आज की मुरली से कुछ उमंग-उत्साह के बिंदु - 21-04-2022
१. बाप की याद में रहना - यह बहुत मीठी मिठाई है, जो दूसरों को भी बांटते रहो अर्थात् अल्फ और बे का परिचय देते रहो''
२. स्थाई याद में रहना है तो देह सहित जो भी सम्बन्ध हैं उन सबको भूलो। चलते-फिरते, उठते बैठते याद में रहने का अभ्यास करो।
३. बच्चे लौकिक बाप को खास बैठकर याद करते हैं क्या?
४. यह ईश्वरीय योग तुमको स्वयं ईश्वर सिखला रहे हैं।
५. देह सहित देह के जो भी सम्बन्ध हैं उन सबको भूल मुझ एक के साथ योग लगाओ तब तुम्हारा कल्याण होगा और तुम विकर्माजीत बन जायेंगे।
६ . निराकार बाप आकर सद्गति देते हैं फिर आधाकल्प हम सद्गति में रहते हैं।
७. तुम जानते हो अभी हम शरीर को छोड़ फिर शिवालय में जायेंगे। सतयुग है बेहद का शिवालय।
८. धन तो ब्रह्मा के पास बहुत था। जब देखा कि अल्फ से बादशाही मिलती है तो धन क्या करेंगे? क्यों न सब कुछ अल्फ के हवाले कर बादशाही लेंवे।
९. बाबा के पास जो आते हैं - उनकी बहुत अच्छी पालना होती है।
१०. बाबा कहते हैं सबको रास्ता बताओ कि बेहद के बाप को याद करो और चक्र की नॉलेज को याद करो तो तुम्हारा बेड़ा पार हो जायेगा।
११. बेहद के बाप स्वर्ग के रचयिता से स्वर्ग के सदा सुख का वर्सा कैसे मिलता है। यह छोटी-छोटी चिटकियां पर्चे बांटते रहना चाहिए।
१२. दिल में बहुत उमंग रहना चाहिए। कोई भी धर्म वाला आये तो हम ऐसे समझायें।
१३. सर्व शक्तियों द्वारा हर कम्पलेन को समाप्त कर कम्पलीट बनने वाले शक्तिशाली आत्मा भव
१४. शान्ति और धैर्यता की शक्ति से विघ्नों को समाप्त करने वाले ही विघ्न-विनाशक हैं।
अपना असली लक्ष्य हैं - मैं आत्मा उस परमात्मा की संतान हूँ। असुल में कर्मातीत हूँ फिर अपने आपको भूलने से कर्मबन्धन में आ गई, अब फिर से वो याद आने से, इस ईश्वरीय योग में रहने से अपने किये हुए विकर्म विनाश कर रहे हैं। भविष्य में जाकर जीवन-मुक्त देवी देवता पद पायेंगे