार होते है l और उनके अपने बीज होते है, जिनके आधार पर वे अनुकूल वातावरण में अंकुरित होते हैं l फलते-फूलते हैं और अपने गुण-धर्म के अनुरूप पंच तत्वों अर्थात् मिट्टी, पानी, हवा, अग्नि, आकाश से अणु-परमाणु आकर्षित करके अपनी वृद्धि करते हैं l और आगे के लिये नये बीजो का सृजन करते है l इनमें कोशिकाएँ होती हैं l और इनका एक मैगनेटिक फील्ड होता है जो उसके आकार, प्रकार और स्वरूप पर निर्भर करता, परन्तु उसमें सोचने समझने, स्थान्तरित होने आदि की अपनी शक्ति नही होती है जैसे चेतन आत्मा की होती है l
🌴 पेड़ पौधे एक लिविंग मैटर हैं जो फिजियो केमिकल रिएक्शन के तहत बढ़ते हैं। पेड़-पौधे प्रकृति की रचना है, प्रकृति मनुष्य के वाइब्रेशन को ग्रहण करती हैं पेड़ पौधो का कनेक्शन प्रकृति के 5 तत्वों से हैं बीज को जब हम धरती में बोते हैं खाद पानी डालते है उससे ही पेड़ पौधों की उत्पत्ति और वृद्धि होती हैं। सूर्य से ऊर्जा प्राप्त होती हैं जिससे पेड़ पौधों का विकास होता हैं। ऐसा नही हैं कि उनमें मनुष्य की तरह आत्मा होती हैं इस कारण वो वृद्धि को पाते हैं। पेड पौधों मे जो ऊर्जा है वो उन्हें बीज से प्राप्त होती हैं । जब तक पेड पौधे अपने बीज से जुड़े है उन्हें जल मिलता है। सूर्य से उन्हें रोशनी मिलती हैं। इस तरह पेड-पौधों की वृद्धि होती हैं।
🌾 पेड़ पौधों में जो ग्रोथ होती हैं वो मनुष्यों की शरीर की ही भांति होती हैं जैसे कि प्लांट फिजियोलॉजी जो हम पढ़ते हैं कि जो सेल डिवीज़न होता हैं जो कोशिका विभाजन प्रिक्रिया के द्वारा हमारे शरीर की संरचना होती है और ग्रोथ होती हैं। उसमें 5 तत्वों का अहम रोल होता हैं - जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश उसी प्रकार से प्लांट में ही सेल डिवीज़न होता है उनके अंदर भी ग्रोथ होती हैं और इस प्रकार उनमे वृद्धि होती हैं।
🌴 पेड़ और पौधों को हम भोजन के लिए उपयोग करते हैं तो इसमें कोई हिंसा नही हैं क्योंकि इनमें कोई आत्मा नही हैं केवल लिविंग मैटर होते हैं एक तत्व होते हैं जो फिजियो केमिकल रिएक्शन के तहत बढ़ते हैं।
🌾 कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते है जिनका बीज नहीं होता हैं, उनकी कलम लगती हैं l कुछ पेड़-पौधे मांसाहारी होते हैं जैसे फिलीपींस में मिलने वाला नेपेंथिस डायनियाना नामक मांसाहारी पौधा है।
🌴 पौधें हमें छाया देते हैं भोजन देते हैं बहुत कुछ हमारा प्लांट्स पर निर्भर करता हैं इसलिए हमनें उनको देवता का रूप दे दिया हैं लेकिन वो देवता कोई हईैं नही लेकिन उनके अन्दर कोई जान नही होती हैं लेकिन आज जो कहते प्लांट्स को काटना नही चाहिए उनके अंदर भी जान होती हैं तो ये केवल अवेयरनेस के लिए हैं ऐसा जिससे लोग उसकी वैल्यू को समझें क्योंकि प्लांट्स के द्वारा हमे ऑक्सिजन मिलती हैं कार्बन डाई ऑक्साइड को कुछ प्लांट्स अब्जॉर्ब करते हैं खत्म करते हैं।तो बिना नेचर के हमारा जीवन असंभव हैं।
🌾 प्लांट्स पर भी वाइब्रेशन का प्रभाव पड़ता हैं जैसे शरीर पर पड़ता है वाइब्रेशन का प्रभाव । सबसे ज्यादा जो अब्जॉर्ब करने की पॉवर हैं वो पानी के अंदर होती हैं तो वो पौधों में ही होता हैं जिससे उनकी ग्रोथ होती हैं, इसलिए विदेशों में तो जहाँ पर प्लांट्स होते हैं वहाँ पर म्यूजिक सिस्टम लगाये जाते हैं और प्लांट्स की ग्रोथ बहुत अच्छी होती हैं। हमारी वाइब्रेशन का प्रभाव प्रकृति पर आता हैं इसलिए कहा जाता हैं कि प्रकृति को मनुष्य ने ख़राब किया हैं नेगेटिव वाइब्रेशन आये विकार आये तो उसका प्रभाव प्रकृति पर आता हैं।
🌴 पेड़ पौधे मनुष्य के वाइब्रेशन को ग्रहण करते है , जैसे की एक पौधे को आप रोज नेगेटिव वाइब्रेशन दो कि ये तो पौधा बढ़ेगा ही नही इसके फल भी अच्छे नही होंगे आदि। तो वो उसको ग्रहण अवश्य करते है और आप देखेंगे कि उसका विकास भी सही रीति नही हो पाता।
🌾 जैसे कि एक पौधे को आप रोज पॉजिटिव वाइब्रेशन दो और उसे परमात्मा पिता से कनेक्शन जोड़कर शक्ति और प्योर वाइब्रेशन दो तो वो अवश्य ही उसको ग्रहण करते हैं और उसकी growth और उसके फल में भी आपको अवश्य अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
🌴मनुष्य के संकल्पो का प्रभाव प्रकृति पर पड़ता हैं। इसके प्रैक्टिकल उदाहरण आज शाश्वत यौगिक खेती में भी आप देख सकते हैं। जिन -जिन स्थान पर खेतों में रोज योग किया गया। जो भाई /बहन प्रतिदिन वहाँ नियम से करते थे बाबा का झंडा जिन्होंने अपने खेतों में लगाया वहाँ की फसल और उसकी पैदावार भी बहुत अच्छी हुई हैं और बिना किसी कीटनाशक दवाइयों के प्रयोग के। क्योंकि प्रकृति मनुष्य के वाइब्रेशन को ग्रहण करती हैं। राजयोग के नित्य अभ्यास से हम प्रकृति को भी पावन बना सकते हैं।
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